05/10/2020

शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि

*सुन्नियत का काम करेंगे!*📚 *मसलक ए आला हजरत को आम करेंगे!



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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*​🥀 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*_​

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       _*🌐हुज़ूर गौसे पाक के मुख़्तसर हालात🌐*_

_💫सरकारे बगदाद हुज़ूर गौसे पाक रहमतुल्लाह अलैहे की कुनयत_

*🌙अबू मुहम्मद*

*⭐और अलक़ाबात*

_🌠मुहयुद्दीन, महबूबे सुब्हानी, गौसुस्स-क़लैन, गौसुल आ’ज़म वगैरा है।_

_📃🥀आप 470 ही. में बगदाद शरीफ के क़रीब क़स्बा जिलान में पैदा हुए_

_🍃🗓और 561 ही. में बगदाद शरीफ ही में विसाल फ़रमाया,_

_✅आप का मज़ारे पुर अन्वार इराक़ के मशहूर शहर बगदाद शरीफ में है।_

        _*🌟गौस किसे कहते है ?🌟*_

_🔮गौसिय्यत बुज़ुर्गी का एक खास दर्जा है,_

_🔮लफ़्ज़े “गौस” के लुगवि माना है “फरियाद-रस यानी फ़रियाद को पहुचने वाला”_

_🌙चुकी हज़रते शैख़ अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैहे गरीबो, बे कसो और हाजत मन्दो के मददगार है इसलिए आप को ग़ौसे आ’ज़म के खिताब से सरफ़राज़ किया गया,_

_✨और बाज़ अक़ीदत मन्द आपको “पिराने पिर दस्त-गिर” के लक़ब से भी याद करते है।_

*📕हवाला*

*ग़ौसे पाक के हालात, सफा 16📚*

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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*​🥀 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*_​

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_*🌟ग़ौसे पाक का नसब शरीफ🌟*_

_✨आप रहमतुल्लाह अलैहे वालीदे मजीद की निस्बत से ह-सनी है,_

_✨सिलसिलए नसब यु है👇🏻_

_सय्यिद मुहयुद्दीन अबू मुहम्मद अब्दुल क़ादिर बिन_

_सय्यिद अबू सालेह जंगी दोस्त बिन_

_सय्यिद अबू अब्दुल्लाह बिन_

_*💞सय्यिद याहया बिन*_

_*💞सय्यिद मुहम्मद बिन*_

_*💞सय्यिद दावूद बिन*_

_*💞सय्यिद मूसा सानी बिन*_

_*💞सय्यिद अब्दुल्लाह बिन*_

_*💞सय्यिद मूसा जौन बिन*_

_*💞सय्यिद अब्दुल्लाह महज़ बिन*_

_*💞सय्यिद इमाम हसन मुसन्ना बिन*_

_*💞सय्यिद इमामे हसन बिन*_

_*सय्यिदुना अलिय्युल मुर्तज़ा*_

_*🌹✨और आप रहमतुल्लाह अलैहे अपनी वालिदए माजिदा की निस्बत से हुसैनी सय्यिद है।*_

_*🌟ग़ौसे पाक के आबाओ अज्दाद🌟*_

_✨आप रहमतुल्लाह अलैहे का खानदान सालीहीन का घराना था_

“`✨आप के नानाजान, दादाजान, वालीदे माजिद, वालिदए मोहतरमा, फुफिजान, भाई और साहिब जा-दगान सब मुत्तक़ी व परहेज़ गार थे, इसी वजह से लोग आप के खानदान को अशराफ

का खानदान कहते है।“`

*📕हवाला*

*📚ग़ौसे पाक के हालात, सफा 16-17*

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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*​🥀 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*_​

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_*🌟ग़ौसे पाक के वालीदे मोहतरम🌟*_

“`✨🌸आप रहमतुल्लाह अलैहे के वालीदे मोहतरम हज़रते अबू सालेह सय्यिद मूसा जंगी दोस्त रहमतुल्लाह अलैहे थे, आप का इसमें गिरामी “सय्यिद मूसा” कून्यत “अबू सालेह” और लक़ब “जंगी दोस्त” था, आप जिलान शरीफ के अकाबिर मशाईखे किराम में से थे।“`

_*🌙जंगी दोस्त लक़ब की वजह🌙*_

_🌸✨आप रहमतुल्लाह अलैहे का लक़ब जंगी दोस्त इस लिये हुवा की आप खली-सतन अल्लाह की रिज़ा के लिये नफ़्स कुशी और रियाज़ते शर-ई में यकताए ज़माना थे,_

_🌸✨नेकी के कामो का हुक्म करने और बुराई से रोकने के लिये मश्हूर थे,_

_*🌟ग़ौसे पाक के नानाजान🌟*_

“`🌸✨हुज़ूर सय्यिदुना गौसुल आ’ज़म रहमतुल्लाह अलैहे के नानाजान हज़रते अब्दुल्लाह सौमई रहमतुल्लाह अलैहे जिलान शरीफ के मशाइख में से थे, आप निहायत ज़ाहिद और परहेज़ गार होने के इलावा साहिबे फ़ज़्लो कमाल भी थे, बड़े बड़े मशाईखे किराम से आप ने शरफे मुलाक़ात हासिल किया।“`

*📕हवाला*

*📚ग़ौसे पाक के हालात, सफा 18-19*

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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*​🥀 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*_​

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_*🌟ग़ौसे पाक की विलादत की बिशारत🌟*_

*⤵Post~01*

_*🌹🌴सरकार ﷺ की बिशारत🌴🌹*_

“`✨महबूबे सुब्हानी, शैख़ अब्दुल क़ादिर जिलानी के वालीदे मजीद हज़रते सय्यिदुना अबू सालेह मूसा जंगी दोस्त राह्मतुल्लाहे तआला ने हुज़ूर गौसे आ’ज़म अलैहिर्रहमा की विलादत की रात मुशाहदा फ़रमाया की सरवरे काइनात, फ़ख़रे मौजूदात ﷺ मअ सहाबाए किराम और औलियाए इज़ाम उनके घर जल्वा अफ़रोज़ है और इन अल्फ़ाज़े मुबारका से उन को खिताब फरमा कर बिशारत से नवाज़ा :“`

_✨ऐ अबू सालेह ! अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ ने तुम को ऐसा फ़रज़न्द अता फ़रमाया है जो वाली है और वो मेरा और अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ का महबूब है और उसकी औलिया और अक़्ताब में वैसी ही शान होगी, जेसी अम्बिया और मुरसलीन अलैहिसलातु वस्सलाम में मेरी शान है।_

_*🌙अम्बियाए किराम की बिशारत🌙*_

_✨हज़रते अबू सालेह मूसा जंगी दोस्त रहमतुल्लाह अलैह को ख्वाब में शहंशाहे अरबो अ’ज़म के इलावा जुम्ला अम्बियाए किराम अलैहिमुस्सलाम ने ये बिशारत दी की_

_🥀✨”तमाम औलियाउल्लाह तुम्हारे फऱज़न्दे अर्जुमंद के मुतीअ होंगे और उन की गर्दनो पर इनका क़दम मुबारक होगा।_

*📕हवाला*

*📒सीरते गौसुस्स-क़लैन, सफा 55*

*📚ग़ौसे पाक के हालात, सफा 22-23*

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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*🌟ग़ौसे पाक की विलादत की बिशारत🌟*_

*⤵Post~02*

_*🎁हज़रते हसन बसरी की बिशारत🌸*_

_💫जिन मशाइख ने हज़रते ग़ौसे आ’ज़म रहमतुल्लाह अलैह की क़ुतबिय्यत के मर्तबे की गवाही दी है “रौ-ज़तुन्नवाज़िर” और “नूज़हतुल खवातिर” में साहिबे किताब उन मशाइख का तज़्क़िरा करते हुए लिखते है :_

_🌸💎आप रहमतुल्लाह अलैह से पहले अल्लाह के औलिया में से कोई भी आप का मुन्किर न था बल्कि उन्होंने आप की आमद की बिशारत दी,_

_💫चुनान्चे हज़रत हसन बसरी ने अपने ज़मानए मुबारक से ले कर हज़रते शैख़ मुहीउद्दीन अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह के ज़मानए मुबारक तक तफ़सील से खबर दी की जितने भी अल्लाह के औलिया गुज़रे है सब ने शैख़ अब्दुल क़ादिर जिलानी की खबर दी है।_

*📕सीरते गौसुस्स-क़लैन, 58*

_*🎁हज़रते जुनैद बगदादी की बिशारत🌺*_

_💫आप रहमतुल्लाह अलैह इर्शाद फरमाते है की “मिझे आ’लमे गैब से मालुम हुवा है की पाचवी सदी के वस्त में सय्यिदुल मुर-सलीन की औलादे अतहार में से एक कुत्बे आ’लम होगा, जिन का लक़ब मुहीउद्दीन और इस्मे मुबारक अब्दुल क़ादिर है और वो ग़ौसे आ’ज़म होगा और जिलान में पैदा होगी,_

_🌺💫उनको खतमुन्नबीय्यिन की औलादे अतहार में से आइम्मए किराम और सहाबाए किराम के इलावा अव्वलिनो आखिरिन के “हर वाली और वालिय्या की गर्दन पर मेरा क़दम है। कहने का हुक्म होगा।_

_*📕सीरते गौसुस्स-क़लैन,57*_

*✒हवाला*

*📚ग़ौसे पाक के हालात, सफा 23-24*


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_*🌟ग़ौसे आ’ज़म की वक़्ते विलादत करामत का ज़ुहर🌟*_

_✨आप रहमतुल्लाह अलैह की विलादत माहे रमज़ानुल मुबारक में हुई और पहले दिन ही रोज़ा रखा। सहरी से ले कर इफ्तारी तक आप अपनी वालिदए मोहतरमा का दूध न पिटे थे,_

_✨चुनान्चे गौसुस्स-क़लैन् शैख़ अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह की वालिदए माजिदा फरमाती है की जब मेरा फ़रज़न्द अर्जुमन्द पैदा हुवा तो रमज़ान शरीफ में दिन भर दूध न पिटा था।_

_*🌙आप के बचपन की बरकतें🌙*_

_✨आप की वालिदए माजिदा फरमाया करती थी : जब मेने अपने साहिब ज़ादे अब्दुल क़ादिर को जना तो वो रमज़ानुल मुबारक में दिन के वक़्त मेरा दूध नहीं पिता था_

_✨अगले साल रमज़ान का चांद गुबार की वजह से नज़र न आया तो लोग मेरे पास दरयाफ़्त करने के लिये आए तो मेने कहा “मेरे बच्चे ने दूध नहीं पिया” फिर मालुम हुआ की आज रमज़ान का दिन है और हमारे शहर में ये बात मशहूर हो गई की सय्यिदो में एक बच्चा पैदा हुआ है जो रमज़ान में दिन के वक़्त दूध नहीं पिता।_

_*🔁जारी रहेगा इन्शा अल्लाह….*_

*✒हवाला*

*📚ग़ौसे पाक के हालात, सफा 24-25*

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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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     _*🌹गौसे पाक का बचपन🌹*_

               _*😔bachche की लाश😔*_

_✨ख़ानक़ाह में एक बा पर्दा खातुन अपने मुन्ने की लाश चादर में लपेटे सीने से चिपटाए जारो क़तार रो रही थी।_

_✨इतनेमें hazrat gouse aazam ke bachpan aalam दौड़ता हुवा आता है और हमदर्दाना लहजे में उस खातुन से रोने का सबब दरयाफ़्त करता है।_

_😢वो रोते हुए कहती है : बेटा ! मेरा शोहर अपने लखते जिगर के दीदार की हसरत लिये दुन्या से रुख्सत हो गया है। ये बच्चा उस वक़्त पेट में था और अब ये अपने बाप की निशानी और मेरी ज़िन्दगानी का सरमाया था, ये बीमार हो गया, में इसे इसी खानकाह में दम करवाने ला रही थी की रस्ते में इस ने दम तोड़ दिया है।_

_😞में फिर भी बड़ी उम्मीद ले कर यहा हाजिर हो गई की इस ख़ानक़ाह वाले बुज़ुर्ग की विलायत की हर तरफ धूम है और इनकी निगाहें करम से अब भी बहुत कुछ हो सकता है, मगर वो मुझे सब्र की तल्किन कर के अंदर तशरीफ़ ले जा चुके है।_

_😭ये कह कर वो खातुन फिर रोने लगी।_

_💞hazrat ka दिल पिघल गया और उस की रहमत भरी ज़बान पर ये अल्फ़ाज़ खेलने लगे :_

_✨मोहतरमा ! आप का bachcha मरा हुवा नहीं बल्कि ज़िन्दा है, देखो तो सही वो हरकत कर रहा है !_

_😔दुख्यारि मा ने बेताबी के साथ अपने मुन्ने की लाश पर से कपडा उठा कर देखा।_

*✒हवाला*

*📚गौसे पाक का बचपन, सफा 4-5*

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     _*🌹गौसे पाक का बचपन🌹*_

             _*😔bachche ki लाश😔2⃣*_

_😔दुख्यारि मा ने बेताबी के साथ अपने bachche ki लाश पर से कपडा उठा कर देखा तो वो सच मुच ज़िन्दा था और हाथ-पैर हिला रहा था।_

_🔅💠इतने में ख़ानक़ाह वाले बुज़ुर्ग अंदर से वापस तशरीफ़ लए, बच्चे को ज़िन्दा देख कर सारी बात समाज गए और लाठी उठा कर ये कहते हुवे hazrat की तरफ लपके की तू ने अभी से तक़दीरें खुदावन्दि के सरबस्ता राज़ खोलने शुरुअ कर दिये है।_

_✨🌹मदनी मुन्ना वहा से भाग खड़ा हुवा और वो बुज़ुर्ग उसके पीछे दौड़ने लगे hazrat कब्रस्तान की तरफ मुड़ा और बुलंद आवाज़ से पुकारने लगा : ऐ कब्र वालो ! मुझे बचाओ !_

_🔅💗तेज़ी से लपकते हुवे बुजीर्ग अचानक ठिठक कर रुक गए, क्यू की क़ब्रस्तान से तिन सो मुर्दे उठ कर उसी hazrat ढाल बन चुके थे और वो मदनी मुन्ना दूर खड़ा अपना चाँद सा चेहरा चमकता मुस्कुरा रहा था।_

_💞✨उस बुज़ुर्ग ने बड़ी हसरत के साथ hazrat की तरफ देखते हुवे कहा : बेटा ! हम तेरे मर्तबे को नहीं पहुच सकते, इस लिये तेरी मर्ज़ी के आगे अपना सरे तस्लीम खम करते है !_

_🍃🌹🔅 इस्लामी भाइयो ! आप जानते है वो hazrat kon the ?_

_✨🍃उस hazrat का नाम “सय्यिद अब्दुल क़ादिर” था और आगे चल कर वो गौसुल आ’ज़म के लक़ब से मशहूर हुवे। और वो बुज़ुर्ग उन के ननजान हज़रते सय्यिदुना अब्दुल्लाह सूमई रहमतुल्लाह अलैहे थे।_

*✒हवाला*

*📚गौसे पाक का बचपन, सफा 4-5*

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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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     _*🌹गौसे पाक का बचपन🌹*_

 _*🌹👑सरकार ﷺ की बिशारत👑🌹*_

_✨महबूबे सुब्हानी, शैख़ अब्दुल क़ादिर जिलानी के वालीदे मजीद हज़रते सय्यिदुना अबू सालेह मूसा जंगी दोस्त राह्मतुल्लाहे तआला ने हुज़ूर गौसे आ’ज़म अलैहिर्रहमा की विलादत की रात मुशाहदा फ़रमाया की सरवरे काइनात, फ़ख़रे मौजूदात ﷺ मअ सहाबाए किराम और औलियाए इज़ाम उनके घर जल्वा अफ़रोज़ है और इन अल्फ़ाज़े मुबारका से उन को खिताब फरमा कर बिशारत से नवाज़ा :_

_✨ऐ अबू सालेह ! अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ ने तुम को ऐसा फ़रज़न्द अता फ़रमाया है जो वाली है और वो मेरा और अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ का महबूब है और उसकी औलिया और अक़्ताब में वैसी ही शान होगी, जेसी अम्बिया और मुरसलीन अलैहिसलातु वस्सलाम में मेरी शान है।_

*✒हवाला*

*📓सीरते गौसे शकलैन, सफा 55📚*

“`🍁मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! हमारे गौसे पाक की शान किस क़दर बुलंदो बाला है की आप के पैदा होते ही गैब बताने वाले आक़ा ﷺ ने आप के बुलंद मर्तबे और शानो अज़मत की बिशारत दे दी थी नीज़ ये भी बता दिया था की आप तमाम औलिया जे सरदार होंगे इसी लिये आप के पैदा होते ही बरकात व तजल्लीय्यात का जुहूर शुरू हो गया।“`

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     _*🌹गौसे पाक का बचपन🌹*_

 _*💠✨विलादते बा सआदत✨💠*_

_💕🔅हुज़ूर गौसे पाक रहमतुल्लाह तआला अलैहे यकुम रमज़ान बरोज़े जुमुअतुल मुबारक सी. 470 ही. को बगदाद शरीफ के क़रीब क़स्बा जिलान में पैदा हुवे।_

_*✨हैरत अंगेज़ वाकीआत✨*_

_🌸🔅हज़रते सय्यिदुना अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमतुल्लाहि तआला अलैहे की विलादत बा सआदत के वक़्त बहुत से हैरत अंगेज़ वाकीआत ज़ुहर पज़ीर हुवे_

_🔮🔅सबसे बड़ी बात तो ये है की जब आप रौनक अफरोज़ आलम हुवे उस वक़्त आप की वालिदए माजिदा हज़रते उम्मुल खैर फ़ातिमा की उम्र 60 साल की थी, इस उम्र में आम तौर पर औरतो को अवलाद से ना उम्मीदी हो जाती है, ये अल्लाह का खास फ़ज़्ल था की इस उम्र में हुज़ूर गौसे आ’ज़म अलैहिस्सलाम उनके बतने मुबारक से पैदा हुवे।_

_💦🔅जिस रात हज़रते सय्यिदुना अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमतुल्लाह तआला अलैहे की विलादत हुई, उस रात जिलान शरीफ की जिन औरतो के यहाँ बच्चा पैदा हुवा उन सब को अल्लाह ने लड़का ही अता फ़रमाया और हर नव मौलूद लड़का अल्लाह का वाली बना।_

           _*🌷सुब्हान अल्लाह🌷*_

*✒हवाला*

*📚गौसे पाक का बचपन, सफा 7-8*

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     _*🌹गौसे पाक का बचपन🌹*_

_*✨💗विलादते बा सआदत💗✨*_

*📃हिस्सा…2*

_🔹आप की विलादत माहे रमज़ानुल मुबारक में हुई और पहले दिन ही से रोज़े रखना शुरू कर दिये, सहरी से ले कर इफ्तार तक आप वालिदए मोहतरमा का दूध न पीते थे।_

_💕🔹हज़रते सय्यिदुना गौसे आ’ज़म अलैहिस्सलाम की वालिदए माजिदा उम्मुल खैर फ़ातिमा फ़रमाया करती थी : जब मेरा बेटा अब्दुल क़ादिर पैदा हुवा तो वो रमज़ानुल मुबारक में दिन के वक़्त मेरा दूध नहीं पिता था,_

_🥀🔹अगले साल रमजान का चांद गुबार की वजह से नज़र न आया तो लोग मेरे पास दरयाफ़्त करने के लिये आए तो मेने कहा की मेरे बच्चे ने दूध नहीं पिया। फिर मालूम हुवा की आज रमज़ान का दिन है और हमारे शहर में ये बात मश्हूर हो गई की सय्यिदो में एक बच्चा पैदा हुवा है जो रमज़ानुल मुबारक में दिन के वक़्त दूध नहीं पिता।_

*✒हवाला*

*📚गौसे पाक का बचपन, सफा 9*

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     _*🌹गौसे पाक का बचपन🌹*_

_*🔻खेल कूद से बे रागबति🔻*_

_💞🔹देखा जाता है की बचपन में उमुमन बच्चे खेल कूद की तरफ रागिब होते है और पढाई से दूर भागते है_

_🥀✨जब की हमारे गौसे पाक की शान तो देखिये की बचपन ही से आप को खेल कूद से कोई रगबत नहीं थी,_

_🌺✨निहायत साफ सुथरे रहते और ज़बाने मुबारक से कभी कम अक्लि की बात न निकली थी,_

_🌻✨अपने लड़कपन के मुतअल्लिक़ खुद इर्शाद फरमाते है की उम्र के इब्तिदाई दौर में जब कभी में लड़को के साथ खेलना चाहता तो गैब से आवाज़ आती थी की “खेल कूद से बाज़ रहो” जिसे सुनकर में रुक जाया करता था और अपने गिर्दो पेश पर नज़र डालता तो मुझे कोई कहने वाला दिखाई न देता था, जिससे मुझे दहशत सी मालूम होती, में जल्दी से भागता हुवा घर आता और वालिदए मोहतरमा की आगोशे महब्बत में छुप जाता था,_

_🌹✨अब वोही आवाज़ में अपनी तन्हाइयो में सुना करता हु, अगर मुझे नींद नहीं आती है तो फौरन मेरे कानो में आ कर मुझे मुतनब्बेह (खबरदार) कर देती है की “तुम को इस लिये पैदा किया गया है की तुम सोया करो।”_

*✒हवाला*

*📚गौसे पाक का बचपन, सफा 12*

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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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 _*🌹गौसे पाक का बचपन🌹*_

     _*✨💠शीकमे मादर में इल्म💠✨*_

_✨5 बरस की उम्र में जब पहली बार बिस्मिल्लाह पढ़ने की रस्म के लिये किसी बुज़ुर्ग के पास बैठे तो बिस्मिल्लाह पढ़ कर सूरए फातिहा और अलिफ़-लाम-मिम से लेकर 18 पारे पढ़ कर सूना दिये।_

_*✨उन बुज़ुर्ग ने कहा बेटा ! और पढ़िये।*_

_✨फ़रमाया : बस मुझे इतना ही याद है क्यू की मेरी माँ को भी इतना ही याद था,_

_✨जब में अपनी माँ के पेट में था उस वक़्त वो पढ़ा करती थी, मेंने सुन कर याद कर लिया था।_

*✒हवाला*

*📚गौसे पाक का बचपन, सफा 15*

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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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     _*🌹गौसे पाक का बचपन🌹*_

_*✨🌷अपनी विलायत का इल्म होना🌷✨*_

_🥀✨हज़ूर गौसे आ’ज़म फरमाते है की जब में बचपन के आ’लम में मदरसे को जाया करता था तो रोज़ाना एक फरिश्ता इंसानी शक्ल में मेरे पास आता और मुझे मदरसे ले जाता, खुद भी मेरे पास बैठा रहता था, में उसे मुतलकन नहीं पहचानता था की ये फरिश्ता है,_

_☘✨एक दिन मेने उससे पूछा : आप कौन हो ? तो उसने जवाब दिया की में फरिश्तों में से एक फरिश्ता हु, अल्लाह तआला ने मुझे इस लिये भेजा है की मदरसे में आप के साथ रहा करू।_

_🌹✨इसी तरह आप फरमाते है, की एक रोज़ मेरे क़रीब से एक शख्स गुज़रा जिस को में बिलकुल न जनता था, उसने जब फरिश्तों को ये कहते सुना की कुशादा हो जाओ ताकि अल्लाह का वाली बैठ जाए, तो उसने फ़रिश्ते से पूछा की ये लड़का किस का है ? तो फ़रिश्ते ने जवाब दिया की ये सादात के घराने का लड़का है, तो उसने कहा की ये अं क़रीब बहुत बड़ी शान वाला होगा।_

_💠✨आप राह्मतुल्लाहअलैहे के साहिब ज़ादे शैख अब्दुर्रज़्ज़क रहमतुल्लाहअलैहे का बयान है की एक दफा हुज़ूर गौसे आ’ज़म से दरयाफ़्त किया गया की आप को अपने वाली होने का इल्म कब हुवा ?_

_💞✨तो आप ने फ़रमाया की जब में दस बरस का था और अपने शहर के मकतब में जाया करता था और फरिश्तों और को अपने पीछे और इर्द गिर्द चलते देखता, जब मकतब में पहुच जाता तो वो बार बार ये कहते की अल्लाह के वाली को बैठने के लिये जगह दो।_

_☪✨इसी वाकिए को बार बार देख कर मेरे दिल में ये एहसास पैदा हुवा की अल्लाह तआला ने मुझे दर्जए विलायत पर फाइज़ किया है।_

*✒हवाला*

*📚गौसे पाक का बचपन, सफा 18📕*

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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*​🥀 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*_​

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     _*🌹गौसे पाक का बचपन🌹*_

_*✨💜बचपन में राहे खुदा के मुसाफिर बन गए✨💙*_

_🌹✨गौसे पाक बचपन ही में इल्मे दिन हासिल करने के लिये राहे खुदा के मुसाफिर बन गए थे। चुनान्चे हज़रत शैख़ मुहम्मद बिन क़ाइद अवानी फरमाते है की हज़रत गौसे आ’ज़म जिलानी ने हम से फ़रमाया की बचपन में हज के दिन मुझे एक मर्तबा जंगल की तरफ जाने का इत्तिफ़ाक़ हुवा और में एक बैल के पीछे पीछे चल रहा था की उस बैल ने मेरी तरफ देख कर कहा :_

_🌱🌾ऐ अब्दुल क़ादिर तुम्हे इस किस्म के कामो के लिये तो पैदा नहीं किया गया ! में घबरा कर घर लौटा और अपने घर की छत पर चढ़ गया तो क्या देखता हु की मैदाने अरफात में लोग खड़े है, इसके बाद मेने अपनी वालिदए माजिदा की खिदमते अक़्दस में हाजिर हो कर अर्ज़ किया :_

_🦋🍁आप मुझे रहे खुदा में वक़्फ़ फरमा दे और मुझे बगदाद जाने की इजाज़त मर्हमत फरमाए ताकि में वहा जा कर इल्मे दिन हासिल करू।_

_🌿🥀वालिदा माजिदा ने मुझसे इसका सबब दरयाफ़्त किया, मेने बैल वाला वाक़ीआ अर्ज़ कर दिया तो उन की आँखों में आसु आ गए और वो 80 दिनार जो मेरे वालीदे माजिद की विरासत थे, मेरे पास ले आई तो मेने उनमेसे 40 दिनार ले लिये और 40 दिनार अपने भाई सय्यिद अबू अहमद के लिये छोड़ दिये,_

_🍂🌻वालिदए माजिदा ने मेरे 40 दिनार मेरी गुदड़ी में सी दिये और मुझे बगदाद जाने की इजाज़त इनायत फरमा दी। उन्होंने मुझे हर हाल में रास्तागोइ और सच्चाई को अपनाने की ताकीद फ़रमाई और जिलान के बाहर तक मुझे अल वदाअ कहने के लिये तशरीफ़ लाइ और फ़रमाया :_

_☘🥀ऐ मेरे प्यारे बेटे ! में तुझे अल्लाह की रिजा और ख़ुशनूदी की खातिर अपने पास से जुदा करती हु और अब मुझे तुम्हारा मुह कियामत को ही देखना नसीब होगा।_

*✒हवाला*

*📚गौसे पाक का बचपन, सफा 19-20📕*


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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*​🥀 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*_​

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     _*🌹गौसे पाक का बचपन🌹*_

_*✨📖शौके इल्मे दीन📖✨*_

_🥀🔹हज़रते सय्यिदुना शैख़ अब्दुल क़ादिर जिलानी अलैरहमा के इल्मे दिन हासिल करने का अंदाज़ बड़ा निराला था, आप के शौके इल्मे दिन का अंदाज़ इस बात से लगाइये की आप फरमाते है :_

_💞🔹में अपने तालिबे इल्म के ज़माने में असातिज़ा से सबक ले कर जंगल की तरफ निकल जाया करता था, फिर बयाबानो और विरानो में दिन हो या रात, अंधी हो या मूसलधार बारिश, गर्मी हो या सर्दी अपना मुताअला जारी रखता था,_

_🌱🔹उस वक़्त में अपने सर पर एक छीटा सा इमाम बंधता और मामूली तरकारियां खा कर शिकम की आग सर्द करता, कभी कभी ये तरकारियां भी हाथ न आती, क्यू की भूक के मारे हुवे दूसरे फकरा भी इधर का रुख कर लिया करते थे,_

_☘🔹ऐसे अवकेअ पर मुझे शर्म आती थी की में दरवेशों की हक़ तलफि करु, मजबूरन वहा से चला जाता और अपना मुताअला जारी रखता, फिर नींद आती तो खली पेट ही कंकरियो से भरी हुई ज़मीन पर सो जाता।_

_🌸🔹आप अपने इसी ज़मानए तालिबे इल्मी के बारे में फरमाते है : में ज़माने की जिन सख्तियो से दो चार हुवा, उन्हें बर्दाश्त करते करते पहाड़ भी फट जाता, ये तो उस ज़ाते बे नियाज़ का काम है की में बी आफिय्यत उन खारज़ारो (काँटेदार जंगलो) से गुज़र गया।_

*✒हवाला*

*📚गौसे पाक का बचपन, सफा 20*

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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*​🥀 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*_​

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_*🌟👑ग़ौसे पाक का इल्मो अ’मल और तक़्वा व परहेज़ गारी👑🌟*_

_🥀✨हज़रते शैख़ इमाम मौक़ीफ़ुद्दीन बिन क़ीदामा रहमतुल्लाह अलैह फरमाते है की हम 561 ही. में बगदाद शरीफ गए तो हमने देखा की शैख़ सय्यिद अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह उन्मे से है की जिन को वहा पर इल्म, अ’मल और हाल व फतवा नवीसी की बादशाहत दी गई है,_

_🌱✨कोई तालिबे इल्म यहाँ के इलावा किसी और जगह का इरादा इसलिये नहीं करता था की आप में तमाम उलूम जमा है और जो आप से इल्म हासिल करते थे आप उम् तमाम तलबा के पढ़ाने में सब्र फरमाते थे,_

_🌹✨आप का सीना फराख़ था और आप सैर चश्म थे, अल्लाह ने आप में औसाफे जमीला और अहवाले अ’ज़िज़ा जमा फरमा दिये थे।_

*📕हवाला*

*📚ग़ौसे पाक के हालात, सफा 28*

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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*🌟तेरह उलूम में तक़रीर फरमाते🌟*_

_💫🔹इमाम रब्बानी शैख़ अब्दुल वह्हाब शारानी और शैखुल मुहद्दिसिन अब्दुल हक़ मुहद्दिस देहलवी और अल्लामा मुहम्मद बिन यहया हबली रहमतुल्लाह अलैह तहरीर फरमाते है की :_

_💕🔹हज़रते अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह तेरह उलूम में तक़रीर फ़रमाया करते थे।_

_🥀🔹एक जगह अल्लामा शारानी फरमाते है की ग़ौसे पाक के मद्रसए आलिया में लोग आप से तफ़्सीर, हदिष, फिक़्ह और इल्मुल कलाम पढ़ते थे, दोपहर से पहले और बाद दोनों वक़्त लोगो को तफ़्सीर, हदिष, फिक़्ह, कलाम, उसूल और नहव पढ़ाते थे और ज़ोहर के बाद किरआतो के साथ क़ुरआन पढ़ते थे।_

*📕हवाला**📚ग़ौसे पाक के हालात, सफा 28

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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*🔮इल्म का समुन्दर🔮*_

_🌾शैख़ अब्दुल हक़ मुहद्दिस दहेल्वी रहमतुल्लाह अलैह ग़ौसे पाक के इल्मी कमालात के मुतअल्लिक़ एक रिवायत नक़ल करते है की_

_☘🌾एक रोज़ किसी क़ारी ने आप की मजलिस शरीफ में क़ुरआन की एक आयत तिलावत की तो आप ने उस आयत की तफ़्सीर में पहले एक मानी फिर दो इसके बाद तिन यहाँ तक की हाज़िरीन के इल्म के मुताबिक़ आप ने उस आयत के 11 मआनी बयान फ़रमा दिये_

_🌸🌾और फिर दीगर वुजूहात बयान फ़रमाई जिन की तादाद 40 थी और हर वजह की ताईद में इल्मी दलाइल बयान फ़रमाए और हर मानी के साथ सनद बयान फ़रमाई,_

_💞🌾ग़ौसे पाक रहमतुल्लाह अलैह के इल्मी दलाइल की तफ़सील से सब हाज़िरीन मुतज्जीब हुए।_

*📕हवाला*

*📚ग़ौसे पाक के हालात, सफा 29*

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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*📖एक आयत के चालीस मआनी बयान फरमाए📖*_

_🌱🌾हाफ़िज़ अबुल अब्बास अहमद बिन अहमद बगदादी बनदलजी रहमतुल्लाह अलैह ने साहिबे बहजतुल असरार से फ़रमाया :_

_💕🔸में और तुम्हारे वालिद एक दिन हज़रते शैख़ अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह की मजलिस में हाज़िर हुए आप ने एक आयत की तफ़्सीर में एक मानी बयान फ़रमाया तो मेने तुम्हारे वालिद से कहा : ये मानी आप जानते है ?_

_💫🔸आप ने फ़रमाया : हा।_

_🌸🔸फिर ग़ौसे पाक ने दूसरा मानी बयान फ़रमाया तो मेने दोबारा तुम्हारे वलीद से पूछा की क्या आप इस मानी को जानते है ?_

_🥀🔸तो उन्होंने फ़रमाया हा। फिर आप ने एक और मानी बयान फ़रमाया तो मेने तुम्हारे वालिद से पूछा की आप इस मानी को जानते है।_

_☘🔸ईसके बाद आप ने 11 मआनी बयान किये और में हर बार तुम्हारे वालिद से पूछता था, और वो यही कहते की इन मानो से में वाक़ीफ़ हु।_

_🌹🔸यहाँ तक की ग़ौसे पाक ने पुरे 40 माना बयान किये जो निहायत उम्दा और अज़ीज़ थे।_

_📄🔸11 के बाद हर मानी के बारे में तुम्हारे वालिद कहते थे : में इन मानो से वाक़ीफ़ नहीं हु।_

*📕हवाला*

*📚ग़ौसे पाक के हालात, सफा 29*


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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*🌸हज़रत इमाम अहमद बिन हम्बल का इज़हारे अक़ीदत🌸*_

_💗🌾हज़रत शैख़ इमाम अबूल हसन अली बिन अल हैती रहमतुल्लाह अलैह फरमाते है की मेने हज़रये शैख़ अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह और शैख़ बक़ा बिन बतौ के साथ हज़रते इमाम अहमद बिन हम्बल रहमतुल्लाह अलैह के रौजए अक़्दस की ज़ियारत की,_

_🌷🌾मेने देखा की हज़रते इमाम अहमद बिन हम्बल रहमतुल्लाह अलैह क़ब्र से बहार तशरीफ़ लाए और हुज़ूर ग़ौसे पाक को अपने सीने से लगा लिया और उन्हें खलअत पहना कर इर्शाद फ़रमाया :_

_💕🌾ऐ शैख़ अब्दुल क़ादिर ! बेशक में इल्मे शरीअत, इल्मे हक़ीक़त, इल्मे हाल और फेले हाल में तुम्हारा मोहताज हु।_

*📕हवाला*

*📚ग़ौसे पाक के हालात, सफा 30*

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_*♒मुश्किल मसअले का आसान जवाब♐*_

_🌸बिलादे अ’जम से एक सुवाल आया की “एक शख्स ने तिन तलाक़ो की क़सम इस तौर पर खाई है की वो अल्लाह की ऐसी इबादत करेगा की जिस वक़्त वो इबादत में मशगूल हो तो लोगो में से कोई शख्स भी वो इबादत न कर रहा हो,_

_🌸अगर वो ऐसा न कर सका तो उसकी बीवी को 3 तलाक़ै हो जाएगी, तो इस सूरत में कौन सी इबादत करनी चाहिए ?” इस सुवाल से उल्माए इराक़ हैरान और शशदर रह गए।_

_🌸और इस मसअले को उन्होंने हुज़ूर ग़ौसे आ’ज़म रहमतुल्लाह अलैह की खिदमते अक़्दस में पह किया तो आप ने फौरन इसका जवाब इर्शाद फ़रमाया की “वो शख्स मक्कए मुकर्रमा चला जाए और तवाफ़ की जगह सिर्फ अपने लिये खाली कराए और तन्हा 7 मर्तबा तवाफ़ करके अपनी क़सम को पूरा करे।”_

_🌸इस शाफ़ी जवाब से उल्माए इराक़ को निहायत ही तअज्जुब हुवा क्यू की वो इस सुवाल के जवाब से आ’जिज़ हो गए थे।_

*📕हवाला*

*📚ग़ौसे पाक के हालात, सफा 30-31*

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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*💞👑वाह क्या मर्तबा ऐ ग़ौस है बाला तेरा👑💞*_

_📃🌾हज़रते शैख़ अबू अब्दुल्लाह मुहम्मद बिन ख़िज़र के वालिद फरमाते है की मेने हज़रते ग़ौसे आ’ज़म रहमतुल्लाह अलैह के मदरसे में ख़्वाब देखा की एक बड़ा वसीअ मकान है और उस में सहरा और समुन्दर के मशाइख़ मौजूद है और हज़रते शैख़ अब्दुल क़ादिर जिलानी उनके सद्र है,_

_💞🌾उन्मे बाज़ मशाइख़ तो वो है जिन के सर पर सिर्फ इमामा है_

_💗🌾और बाज़ वो है जिनके इमामे पर एक तुर्रा है_

_💫🌾 और बाज़ के दो तुररे है लेकिन हुज़ूर ग़ौसे पाक के इमामा शरीफ पर तिन तुररे है।_

_📄🌾में उन तिन तुररे के बारे में मुतफ़क्किर था और इसी हालत में जब में वेदार हुवा तो आप मेरे सिरहाने खड़े थे_

_🌹👑इर्शाद फ़रमाने लगे की खिजर ! एक तुर्रा इल्मे शरीअत की शराफत का और दूसरा इल्मे हक़ीक़त की शराफ़त का और तीसरा शरफ़ व मर्तबे का तुर्रा है।_

*📕हवाला*

*📚ग़ौसे पाक के हालात, सफा 31*

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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*🌟हुज़ूर ग़ौसे आ’ज़म की साबित क़दमि🌟*_

_💗🌾हज़रत कुत्बे रब्बानी शैख़ अब्दुल क़ादिर अल जिलानी अल हसनी वल हुसैनी रहमतुल्लाह अलैह ने अपनी साबित क़दमि का खुद इस अंदाज़ में ताज़्करा फ़रमाया है की_

_🍃🌾मेने (राहे खुदा ﻋﺰﻭﺟﻞ में) बड़ी बड़ी सख्तिया और मशक़्क़्ते बतदश्त की अगर वो किसी पहाड़ पर गुज़रती तो वो भी फट जाता।_

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_*👹शयातीन से मुक़ाबला👊🏾*_

_💧🌾शैख़ उस्मान अस्सरिफैन रहमतुल्लाह अलैह फरमाते है :_

_👉🏻मेने शहंशाहे बगदाद हुज़ूरे ग़ौसे पाक रहमतुल्लाह अलैह की ज़बाने मुबारक से सुना की में शबो रोज़ बयाबानो और वीरान जंगलो में रहा करता था,_

_🍃🌾मेरे पास शयातीन मुसल्लह हो कर हैबत नाक शक्ल में कीतार आते और मुझ से मुक़ाबला करते, मुझ पर आग फेकते मगर में अपने दिल में बहुत ज्यादा हिमत और ताक़त महसूस करता और गैब से कोई मुझे पुकार कर कहता :_

_💦🌾ऐ अब्दुल क़ादिर ! उठो उनकी तरफ बढ़ो, मुक़ाबले में हम तुम्हे साबित क़दम रखेंगे और तुम्हारी मदद करेंगे।_

_🔮🌾फिर जब में उन की तरफ बढ़ता तो वो दाए बाए या जिधर से आते उसी तरफ भाग जाते, उन मेसे मेरे पास सिर्फ एक ही शख्स आता और डराता और मुझे कहता की यहाँ से चले जाओ।_

_🌹🌾तो में उसे एक तमाचा मारता तो वो भागता नज़र आता फिर में “ला-हव्ल-वला-क़ुव्वत इल्ला-बिल्ला-हिल-अ’लिय्यिल-अ’ज़िम” पढता तो वो जल कर ख़ाक हो जाता।_

*📕हवाला*

*📚ग़ौसे पाक के हालात, सफा 32*

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_*👑🌟ज़ाहिर व बातिनी औसाफ के जामेअ*_

_🌿मुफ्तिये इराक़ मुहयुद्दीन शैख़ अबू अब्दुल्लाह मुहम्मद बिन अली तौहीदि रहमतुल्लाह अलैह फरमाते है_

_🍃🌿हज़रते शैख़ अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह जल्द रोने वाले, निहायत ख़ौफ़ वाले, बा हैबत, मुस्तजाबुद्दा’वात, करीमुल अख़लाक़, खुशबूदार पसीने वाले, बुरी बातो से दूर रहने वाले, हक़ की तरफ लोगो से ज्यादा क़रीब होने वाले, नफ़्स पर क़ाबू पाने वाले, इन्तिक़ाम न लेने वाले, साइल को न झिड़कने वाले, इल्म से मुहज़्ज़ब होने वाले थे,_

_📃🌿आदाबे शरीअत आप के ज़ाहिरी औसाफ़ और हक़ीक़त आप का बातिन था।_

*📕हवाला*

*📚ग़ौसे पाक के हालात, सफा 32-33*


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_*💦💧समुंदरी तरीक़त आप के हाथो में💧💦*_

_🍃💝कुत्बे शहरी अहमद रिफाइ रहमतुल्लाह अलैह से मरवी है की_

_🔮🌿शैख़ अब्दुल क़ादिर रहमतुल्लाह अलैह वो है की शरीअत का समुन्दर उनके दाए हाथ है_

_🛡🌿और हक़ीक़त का समुन्दर उनके बाए हाथ,_

_🌺🌿जिस में से चाहे पानी ले,_

_हमारे इस वक़्त में अब्दुल क़ादिर का कोई सानी नहीं।_

*📕हवाला*

*📚ग़ौसे पाक के हालात, सफा 33*

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_*✅40 साल तक इशा के वुज़ू से नमाज़े फज्र अदा फ़रमाई☑*_

_🛡📃शैख़ अबू अब्दुल्लाह मुहम्मद बिन अबूल फ़त्ह हरवी रहमतुल्लाह अलैह फ़रमाते है की :_

_🍃▪मेने हज़रते शैख़ मुहयुद्दीन अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह की 40 साल तक खिदमत की, इस मुद्दत में आप इशा के वुज़ू से सुबह की नमाज़ पढ़ते थे_

_🌺▪और आप का मामूल था की जब बे वुज़ू होते थे तो उसी वक़्त वुज़ू फ़रमा कर दो रकअत नमाज़े नफ़्ल पढ़ लेते थे।_

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_*✔📓15 साल तक हर रात में ख़त्मे क़ुरआने मजीद📘*_

_👑🌹हुज़ूरे गौसुस्स-क़लैन् रहमतुल्लाह अलैह 15 साल तक रत भर में एक क़ुरआने पाक ख़त्म करते रहे।_

_💗▪और आप हर रोज़ एक हज़ार रकअत नफ़्ल अदा फ़रमाते थे।_

*📕हवाला*

*📚ग़ौसे पाक के हालात, सफा 33*

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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*👑आप के बयान मुबारक की बरकतें🌺*_

_🌸हज़रते बज़्ज़ाज़ रहमतुल्लाह अलैह फ़रमाते है :_

_🌹मेने हज़रते शैख़ अब्दुल क़ादिर जिलानी से सुना की आप कुरसि पर बैठे फ़रमा रहे थे की :_

_🌀🌸मेने हुज़ूर सय्यिदे आ’लम ﷺ की ज़ियारत की तो आप ने मुझे फ़रमाया :_

_🌱बेटा तुम बयान क्यू नहीं करते ?_

_🌱मेने अर्ज़ किया : ऐ मेरे नानाजान ! में एक अ’ज़िम कार्ड हु, बग़दाद में फूसहा के सामने बयान कैसे करू ?_

_🌱आप ﷺ ने मुझे फ़रमाया : बेटा अपना मुह खोलो !_

_🌱मेने अपना मुह खोला, तो आप ﷺ ने मेरे मुह में सात दफा लुआ’बे मुबारक डाला और मुझसे फ़रमाया की लोगो के सामने बयान किया करो और उन्हें अपने रब की तरफ़ उम्दा हिक्मत और नसीहत के साथ बुलाओ।_

_🌸फिर मेने नमाज़े ज़ोहर अदा की और बैठ गया, मेरे पास बहुत से लोग आए और मुज पर चिल्लाए,_

_🌱इसके बाद मेने हज़रते अली इब्ने अबी ताकिब की ज़ियारत की, की मेरे सामने मजलिस में खड़े है और_

_🌱फ़रमाते है की “ऐ बेटे तुम बयान क्यू नहीं करते ?_

_🌱मेने अर्ज़ की: ऐ मेरे वालिद ! लोग मुझ पर चिल्लाते है।_

_🌱फिर आप ने फ़रमाया : ऐ मेरे फ़रज़न्द ! अपना मुह खोलो।_

_🌱मेने अपना मुह खोला तो आप ने मेरे मुह में 6 दफा लुआ’ब डाला,_

_🌱मेने अर्ज़ की : आप ने 7 दफा क्यू नहीं डाला ?_

_🌱उन्होंने फ़रमाया : रसूलुल्लाह ﷺ के अदब की वजह से। फिर वो मेरी आँखों से ओझल हो गए।_

*📕हवाला*

*📚ग़ौसे पाक के हालात, सफा 34-35*

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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*📣आप का पहला बयान मुबारक📣*_

_👑��हुज़ूर गैस आ’ज़म रहमतुल्लाह अलैह का पहला बयान इज्तिमाए बरानिया में माहे शव्वालुल मुकर्रम 521 ही. में अज़ीमुश्शान मजलिस में हुवा जिस पर हैबत व रौनक़ छाई हुई थी_

_*🌹🌟औलियाए किराम और फिरिश्तो ने उसे ढापा हुवा था,*_

_📜🌟आप ने किताब व सुन्नत की तसरिह के साथ लोगो को अल्लाह तआला की तरफ बुलाया तो वो सब इताअत व फ़रमा बरदारी के लिये जल्दी करने लगे।_

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_*📣40 साल तक इस्तिक़ामत से बयान फ़रमाया📣*_

_🌹👑🌟ग़ौसे पाक रहमतुल्लाह अलैह के फऱज़न्दे अर्जुमन्द अब्दुल वह्हाब रहमतुल्लाह अलैह फ़रमाते है की_

_💦🌟हुज़ूर शैख़ अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह ने 521 ही. से 561 ही. तक 40 साल मख़लूक़ को वा’ज़ो नसीहत फ़रमाई।_

*📕हवाला*

*📚ग़ौसे पाक के हालात, सफा 35*

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🅿🅾ST➪3⃣0⃣

*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*​🥀 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*_​

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_*🌻📖आप के बयान मुबारक की तासीर📖🌻*_

_💦🌱हज़रते इब्राहिम बिन साद रहमतुल्लाह अलैह फ़रमाते है की जब हमारे शैख़ हुज़ूरे ग़ौसे आ’ज़म रहमतुल्लाह अलैह आ’लिमो वाला लिबास पहन कर उचे मक़ाम पर जल्वा अफरोज़ हो कर बयान फ़रमाते तो लोग आप के कलामे मुबारक को बागौर सुनते और उस पर अ’मल पैरा होते।_

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_*🌻🎙आप की आवाज़ मुबारक की करामत🌻*_

_💠🌱हज़रते शैख़ अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह की मजलिसे मुबारक में बा वुज़ूद ये की सुरकाए इज्तिमा बहुत ज्यादा होते थे लेकिन आप की आवाज़ मुबारक जैसी नज़्दीक वालो को सुनाई देती थी वैसी ही दूर वालो को सुनाई देती थी यानि दूर और नज़्दीक वालो के लिये आप की आवाज़ मुबारक यक्सा थी।_

*📕हवाला*

*📚ग़ौसे पाक के हालात, सफा 35-36*


🅿🅾ST➪37

*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*​🥀 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*_​

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   _*🔮✨👑सरकारे ग़ौसे आ’ज़म की करामत👑✨🔮*_

*📃👉🏻Part~3*

_*🌷✨निगाहे गैस आ’ज़म से चोर कुत्ब बन गया✨🌷*_

🌹ग़ौसे आ’ज़म रहमतुल्लाह अलैह मदिनए मुनव्वरह से हाज़िरी दे कर नंगे पाउ बगदाद शरीफ की तरफ आ रहे थे की रास्ते में एक चोर खड़ा किसी मुसाफिर का इंतज़ार कर रहा था की उसको लूट ले,

🌹आप जब उसके क़रीब पहुचे तो पूछा : तुम कौन हो ?

▪उसने जवाब दिया देहाती हु।

🌹मगर आप के कश्फ़ के ज़रिए उसकी मासियत और बद किर्दारी को लिखा हुवा देख लिया और उस चोर के दिल में ख्याल आया : शायद ये ग़ौसे आ’ज़म रहमतुल्लाह अलैह है।

🌹आप को उसके दिल में पैदा होने वाले ख्याल का इल्म हो गया तो आप ने फ़रमाया : में अब्दुल क़ादिर हु।

▪तो वो चोर सुनते ही फौरन आप के मुबारक कदमो पर गिर पड़ा और उस की ज़बान पर “ऐ मेरे सरदार अब्दुल क़ादिर मेरे हाल पर रहम फरमाये” जारी हो गया।

आप को उस की हालत पर रहम आ गया और उसकी इस्लाह के लिये बारगाहे इलाही में मुतवज्जेह हुए तो गैब से निदा आई :

☝🏽ऐ ग़ौसे आ’ज़म ! इस चोर को सीधा रास्ता दिखा दो और हिदायत की तरफ रहनुमाई फ़रमाते हुए इसे कुत्ब बना दो।

🌹चुनान्चे आप की निगाहे फैज़ रसा से वो कुत्बीय्यत के दरजे पर फाइज़् हो गया।

*📕हवाला*

*📒सीरते गौसुस्स-क़लैन् सफा 130*

*📚ग़ौसे पाक के हालात, सफा 39-40*

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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*​🥀 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*_​

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   _*🔮✨👑सरकारे ग़ौसे आ’ज़म की करामत👑✨🔮*_

*📃👉🏻Part~4*

_*👑✨आप की हुकूमत✨👑*_

🌳हुज़ूर ग़ौसे आ’ज़म रहमतुल्लाह अलैह क़ासिदए गौसिया शरीफ में फ़रमाते है :

👉🏾बिला-दुल्लाहि मुल्की तहत हुकमी

👉🏾यानि अल्लाह के तमाम शहर मेरे तहते तसर्रुफ़ और ज़ेरे हुक़ूमत है।

👆🏾इससे ज़ाहिर हुआ की आ’लम में हर इक शै पर है क़ब्ज़ा ग़ौसे आ’ज़म का।

_*✨असा मुबारक चराग की तरह रोशन हो गया✨*_

👉🏾हज़रते अब्दुल मलिक ज़याल रहमतुल्लाह अलैह बयान करते है की में एक रात हुज़ूर ग़ौसे पाक रहमतुल्लाह अलैह के मदरसे में खड़ा था, आप अंदर से एक असा दस्ते अक़्दस में लिए हुए तशरीफ़ फरमा हुए, मेरे दिल में ख्याल आया की काश ! हुज़ूर अपने इस असा से कोई करामत दिखलाए।

👉🏾इधर मेरे दिल में ये ख़याल गुज़रा और उधर हुज़ूर ने असा को ज़मीं पर गाड़ दिया तो वो असा मिस्ल चराग के रोशन हो गया और बहुत देर तक रोशन रहा फिर आप ने उसे उखेड लिया तो वो असा जैसा था वेसंहि जो गया,

👆🏾इसके बाद आप ने फ़रमाया : बस ऐ ज़याल ! तुम यही चाहते थे।

*📕हवाला*

*📚ग़ौसे पाक क हालात, सफा 39*

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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*​🥀 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*_​

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   _*🔮✨👑सरकारे ग़ौसे आ’ज़म की करामत👑✨🔮*_

*📃👉🏻Part~5*

_*☝🏽ऊँगली मुबारक की करामत☝🏽*_

_⛺🌹एक मर्तबा रात में सरकारे बगदाद अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह के हमराह शैख़ अहमद रिफाइ और अदि बिन मुसाफिर रहमतुल्लाह अलैह हज़रते इमाम अहमद बिन हम्बल रहमतुल्लाह अलैह के मज़ारे पुर अन्वार की ज़ियारत के लिये तशरीफ़ ले गए,_

_👉🏾मगर उस वक़्त अँधेरा बहुत ज्यादा था हज़रते ग़ौसे पाक रहमतुल्लाह अलैह उनके आगे आगे थे,_

_👉🏾आप जब किसी पथ्थर, लकड़ी, दिवार या कब्र के पास से गुज़रते तो आप हाथ से इशारा फ़रमाते तो उस वक़्त आप का हाथ मुबारक चांद की तरह रोशन हो जाता था और इस तरह वो सब हज़रात आप के मुबारक हाथ की रौशनी के ज़रिए हज़रते इमाम अहमद बिन हम्बल रहमतुल्लाह अलैह के मज़ारे मुबारक तक पहुच गए।_

*📕हवाला*

*📚ग़ौसे पाक के हालात, सफा 41*

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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*​🥀 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*_​

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   _*🔮✨👑सरकारे ग़ौसे आ’ज़म की करामत👑✨🔮*_

*📃👉🏻Part~6*

_*☝🏽अल्लाह का आप से वादा🕋*_

_🌳हुज़ूर गौषे आ’ज़म रहमतुल्लाह अलैह फ़रमाते है :_

_👉🏾मेरे परवर दगार ने मुझ से वादा फ़रमाया है की जो मुसलमान तुम्हारे मदरसे के दरवाजे से गुज़रेगा उसके अज़ाब में तख़फ़ीफ़ फरमाऊंगा।_

_*🌻मदरसे के करीब से गुज़रने वाले की बख्शिश*_

_👉🏾एक शख्स ने खिदमते अक़्दस में हाज़िर हो कर अर्ज़ की, फुला क़ब्रिस्तान में एक शख्स दफन किया गया है जिस का हाल ही में इंतिक़ाल हुवा है उसकी क़ब्र से चीखने की आवाज़ आती है जेसे अज़ाब में मुब्तला है।_

_*🌹👑हुज़ूर गैषे पाक रहमतुल्लाह अलैह ने इर्शाद फ़रमाया :*_

👉🏻▫क्या वो हमसे बैअत है ?

👉🏻▪अर्ज़ की : मालुम नहीं।

👉🏻▫फ़रमाया : हमारे यहाँ के आने वालो में था ?

👉🏻▪अर्ज़ की : मालुम नहीं।

👉🏻▫फ़रमाया : कभी हमारे घर का खाना उसने खाया है ?

👉🏻▪अर्ज़ की : ये भी मालुम नहीं।

_🌹👑हुज़ूर गौषुस्स-क़लैन रहमतुल्लाह अलैह ने मुरा-क़बा फ़रमाया और ज़रा देर में सरे अक़्दस उठाया, हैबतो जलाल रुए अन्वर से ज़ाहिर था, इर्शाद_

_👉🏾फ़रमाया :फिरिश्ते हम से ये कहते है की एक बार इसने हम को देखा था और दिलमे नेक गुमान लाया था इस वजह से बख्श दिया गया।_

_👉🏾फिर जो उसकी क़ब्र पर जा कर देखा तो फरियाद व बुका की आवाज़ आना बिलकुल बंद हो गई।_

*📕हवाला*

*📚गौषे पाक के हालात, सफा 41-42*


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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*​🥀 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*_​

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   _*🔮✨👑सरकारे ग़ौसे आ’ज़म की करामत👑✨🔮*_

*📃👉🏻Part~7*

_*✅अज़ाबे क़ब्र से निजात मिल गई✅*_

_👉🏾बगदाद शरीफ के महल्ले बाबुल के क़ब्रिस्तान में एक क़ब्र से मुर्दे के चीखने की आवाज़ सुनाई देने के मुतअल्लिक़ लोगो ने आप रहमतुल्लाह अलैह की बारगाह में अर्ज़ किया तो आप ने पूछा :_

_▫क्या उस क़ब्र वाले ने मुझ से खिर्का पहना है ?_

_▪लोगोने कहा :हुज़ूरे वाला इसका हमें इल्म नहीं है।_

_▫आप ने पूछा : उसने कभी मेरी मजलिस में हाज़री दी थी ?_

_▪लोगोने अर्ज़ की : बन्दा नवाज़! इसका भी हमे इल्म नहीं।_

_▫इसके बाद आप ने पूछा : क्या उसने मेरे पीछे नमाज़ पढ़ी है ?_

_▪लोगोने कहा : हम इस के मुतअल्लिक़ भी नहीं जानते।_

_▫तो आपने इर्शाद फ़रमाया : भुला हुवा शख्स ही ख़सार में पड़ता है।_

_👆🏾इसके बाद आप ने मुराक़बा फ़रमाया और आप के चेहरए मुबारक से जलाल, हैबत और वक़ार ज़ाहिर होने लगा, आपने सरे मुबारक उठा कर फ़रमाया की फिरिश्तो ने मुझे कहा है : इस शख्स ने आप की ज़ियारत की है और आप से हुस्ने ज़न और महब्बत रखता था तो अल्लाह तआला ने आप के सबब इस पर रहम फरमा दिया है।_

_*✔इसके बाद उस क़ब्र से कभी भी आवाज़ न सुनाई दी।*_

*📕हवाला*

*📚ग़ौसे पाक के हालात, सफा 44*

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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*​🥀 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*_​

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   _*🔮✨👑सरकारे ग़ौसे आ’ज़म की करामत👑✨🔮*_

*📃👉🏻Part~8*

          _*🐓मुर्गी ज़िन्दा कर दी🐓*_

_👉🏾एक बीबी सरकारे बग़दाद रहमतुल्लाह अलैह की खिदमत में अपना बेटा छोड़ गई की इस का दिल हुज़ूर से गिरविदा है अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ और उसके रसूल ﷺ के लिये इस की तरबिय्यत फरमाए।_

_👉🏾आप ने उसे क़बूल फरमा कर मुजाहदे पर लगा दिया और एक रोज़ उनकी माँ आई देखा लड़का भूक और शब बेदारी से बहुत कमज़ोर और ज़र्द रंग हो गया है और उसे जव की रोटी खाते देखा_

_👉🏾जब बारगाहे अक़्दस में हाज़िर हुई तो देखा की आप के सामने एक बर्तन में मुर्गी की हड्डिया राखी है जिसे हुज़ूर रहमतुल्लाह अलैह ने तनावुल फ़रमाया था।_

_▪अर्ज़ की : ऐ मेरे मौला ! हुज़ूर तो मुर्गी खाए और मेरा बच्चा जव की रोटी।_

_👆🏾ये सुन कर हुज़ूरे पुरनूर रहमतुल्लाह अलैह ने अपना दस्ते अक़्दस उन हड्डियों पर रखा और फ़रमाया :_

_*🐓जी उठ उस अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ के हुक्म से जो बोसीदा हड्डियों को ज़िन्दा फ़रमाएगा।*_

_👆🏾ये फरमान था की मुर्गी फौरन ज़िन्दा सहीह सालिम खड़ी हों कर आवाज़ करने लगी,_

_👉🏾गौषे पाक रहमतुल्लाह अलैह ने फ़रमाया : जब तेरा बेटा इस दरजे तक पहुच जाएगा तो जो चाहे खाए।_

*📕हवाला*

*📚गौषे पाक के हालात, सफा 44-45*

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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*​🥀 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*_​

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   _*🔮✨👑सरकारे ग़ौसे आ’ज़म की करामत👑✨🔮*_

*📃👉🏻Part~9*

_*📿🤲आप की दुआ की बरकत🤲📿*_

_🌻हज़रते शैख़ सालेह अबुल मुज़फ्फर इस्माइल बिन अली हुमैरी ज़रीरानी रहमतुल्लाह अलैह फ़रमाते है :_

_👉🏾हज़रते शैख़ अली बिन हैतमि रहमतुल्लाह अलैह जब बीमार होते तो कभी कभी मेरी ज़मीन की तरफ जो की ज़रीरान में थी तशरीफ़ लाते और वहा कई दिन गुज़ारते_

_👉🏾एक दफा आप वही बीमार हो गए तो उन के पास मेरे गौषे समदानी रहमतुल्लाह अलैह बगदाद से तामीर दारी के लिये तशरीफ़ लाए,_

_👉🏾दोनों मेरी ज़मीन पर जमा हुए, उस में दो खजूर के दरख़्त थे जो चार बरस से खुश्क थे और उन्हें फल नहीं लगता था_

_👉🏾हमने उन को काट देने का इरादा किया तो हज़रते अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह खड़े हुए और उन में से एक के निचे वुज़ू किया और दूसरे के निचे दो नफ़्ल अदा किये_

_*🌹🌴तो वो सब्ज़ हो गए और उनके पत्ते निकल आए।🌹🌸*_

*📕हवाला*

*📚गौषे पाक के हालात, सफा 45*

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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*​🥀 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*_​

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   _*🔮✨👑सरकारे ग़ौसे आ’ज़म की करामत👑✨🔮*_

*📃👉🏻Part~10*

_*📿🤲आप की दुआ की बरकत🤲📿​​*_

2⃣

_👑🌷आप ने उन पेड के निचे नफ़्ल अदा किये तो वो सब्ज़ हो गए और उनके पत्ते निकल आए और उसी हफ्ते में उन का फल आ गया हाला की वो खजूरो के फल का वक़्त नहीं था में ने अपनी ज़मीन से कुछ खजूरे ले कर आप की खिदमत में हाज़िर कर दी आप ने उस में से खाई और मुझ से कहा :_

_👉🏾अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ तेरी ज़मीन, तेरे दिरहम, तेरे साअ और तेरे दूध में बरकत दे।_

_🌷🌻हज़रते शैख़ इस्माइल बिन अली रहमतुल्लाह अलैह फ़रमाते है की मेरी ज़मीन में उस साल की मिक़दार से दो से चार गुना पैदा होना शुरू हुवा,_

_👉🏾अब मेरा ये हाल है की जब में एक दिरहम खर्च करता हु तो उस से मेरे पास दो से तिन गुना आ जाता है_

_👉🏾और जब में गंदुम की 100 बोरी किसी मकान में रखता हु फिर उस में से 50 बोरी खर्च कर डालता हु और बाक़ी को देखता हु तो 100 बोरी मौजूद होती है_

_👉🏾मेरे मवेशी इस क़दर बच्चे जनते हैंकि में उन का शुमार भूल जाता हु_

_👉🏾और ये हाल हज़रते शैख़ अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह की बरकत से अब तक बाक़ी है।_

*📕हवाला*

*📚गौषे पाक के हालात, सफा 46*

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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*​🥀 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*_​

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   _*🔮✨👑सरकारे ग़ौसे आ’ज़म की करामत👑✨🔮*_

*📃👉🏻Part~11*

_*💫👉🏻खलीफा का मालो दौलत खून में बदल गया💫*_

_🌻हज़रते अबू अब्दुल्लाह मुहम्मद बिन अबुल अब्बास मौसिलि रहमतुल्लाह अलैह अपने वालिद से नक़ल करते है की उन्होंने फ़रमाया :_

_👉🏾हम एक रात अपने शैख़ अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह के मदरसे बग़दाद में थे उस वक़्त आप की खिदमत में बादशाह अल मुस्तन्जद बिल्लाह अबुल मुज़फ्फर युसूफ हाज़िर हुवा उसने आप को सलाम किया और नसीहत का ख़्वास्त-गार हुवा और आप की खिदमत में दस थैलियां लेकर की जो दस गुलाम उठाए हुए थे_

_👉🏾आप रहमतुल्लाह अलैह ने फ़रमाया : में इन की हाजत नहीं रखता। और क़ुबल करनेसे इंकार फरमा दिया उसने बड़ी आजिज़ी की, तब आप ने एक थैली अपने दाए हाथ में पकड़ी और दूसरी थैली बाए हाथ में पकड़ी और दोनों थैलियो को हाथ से दबा कर निचोड़ा की वो दोनों थैलियां खून हो कर बह गई,_

_👉🏾आप रहमतुल्लाह अलैह ने फ़रमाया : ऐ अबुल मुज़फ्फर ! क्या तुम्हे अल्लाह का खौफ नहीं की लोगो का खून लेते हो और मेरे सामने लाते हो।_

_👉🏾वो आप की बात सुनकर हैरानी के आ’लम में बेहोश हो गया।_

_👉🏾फिर हुज़ूरे गौषे पाक रहमतुल्लाह अलैह ने फ़रमाया : अल्लाह की क़सम ! अगर इसके हुज़ूर नबिय्ये पाक से रिश्ते का लिहाज़ न होता तो में खून को इस तरह छोड़ता की उसके मकान तक पहुचता।_

*📕हवाला*

*📚गौषे पाक के हालात, सफा 46-47*


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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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*📃👉🏻Part~12*

_*❣💫अन्धो को बिना और मुर्दो को ज़िन्दा करना💫❣*_

_🌻हज़रते शैख़ बरगुज़ीदा अबुल हसन करशी फ़रमाते है : में और शैख़ अबुल हसन अली बिन हैती हज़रते शैख़ मुहयुद्दीन अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह की खिदमत में उनके मदरसे में मौजूद थे तो उनके पास अबू ग़ालिब फ़ज़्लूल्लाह बिन इस्माइल बगदादी अज़जी सौदागर हाज़िर हुवा वो आप से अर्ज़ करने लगा की :_

_👉🏾ऐ मेरे सरदार ! आप के जद्दे अमजद हुज़ूरे पुरनूर का फ़रमाने ज़ीशान है की “जो शख्स दा’वत में बुलाया जाए उस को दा’वत क़बूल करनी चाहिये।_

_👉🏾में हाजिर हुवा हु की आप मेरे घर दावत पर तशरीफ़ लाए।_

_👉🏾आप ने फ़रमाया : अगर मुझे इजाज़त मिली तो में आऊंगा। फिर कुछ देर बाद आपने मुराक़बा करके फ़रमाया : हा आऊंगा।_

_👉🏾फिर आप रहमतुल्लाह अलैह अपने खच्चर पर सुवार हुए, शैख़ अली ने आप की दाई रिकाब पकड़ी और मेने बाई रिकाब थामी और जब उसके घर में हम आए देखा तो उस में बगदाद के मसाइख्, उल्मा और मुअज़्ज़ज़िन जमा है,_

_👉🏾दस्तर ख्वान बिछाया गया जिसमे तमाम शीरी और तुर्श चीज़े खाने के लिये मौजूद थी और एक बड़ा सन्दूक़ लाया गया जो सर ब मोहर था, दो आदमी उसे उठाए हुए थे उसे दस्तर ख्वान के एक तरफ रख दिया गया,_

_👉🏾तो अबू ग़ालिब ने कहा : इजाज़त है।_

_👉🏾उस वक़्त हज़रते शैख़ मुहयुद्दीन अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह मुराक़बे में थे और आप ने खाना न खाया और न ही खाने की इजाज़त दी।_

*📕हवाला*

*📚गौषे पाक के हालात, सफा 48*

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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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   _*🔮✨👑सरकारे ग़ौसे आ’ज़म की करामत👑✨🔮*_

*📃👉🏻Part~13*

_*❣💫अन्धो को बिना और मुर्दो को ज़िन्दा करना💫❣​​2⃣*_

_🌻आप रहमतुल्लाह अलैह ने खाने की इजाज़त न दी तो किसीने भी खाना न खाया,_

_🌻आप की हैबत के सबब मजलिस वालो का हाल ऐसा था की गोया उनके सरो पर परिन्दे बैठे है, फिर आप ने शैख़ अली की तरफ इशारा करते हुए फ़रमाया की वो सन्दूक़ उठा लाइए।_

_👉🏾हम उठे और उसे उठाया तो वो वज़नी था, हमने सन्दूक़ को आप के सामने ला कर रख दिया आप ने हुक्म दिया की सन्दूक़ को खोला जाए।_

_👉🏾हमने खोल तो उसमे अबू ग़ालिब का लड़का मौजूद था जो मादर ज़ाद अन्धा था तो आप ने उसेसे कहा : खड़ा हो जा। हमने देखा की आप के कहने की देर थी लड़का दौड़ने लगा और बिना भी हो गया और ऐसा हो गया की कभी बीमारी में मुब्तला नहीं था, ये देख कर मजलिस में शोर बरपा हो गया और आप इसी हालत में बाहर निकल आए और कुछ न खाया।_

_👉🏾इसके बाद में शैख़ अबू साद कैल्वि की खिदमत में हाज़िर हुवा और ये हाल बयान किया तो उन्होंने कहा की हज़रते शैख़ अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह मादर ज़ाद अन्धे और बरस वालो को अच्छा कर्तेभै और खुदा के हुक्म से मुर्दे ज़िन्दा करते है।_

*📕हवाला*

*📚गौषे पाक के हालात, सफा 50*

🅿��ST➪4⃣8⃣

*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*​🥀 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*_​

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   _*🔮✨👑सरकारे ग़ौसे आ’ज़म की करामत👑✨🔮*_

*📃👉🏻Part~14*

_*⛅बादलो पर भी आप की हुक्मरानी⛅*_

_🌻हज़रते शैख़ अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह एक दिन मिम्बर पर बेठे ब्यान फरमा रहे थे की बारिश शुरू हो गई तो आप ने फ़रमाया :_

_👉🏾में तो जमा करता हु और ऐ बादल तू मुतफ़र्रिक कर देता है।_

_तो बदल मजलिस से हट गया और मजलिस से बाहर बरसने लगा,_

_👉🏾रावी कहते है की अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ की क़सम ! शैख़ अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह का कलाम अभी पूरा नहीं हुवा था की बारिश हम से बन्द हो गई और हम से दाए बाए बरसती थी और हम पर नहीं बरसती थी।_

*📕हवाला*

*📚गौषे पाक के हालात, सफा 51*

M

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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*​🥀 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*_​

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   _*🔮✨👑सरकारे ग़ौसे आ’ज़म की करामत👑✨🔮*_

*📃👉🏻Part~15*

_*💫एक जीन्न की तौबा💫*_

_👑🌷हुज़ूर गौषे आ’ज़म रहमतुल्लाह अलैह के साहिब ज़ादे हज़रत अबू अब्दुर्रज़्ज़ाक रहमतुल्लाह अलैह फ़रमाते है की मेरे वालीदे गिरामी शैख़ मुहयुद्दीन अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह इर्शाद फ़रमाते है की :_

_👉🏾में एक रात जामेए मंसूर में नमाज़ पढता था की मेने सुतूनो और किसी शै की हरकत की आवाज़ सुनी, फिर एक बड़ा सांप आया और उसने अपना मुह मेरे सज्दे की जगह में खोल दिया,_

_👉🏾मेने जब सज्दे का इरादा किया तो अपने हाथ से उसको हटा दिया और सज्दा किया फिर जब में अत्तहिय्यात के लिये बैठा तो वो मेरी रान पर चलते हुए मेरी गर्दन पर चढ़ कर इससे लिपट गया, जब मेने सलाम फेरा तो उसको न देखा।_

_👉🏾दूसरे दिन में जामेअ मस्जिद से बहार मैदान में गया तो एक शख्स को देखा जिस की आँखे बिल्ली की तरह थी और क़द लम्बा था तो मेने जान लिया की ये जीन्न है,_

_🔻उसने मुझसे कहा : में वही जिन्न हु जिस को आप ने कल रात देखा था, मेने बहुत से औलियाए किराम को इस तरह आज़माया है जिस तरह आप को आज़माया_

_👉🏾मगर आप की तरह उन्मे से कोई भी साबित क़दम नहीं रहा, उन्मे बाज़ वो थे जो ज़ाहिरो बातिन से घबरा गए, बाज़ वो थे जिन के दिल में इज़्तिराब हुवा और ज़ाहिर में साबित क़दम रहे, बाज़ वो थे की ज़ाहिर में मुज़तरिब हुए और बातिन में साबित क़दम रहे, लेकिन मेने आप को देखा की आप न ज़ाहिर में घबराए और न ही बातिन में।_

_👉🏾उसने मुझसे सुवाल किया की आप मुझे अपने हाथ पर तौबा करवाए।_

_*👑🌷मेने उसे तौबा करवाई।🌷👑*_

*📕हवाला*

*📚गौषे पाक के हालात, सफा 54-55*

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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*​🥀 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*_​

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   _*🔮✨👑सरकारे ग़ौसे आ’ज़म की करामत👑✨🔮*_

*📃👉🏻Part~16*

_*👹शैतान लइन के सर से महफूज़ रहना👹*_

_👉🏾हज़रते शैख़ अबू नसर् मूसा शैख़ अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह फ़रमाते है की मेरे वालिद ने इर्शाद फ़रमाया :_

_👉🏾में अपने एक सफर में सहरा की तरफ निकला और चन्द दिन वहा ठहरा मगर मुझे पानी नहीं मिलता था जब मुझे प्यास की सख्ती महसूस हुई तो एक बादल ने मुझ पर साया किया और उसमे से मुज पर बारिश के मुशाबेह एक चीज़ गिरी, में उस से सैराब हो गया_

_👉🏾फिर मेने एक नूर देखा जिस से आसमान का कनारा रोशन हो ज्ञाबोर एक शक्ल जाहिर हुई जिस से मेने एक आवाज़ सुनी :_

_👉🏾ऐ अब्दुल क़ादिर ! में तेरा रब हु और मेने तुम पर हराम चीज़े हलाल कर दी है।_

_👉🏾तो मेने अउजुबिल्लाहि-मीन-स-शैतानी-रजिम पढ़ कर कहा : ऐ शैतान लईन ! दूर हो जा।_

_👉🏾तो रोशन कनारा अँधेरे में बदल गया और वो शक्ल धुवा बन गई फिर उसने मुझसे कहा :_

_👉🏾ऐ अब्दुल क़ादिर ! तुम मुझसे अपने इल्म, अपने रब के हुक्म और अपने मरातिब के सिलसिले में समझ बुझ के ज़रिए नजात पा गए और मेने ऐसे 70 मशाइख़् को गुमराह कर दिया।_

_👉🏾मेने कहा : ये सिर्फ मेरे रब का फ़ज़्लो करम है।_

_👉🏾शैख़ अबू नसर् मूसा रहमतुल्लाह अलैहन ने आप से दरयाफ़्त किया की आप ने किस तरह जाना की वो शैतान है ?_.

_👉🏾आप ने इर्शाद फ़रमाया : उसकी इस बात से की “बेशक मेने तेरे लिये हराम चीज़ों को हलाल कर दिया।_

*📕हवाला* *📚

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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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   _*🔮✨👑सरकारे ग़ौसे आ’ज़म की करामत👑✨🔮*_

*📃👉🏻Part~17*

_*💫गरीबो और मोहताज़ो पर रहम💫*_

_🌷शैख़ अब्दुल्लाह जुबाई रहमतुल्लाह अलैह बयान करते है की एक मर्तबा हुज़ूरे गैषे पाक रहमतुल्लाह अलैह ने मुझसे इर्शाद फ़रमाया :_

_🌳मेरे नजदीक भूखो को खाना खिलाना और हुस्ने अख़लाक़ कामिल ज्यादा फ़ज़ीलत वाले आ’माल है।_

_👉🏾फिर इर्शाद फ़रमाया : मेरे हाथ में पैसा नहीं ठहरता, अगर सुबह को मेरे पास हज़ार दिनार आए तो शाम तक उन्मे से एक पैसा भी न बचे की गरीबो और मोहताज़ो में तक़्सीम कर दू और भूखे लोगो को खाना खिला दू।_

*📕हवाला*

*📚गौषे पाक के हालात, सफा 57-58*

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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*​🥀 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*_​

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 _*👑🌹औलियाए किराम का आप से इज़हारे अक़ीदत🌹👑*_

🔄Part~01

_*🔹मेरा क़दम हर वाली की गर्दन पर है🔹*_

_🌷हाफ़िज़ अबुल इज़्ज़ अब्दुल मुगिस बिन अबू हर्ब अल बगदादी रहमतुल्लाह अलैह से मरवी है की हम लोग बगदाद में हज़रते गौषे पाक रहमतुल्लाह अलैह की रबात हबला में हाज़िर थे उस वक़्त उन की मजलिस में इराक़ के अक्सर मशाइख़् हाजिर थे। और आप उन सब हज़रात के सामने वा’ज़ फरमा रहे थे की उसी वक़्त आप ने फ़रमाया :_

_👉🏾मेरा ये क़दम हर वलियुल्लाह की गर्दन पर है।_

_👆🏾ये सुन कर हज़रते शैख़ अली बिन अल हैती रहमतुल्लाह अलैह का क़दम मुबारक अपनी गर्दन पर रख लिया।_

_👉🏾इसके बाद तमाम हाज़िरीन ने आगे बढ़ कर अपनी गर्दन झुका दी।_

*📕हवाला*

*📚गौषे पाक के हालात, सफा 68*

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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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 _*👑🌹औलियाए किराम का आप से इज़हारे अक़ीदत🌹👑*_

🔄Part~02

_*👑🌷ख्वाज़ा गरीब नवाज़ रहमतुल्लाह अलैह🌷👑*_

_👉🏾जिस वक़्त हुज़ूर गौषे आ’ज़म रहमतुल्लाह अलैह ने बगदाद मुक़द्दस में इर्शाद फ़रमाया :_

_👉🏾मेरा ये क़दम अल्लाह के हर वली की गर्दन पर है।_

_👉🏾तो उस वक़्त ख्वाज़ा गरीब नवाज़ रहमतुल्लाह अलैह अपनी जवानी के दिनों में मुल्के खुरासान के दामने कोह में इबादत करते थे_

_👉🏾वहा बग़दाद शरीफ में इर्शाद होता है और यहा गरीब नवाज़ रहमतुल्लाह अलैह ने अपना सर झुकाया और इतना झुकाया की सरे मुबारक ज़मीन तक पहुचा और फ़रमाया :_

_*👉🏾बल्कि आप के क़दम मेरे सर पर है और मेरी आँखों पर है*_

*📕हवाला*

*📒सीरते गौषुस्स-क़लैन्, स. 89*

_👆🏻👉🏾मालुम हुवा की हुज़ूर गरीब नवाज़ रहमतुल्लाह अलैह सुल्तानुल हिन्द हुए और यहाँ तमाम औलियाए अहदो मा बा’द आप के महकूम और हुज़ूरे गौषे पाक रहमतुल्लाह अलैह उन पर सुलतान की तरह हाकिम ठहरे।_

*📙हवाला*

*📚गौषे पाक के हालात, सफा, 69*

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_*🍃🌹औलियाए किराम का आप से इज़हारे अक़ीदत🌹🍃*_

📃Part~03

_*🍃🌷शैख़ अहमद रिफाइ रहमतुल्लाह अलैह🌷🍃*_

_👉🏾जब हज़रते शैख़ अब्दुल क़दीर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह ने फ़रमाया_

_👉🏾मेरा ये क़दम अल्लाह के हर वली की गर्दन पर है।_

_तो अहमद रिफाइ रहमतुल्लाह अलैह ने अपनी गर्दन को झुका कर अर्ज़ किया :_

_👉🏾मेरी गर्दन पर भी आप का क़दम है।_

_👉🏾हाज़िरीन ने अर्ज़ किया : हुज़ूरे वाला ! आप ये क्या फ़रमा रहे है ?_

_🌷👉🏻तो आप ने इर्शाद फ़रमाया की इस वक़्त बगदाद में हज़रते शैख़ अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह ने एलान फ़रमाया है की मेरा ये क़दम अल्लाह के हर वली की गर्दन पर है।_

_👉🏾और मेने गर्दन झुका कर तामिले इर्शाद की है।_

*📕हवाला*

*📚गौषे पाक के हालात, सफा 69-70*

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_*🍃🌹औलियाए किराम का आप से इज़हारे अक़ीदत🌹🍃*_

📃Part~04

_*🌷ख्वाजा बहाउद्दीन नक़्शबन्द रहमतुल्लाह अलैह🌷*_

_*🌷जब आप से हुज़ूरे गौषे आ’ज़म रहमतुल्लाह अलैह के क़ौल*_

_👉🏾”मेरा ये क़दम अल्लाह के हर वली की गर्दन पर है”_

_के मुतअल्लिक़ दरयाफ़्त किया तो आप ने इर्शाद फ़रमाया :_

_👉🏾गर्दन तो दर कनार आप का क़दम मुबारक तो मेरी आँखों पर है।_

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_*🌷शैख़ माजिद अल कुर्दी रहमतुल्लाह अलैह🌷*_

_👉🏾आप इर्शाद फ़रमाते है की जब गौषे आ’ज़म रहमतुल्लाह अलैह ने_

_👉🏾”मेरा ये क़दम अल्लाह के हर वली की गर्दन पर है” इर्शाद फ़रमाया था तो उस वक़्त कोई अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ का वली ज़मीन पर ऐसा न था की जिसने तवाज़ोअ करते हुए और आप के आ’ला मर्तबे का एतिराफ करते हुए गर्दन न झुकाई हो,_

_👉🏾तमाम दुन्याए आ’लम के सालेह जिन्नात के वफ्द आप के दरवाज़े पर हाज़िर थे और सब के सब आप के दस्ते मुबारक पर ताइब हो कर वापस पलटे।_

*📕हवाला*

*📚गौषे पाक के हालात, सफा 70*


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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*🍃🌹औलियाए किराम का आप से इज़हारे अक़ीदत🌹🍃*_

📃Part~05

_*🌴सरवरे काएनात ﷺ की तस्दीक़🌴*_

_🌷शैख़ खलीफा रहमतुल्लाह अलैह ने सरवरे काएनात ﷺ को ख्वाब में देखा और अर्ज़ किया की_

_हज़रते शैख़ अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह ने_

_👉🏻”मेरा ये कदम अल्लाह के हर वली की गर्दन पर है” का एलान फ़रमाया है।_

_*🌴तो सरकारे आ’लम ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया :*_

_👉🏾शैख़ अब्दुल क़ादिर रहमतुल्लाह अलैह ने सच कहा है और ये क्यू न कहते जब की वो कुत्बे ज़माना और मेरी ज़ेरे निगरानी है।_

*📕हवाला*

*📚गौषे पाक के हालात, सफा 71*

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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*​🥀 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*_​

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_*💫👑मल्फ़ूज़ाते गौषे आ’ज़म👑💫*_

📃Part~01

_*☝🏽अल्लाह की इताअत करो☝🏽*_

_🌷हज़रते शैख़ अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह इर्शाद फ़रमाते है :_

_👉🏾अल्लाह की ना फ़रमानी नहीं करनी चाहिये और सच्चाई का दामन हाथ से नहीं छोड़ना चाहिये,_

_इस बात पर यक़ीन रखना चाहिये की तू अल्लाह का बन्दा है और अल्लाह ही की मिल्कीय्यत में है,_

_👉🏾उसकी किसी चीज़ पर अपना हक़ ज़ाहिर नहीं करना चाहिये बल्कि उस का अदब करना चाहिये क्यू की उस के तमाम काम सहीह व दुरस्त होते है, अल्लाह के कामो को मुक़द्दम समझना चाहिये।_

_👉🏾अल्लाह तआला हर किस्म के उमूर से बे नियाज़ है और वो ही नेमते और जन्नत अता फ़रमाने वाला है, और उसकी जन्नत की नेमतों का कोई अंदाज़ा नहीं लगा सकता की उसने अपने बन्दों की आँखों की ठंडक के लिये क्या कुछ छुपा रखा है,_

_👉🏾इसलिये अपने तमाम काम अल्लाह ही की सिपुर्द करना चाहिये,_

_👉🏾अल्लाह तआला ने अपना फ़ज़्ल व नेमत तुम और पूरा करने का अहद किया है और वो इसे ज़रूर पूरा फ़रमाएगा।_

*📕हवाला*

*📚गौषे पाक के हालात, सफा 79*

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_*💫👑मल्फ़ूज़ाते गौषे आ’ज़म👑💫*_

📃Part~02

_*☝🏽अल्लाह की इताअत करो☝🏽*_

_🌷📃👉🏾बन्दे का शजरे इमानी उसकी हिफाज़त और तहफ़्फ़ुज़ का तक़ाज़ा करता है, शजरे इमानी की परवरिश ज़रूरी है, हमेशा इस की आब-यारी करते रहो, इसे नेक आ’माल की खाद देते रहो ताकि इसके फल फुले और मेवे बर क़रार रहे_

_🔹💎👉🏾अगर ये मेवे और फल गिर गए तो शजरे इमानी वीरान हो जाएगा और अहले सरवत के ईमान का दरख़्त हिफाज़त के बिगैर कमज़ोर है लेकिन तफक़्क़ुरे इमानी का दरख़्त परवरिश और हिफाज़त की वजह से तरह तरह की नेमतों से फ़ैज़याब है,_

_☝🏻🕋अल्लाह अपने एहसान से लोगो को तौफ़ीक़ अता फ़रमाता है और उन को अर-फओ आ’ला मक़ाम अता फ़रमाता है।_

_☝🏻📃अल्लाह तआला की ना फ़रमानी नहीं कर, सच्चाई का दामन हाथ से नहीं छोड़ और उस के दरबार में आजिज़ी से माज़िरत करते हुए अपनी हाजत दिखाते हुए आजिज़ी का इज़हार कर,_

_👉🏾आँखों को झुकाते हुए अल्लाह की मख़लूक़ की तरफ से तवज्जोह हटा कर अपनी ख्वाहिशात पर क़ाबू पाते हुए दुन्या व आख़िरत में अपनी इबादत का बदला न चाहते हुए और बुलंद मक़ाम की ख्वाहिशात दिल से निकाल कर रब्बुल आ’लमिन की इबादतों रियाज़त करने की कोशिश करो।_

*📕हवाला*

*📚गौषे पाक के हालात, सफा 79-80*

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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*💫👑मल्फ़ूज़ाते गौषे आ’ज़म👑💫*_

📃Part~03

_*👉🏻एक मोमिन को केसा होना चाहिये❓*_

🔄Part~01

_🌹हुज़ूर गौषूल आ’ज़म शैख़ अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह का फ़रमाने आलिशान है :_

_👉🏾महब्बते इलाही का तक़ाज़ा है की तू अपनी निगाहो को अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ कि रहमत की तरफ लगा दे और किसी की तरफ निगाह न हो यु की अन्धो की मानिंद हो जाए,_

_📃🔹👉🏾जब तक तू गैर की तरफ देखता रहेगा अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ का फ़ज़्ल नही देख पाएगा पस तू अपने नफ़्स को मिटा कर अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ ही की तरफ मुतवज्जेह हो जा,_

_📃🔹👉🏾इस तरह तेरे दिल की आँख फज़ले अज़ीम की जानिब खुल जाएगी और तू इसकी रौशनी अपने सर की आँखों से महसूस करेगा और फिर तेरे अंदर का नूर बाहर को भी मुनव्वर कर देगा,_

_📃🔹👉🏾अताए इलाही से तू राहतों सुकून पाएगा और अगर तूने नफ़्स पर ज़ुल्म किया और मख़लूक़ की तरफ निगाह की तो फिर अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ की तरफ से तेरी निगाह बंद हो जाएगी और तूझ से फज़ले खुदा वन्दी रुक जाएगा।_

*📕हवाला*

*📚गौषे पाक के हालात, सफा 80*

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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*💫👑मल्फ़ूज़ाते गौषे आ’ज़म👑💫*_

📃Part~04

_*👉🏻एक मोमिन को केसा होना चाहिये❓*_

📜Part~02

_👉🏾तू दुन्या की हर चीज़ से आँखे बंद करले और किसी चीज़ की तरफ न देख जब तक तू चीज़ की तरफ मुतवज्जेह रहेगा तो अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ का फ़ज़्ल और कुर्ब की राह तुझ पर नहीं खुलेगी_

_🔶👉🏾तौहीद, कज़ाए नफ़्स, महविय्य्ते ज़ात के ज़रिए दूसरे रास्ते बंद कर दे तो तेरे दिल में अल्लाह तआला के फ़ज़्ल का अ’ज़िम दरवाज़ा खुल जाएगा तू उसे ज़ाहिरी आँखों से दिल, ईमान और यक़ीन के नूर से मशाहदा करेगा।_

_🕌👉🏾मजीद फ़रमाते है : तेरे नफ़्स और आज़ा गैरुल्लाह की अता और वादे से आराम व सुकून नहीं पाते बल्कि अल्लाह तआला के वादे से आराम व सुकून पाते है।_

*📕हवाला*

*📚गौषे पाक के हालात, सफा 81*


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_*💫👑मल्फ़ूज़ाते गौषे आ’ज़म👑💫*_

📃Part~05

_*🌷👑अल्लाह के वली का मक़ाम🌷*_

_🌷शैख़ अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह का इरशादे मुबारक है :_

_👉🏾जब बन्दा मख़लूक़, ख्वाहिशात, नफ़्स, इरादा और दुन्या व आख़िरत की आरज़ूओं से फ़ना हो जाता है तो अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ के सिवा उसका कोई मक़सूद नही होता और ये तमाम चीज़ उसके दिलसे निकल जाती है तो वो अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ तक पहुच जाता है,_

_🕋☝🏽अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ उसे महबूब व मक़्बूल बना लेता है उससे महब्बत करता है और मख़लूक़ के दिल में उसकी महब्बत पैदा कर देता है।_

_👉🏾फिर बन्दा ऐसे मक़ाम और फाइज़् हो जाता है की वो सिर्फ अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ और उसके क़ुर्बे को महबूब रखता है उस वक़्त अल्लाह तआला का खुसूसी फ़ज़्ल उस पर साया फ़िगन हो जाता है। और उसको अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ नेमते अता फ़रमाता है और अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ उस पर अपनी रहमत के दरवाज़े खोल देता है।_

_👉🏾और उस से वादा किया जाता है की रहमते इलाही ﻋﺰﻭﺟﻞ के ये दरवाज़े कभी उस पर बंद नहीं होंगे उस वक़्त वो अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ का हो कर रह जाता है,_

_👉🏾उसके इरादे से इरादा करता है और उसके तदब्बुर से तदबीर करता है, उसकी चाहत से चाहता है, उसकी रिज़ा से राज़ी होता है, और सिर्फ अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ के हुक्म की पाबन्दी करता है।_

*📕हवाला*

*📚गौषे पाक के हालात, सफा 81-82*

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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*💫👑मल्फ़ूज़ाते गौषे आ’ज़म👑💫*_

📃Part~06

_*🌹📃✔तरीक़त के रस्ते पर चलने का नुस्खा📃🌹*_

🔄Part~01

_🌷हज़रते शैख़ मुहयुद्दीन अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह इर्शाद फ़रमाते है :_

_👉🏾अगर इंसान अपनी तबई आदत को छोड़ कर शरीअते मुतह्हरा की तरफ रुज़ूअ करे तो हक़ीक़त में येही इताअते इलाही ﻋﺰﻭﺟﻞ है, इससे तरीक़त का रास्ता आसान होता है।_

_*☝🏽अल्लाह इर्शाद फ़रमाता है :*_

_और जो कुछ तुम्हे रसूल अता फरमाए वो लो और जिस से मना फरमाए बाज़ रहो।_

*📗पारह 28*

_👉🏾क्यू की सरकारे मदीना ﷺ की इत्तिबाअ ही अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ की इताअत है, दिल में अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ की वहदानिय्यत के सिवा कुछ नहीं रहना चाहिये, इस तरह तू फनाफ़िल्लह के मक़ाम पर फाइज़् हो जाएगा और तेरे मरातिब से तमाम हिस्से तुझे अता किये जाएगे अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ तेरी हिफाज़त फ़रमाएगा, मुवाफक़्ते खुदा वन्दी ﻋﺰﻭﺟﻞ हासिल होगी।_

*📕हवाला*

*📚गौषे पाक के हालात, सफा 82*

🅿🅾ST➪6⃣3⃣

*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*​🥀 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*_​

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_*💫👑मल्फ़ूज़ाते गौषे आ’ज़म👑💫*_

📃Part~07

_*🌹📃✔तरीक़त के रस्ते पर चलने का नुस्खा📃🌹*_

🔄Part~02

_☝🏻🕋अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ तुझे गुनाहो से महफूज़ फ़रमाएगा और तुझे अपने फज़ले अ’ज़िम से इस्तिक़ामत अता फ़रमाएगा, तुझे दिन के तक़ाज़ों को कभी भी फरामोश नहीं करना चाहिये इन आ’माल को शरीअत की पैरवी करते हुए बजा लाना चाहिये,_

_👉🏾बन्दों को हर हाल में अपने रब की रिज़ा पर राज़ी रहना चाहिये, अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ की नेमतों से शरीअत की हुदूद ही में रह कर लुत्फ़ व फाएदा उठाना चाहिये और इन दुन्यवि नेमतों से तो हुज़ूर ने भी हुदूदे शरअ में रह कर फाएदा उठाने की तरगिब् दिलाई है_

_🕌🌷चुनान्चे सरकारे दो जहान ﷺ इर्शाद फ़रमाते है : खुशबू और औरत मुझे महबूब है और मेरी आँखों की ठन्डक नमाज़ में है।_

_👉🏾लिहाज़ा इन नेमतों पर अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ का सुक्र अदा करना वाजिब है, अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ के अम्बियाए किराम और औलियाए इज़ाम को नेमते इलाहिय्यह हासिल होती है और वो उसको अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ की हुदूद में रह कर इस्तिमाल फ़रमाते है,_

_👤👉🏻इंसान के जिस्म व रूह की हिदायत व रहनुमाई का मतलब ये है की ऐतिदाल के साथ अहकामे शरीअत की तामील होती रहे और इस में सीरते इनसानी की तकमील जारी व सारी रहती है।_

*📕हवाला*

*📒फुतुहुल गैब मुतर्जम, सफा 72*

*📚गौषे पाक के हालात, सफा 82-83*

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_*​🥀 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*_​

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_*💫👑मल्फ़ूज़ाते गौषे आ’ज़म👑💫*_

📃Part~08

_*☝🏻🕋रिज़ाए इलाही🕋*_

📜Part~01

_🌷हज़रते शैख़ अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह इर्शाद फ़रमाते है :_

_👉🏽जब अल्लाह तआला अपने बन्दे की कोई दुआ क़बूल फ़रमाता है और जो चीज़ बन्दे ने अल्लाह तआला से तलब की वो उसे अता करता है,_

_👉🏽तो इससे इरादए खुदा वन्दी में कोई फ़र्क़ नहीं आता और न नविश्तए तक़दीर ने जो लिखा दिया है उस की मुखालफत लाज़िम आती है क्यू की इस का सुवाल अपने वक़्त पर रब तआला के इरादे के मुवाफ़िक़ होता है इस लिये क़बूल हो जाता है_

_👉🏽और रोज़े अज़ल से जो चीज़ इसके मुक़द्दर में है वक़्त आने पर इसे मिल कर रहती है।_

*📕हवाला*

*📚गौषे पाक के हालात, सफा 83-84*

🅿🅾ST➪6⃣5⃣

*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*​🥀 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*_​

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_*💫👑मल्फ़ूज़ाते गौषे आ’ज़म👑💫*_

📃Part~09

_*☝🏻🕋रिज़ाए इलाही🕋*_

📜Part~02

_*📃☝🏽अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ के महबूब ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया :*_

_🌹☝🏽अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ पर किसी का कोई हक़ वाजिब नहीं है, अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ जो चाहता करता है, जिसे चाहे अपनी रहमत से नवाज़ दे और जिसे चाहे अज़ाब में मुब्तला करदे,_

_👉🏽अर्श से फर्श और तहतुस्सरा तक जो कुछ है वो सब का सब अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ के क़ब्ज़े में है, सारी मख़लूक़ उसी की है, हर चीज़ का ख़ालिक़ वो ही है,_

_🌷☝🏽अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ के सिवा कोई पैदा करने वाला नहीं है तो इन सब के बा वुज़ूद तू अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ के साथ किसी और को शरीक ठहराता है ?_

_💎☝🏽अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ जिसे चाहे और जिस चाहता है ज़िल्लत में मुब्तला कर देता है, अल्लाह ﻋﺰﻭﺟﻞ की बेहतरी सब पर ग़ालिब है और वो जिसे चाहता है बे हिसाब रोज़ी अता फ़रमाता है।_

*📕हवाला*

*📒फुतुहुल ग़ैब मुतर्ज़म, सफा 80*

*📚गौषे पाक के हालात, सफा 84*


🅿🅾ST➪6⃣6⃣

*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*​🥀 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*_​

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_*💫👑मल्फ़ूज़ाते गौषे आ’ज़म👑💫*_

📃Part~10

_*🕋☝🏽हर हाल में अल्लाह का शुक्र अदा करो☝🏽🕋*_

📜Part~01

_🌷हुज़ूर शैख़ मुहयुद्दीन अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह ने इर्शाद फ़रमाया :_

_☝🏽परवर दगार से अपने साबिक़ा गुनाहो की बख्शीश और मौजूदा और और आइन्दा गुनाहो से बचने के सिवा और कुछ न मांग,_

_👉🏽हुस्ने इबादत, अहकामे इलाही पर अ’मल करना, न फ़रमानी से बचने क़ज़ा व क़द्र की सख्तियो पर रिज़ा मंदी, आज़माइश में सब्र, नेमत व बख्शीश की अता और शुक्र कर, खातिमा बिलखैर और अम्बिया अलैहिमुस्सलाम, सिद्दीक़ीन, शुहदा, सालीहीन जैसे रफ़ीक़ो की रफ़ाक़त की तौफ़ीक़ तलब कर,_

_👉🏽और अल्लाह तआला से दुन्या तलब न कर, और आज़माइश व तंगदस्ती के बजाए तवंगरि व दौलत मंदी न मांग, बल्कि तक़दीर और तदबीरें इलाही पर रिज़ा मंदी की दौलत का सुवाल कर।_

*📕हवाला*

*📚गौषे पाक के हालात, सफा 84-85*

🅿🅾ST➪6⃣7⃣

*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*​🥀 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*_​

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_*💫👑मल्फ़ूज़ाते गौषे आ’ज़म👑💫*_

📃Part~11

_*🕋☝🏽हर हाल में अल्लाह का शुक्र अदा करो☝🏽🕋*_

📜Part~02

_👉🏽जिस हाल में अल्लाह तआला ने तुझे रखा है उस पर हमेशा की हिफाज़त की दुआ कर, क्यू की तू नही जानता की इन में तेरी भलाई किस चीज़ में है, मोहताजी व फ़क़रो फ़ाक़ा में है या दौलत मंदी और तवंगरि में, आज़माइश में या आफिय्यत में है, अल्लाह तआला ने तुझ से अश्या का इल्म छुपा कर रखा है। उन अश्या की भलाइयों और बुराइयो के जानने में वो यकता है।_

_🌷अमीरुल मुअमिनीन हज़रते फ़ारूक़ ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ इर्शाद फ़रमाते है की_

_👉🏽मुझे इस बात की परवाह नहीं की में किस हाल में सुबह करूँगा आया इस हाल पर जिस को मेरी तबीअत ना पसंद करती है, या इस हाल पर की जिस को मेरी तबीअत मसंद करती है, क्यू की मुझे मालुम नहीं की मेरी भलाई और बेहतरी किस में है। ये बात अल्लाह तआला की तदबीर पर रिज़ा मंदी उसकी मसन्दीदगी और इख़्तियार और उसकी क़ज़ा पर इत्मीनान व सुकून होने के सबब फ़रमाई।_

*📕हवाला*

*📚गौषे पाक के हालात, सफा 85*

🅿🅾ST➪6⃣8⃣

*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*​🥀 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*_​

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_*💫👑मल्फ़ूज़ाते गौषे आ’ज़म👑💫*_

📃Part~12

_*☝🏽तवक्कुल की हक़ीक़त☝🏽*_

_🌺हज़रत महबूबे सुब्हानी रहमतुल्लाह अलैह से तवक्कुल के बारे में दरयाफ़्त किया गया तो आप ने इरशाद फ़रमाया :_

_👉🏽”दिल अल्लाह की तरफ लगा रहे और उसके गैर से अलग रहे।” निज इरशाद फ़रमाया की तवक्कुल ये है की जिन की आँख से झांकना और मज़्हबे मारिफ़त में दिल के यक़ीन की हक़ीक़त का नाम एतिक़ाद है क्यू की वो लाज़िमी उमूर है उनमे कोई एतराज़ करने वाला नक़्स नहीं निकाल सकता।_

*📕हवाला*

*📚गौषे पाक के हालात, सफा 86*

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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*​🥀 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*_​

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_*💫👑मल्फ़ूज़ाते गौषे आ’ज़म👑💫*_

📃Part~13

_*🌍दुन्या को दिल से निकाल दो💕*_

_🌺हुज़ूर गौषे आ’जम रहमतुल्लाह अलैह से दुन्या के बारे में पूछा गया तो आप ने फ़रमाया की दुन्या को अपने दिल से मुकम्मल तौर पर निकाल दे फिर वो तुझे नुक़सान नहीं पहुचाएगी।_

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*☝🏽शुक्र क्या है❓*

_🌺शैख़ मुहयुद्दीन रहमतुल्लाह अलैह से शुक्र के बारे में दरयाफ़्त किया गया तो आप ने इरशाद फरमाया की_

_👉🏽शुक्र की हक़ीक़त ये है की आजिज़ी करते हुए नेमत देने वाले की नेमत का इक़रार हो और इसी तरह आजिज़ी करते हुए अल्लाह के एहसान को माने और ये समझ ले की वो शुक्र अदा करने से आजिज़ है।_

*📕हवाला*

*📚गौषे पाक के हालात, सफा 87*

🅿🅾ST➪7⃣0⃣

*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*​🥀 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*_​

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_*💫👑मल्फ़ूज़ाते गौषे आ’ज़म👑💫*_

📃Part~14

_*✔सब्र की हक़ीक़त🌹💎*_

_👉🏽हज़रते शैख़ अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह ने फ़रमाया_

_👉🏽सब्र ये है की बला व मुसीबत के वक़्त अल्लाह के साथ हुस्ने अदब रखे और उसके फैसलो के आगे सरे तस्लीम खम करदे।_

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_*✔सिद्क़ क्या है ?*_

_👉🏽हज़रते शैख़ मुहयुद्दीन रहमतुल्लाह अलैह ने फ़रमाया_

_👉🏽अक़वाल में सिद्क़ तो ये है की दिल की मुवफक़त क़ौल के साथ अपने वक़्त में हो।_

_👉🏽आमाल में सिद्क़ ये है की आमाल इस तसव्वुर के साथ बजा लाए की अल्लाह इसको देख रहा है और खुद को भूल जाए।_

_👉🏽अहवाल में सिद्क़ ये है की तबीअते इंसानी हमेशा हालते हक़ पर क़ाइम रहे अगर्चे दुश्मन का खौफ हो या दोस्त का नाहक़ मुतालबा हो।_

*📕हवाला*

*📚गौषे पाक के हालात, सफा 87-88*

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*_​​🕌शाने गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैहि 💫_*

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_*​🥀 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*_​

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_*🌹👑सलातुल गौषीय्या का तरीक़ा और इस की बरकतें👑🌹*_

_👉🏽हज़रते शैख़ अबुल क़ासिम उमर अल बज़्ज़ार रहमतुल्लाह अलैह फरमाते है की हुज़ूर सय्यिदुना शैख़ अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह ने फ़रमाया की_

_👉🏽जो शख्स मुझ को मुसीबत में पुकारे तो उसकी वो मुसीबत जाती रहेगी और जिस तक़लीफ़ में मुझे पुकारे तो उस की वो तकलीफ जाती रहेगी।_

*📜फिर फ़रमाया*👇🏽

_👉🏽जो शख्स दो रकअत नमाज़ पढ़े और हर रकअत में सूरए फातिहा के बाद सूरए इखलास 11 बार पढ़े फिर सलाम के बाद सरवरे कौनो मका ﷺ पर दुरुदे पाक और मुझ को याद करे और इराक़ की जानिब 11 क़दम चले और मेरा नाम ले कर अपनी हाजत तलब करे तो अल्लाह के हुक्म से उस की हाजत पूरी हो जाएगी।_

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_*🌹आप का विसाले मुबारक🌹*_

_🌺हज़रत सय्यिदुना शैख़ अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह ने 9 रबीउल आखिर 561 हिजरी में इंतिक़ाल फ़रमाया, विसाल के वक़्त आप की उम्र शरीफ तक़रीबन 90 साल थी।_

*📕हवाला*

*📚गौषे पाक के हालात, सफा 90*

 𝗥𝗮𝘇𝗮 𝗪𝗮𝗵𝗶𝗱𝗶 𝗣𝗮𝗴𝗲
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SEERATE KHAWAJA MOINUUDIN CHHISTI

*सुन्नियत का काम करेंगे!*📚 *मसलक ए आला हजरत को आम करेंगे!


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*_🌷JASHN-E-KHWAJA SULTAN UL HIND🌷_*

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*_🌹SEERAT -E- HAZRAT KHAWAJA MOINUDDIN HASAN CHISTI رحمةاللّٰه عليه…🌹_*

*_⚠NOTE:- SEERAT -E- HAZRAT KHAWAJA MOINUDIN CHISTY رحمةاللّٰه عليه PADH’NE SE PHLE WILAYAT KI KUCH HAQIQAT JAAN LIJIYE…_*

_💗Wilayat Darbar -e- Khudawandi Me Ek Khas Kurb Ka Naam Hai Jo Allah Ta’ala Apne Fazl Wa Karam Se Apne Khas Bando Ko Ataa Farmata Hai.…_

*🌴AKIDA 1 :-* _Tamaam Ummato Ke Auliya Me Hamare Rasool ﷺ Ki Ummat Ke Auliya Sabse Afzal Hai._

*💐AKIDA 2 :-* _Auliya Ki Karaamat Haq Hai. Is Ka Munqir Gumrah Hai. Karaamat Ki Bahut Si Kisme Hai. Maslan Murdo Ko Zinda Karna, Andho Aur Kodhiyo Ko Shifa Dena, Lambi Masaafato Ko Minat Do Minat Me Taye Kar Lena, Pani Par Chalna, Hawao Me Udna, Door Door Ki Cheezo Ko Dekh Lena. Mufassal Bayaan Ke Liye Padho Hamari Kitaab “Karaamaate Sahaba”._

*🌿AKIDA 3 :-* _Auliya E Kiraam Ko Door Wa Nazdeek Se Pukarna Jayez Aur Salfe Saleheen Ka Tariqa Hai._

*🌻AKIDA 4 :-* _Auliya E Kiraam Apni Apni Kabro Me Zinda Hai Aur Unka Ilm Aur Unka Dekhna Unka Sunna Duniyavi Zindgi Se Zyada Qavi Hota Hai._

*📚Page No:-121/122 Jannati Zevar*

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*_🌷JASHN-E-KHWAJA SULTAN UL HIND🌷_*

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*_🌹SEERAT -E- HAZRAT KHAWAJA MOINUDDIN HASAN CHISTI رحمةاللّٰه عليه…🌹_*

       *🍃Wiladat Ba Sa’Aadat🍃*

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*_🌷Khwajae Khwajgan Hazrat Khwaja Moinuddeen Hasan Chishti Ajmeri دحمتہ اللّٰہ علی_*537 Hijri Me Mauza Sanjar Sooba Kharasan Me Paida Hue Mauza Sanjar Kandhar Se Janib Shumal 24 Ghante Ke Raste Par Waqe Hai Aur Aaj bhi Wo Gaaon Maujood Hai Baaz Log Us ko Sajistan bi kehte hai

 _*🌿Khwaja Gharib Nawaz دحمتہ اللّٰہ علیہ*_ Ke Walid Majid Ka Naam *_Sayyed Ghayasuddin Hasan رحمتہ اللّٰہ علیہ_* Woh Aathwi (8) Pusht Me *_Hazrat Moosa Kazim رحمتہ اللّٰہ علیہ_* Ke Pote Hote Hai

Walidah Majidah Ka Naam *_Bibi Ummul Wara, Almausoom Bibi Maah Noor_* Hai Jo Chand Wasto Se *_Hazrat Imam Hasan رضی الله عنه_* Ki Poti Hoti Hai IsLiye Aap Baap Ki Taraf se _Husaini_ Aur Maa Ki Taraf Se _Hasani_ Sayyed Hai

 *_{ 📚BOOK NAM :-HIND UL WALI GHARIB NAWAZ , Page No : 07 }_*

*_{ 🖌Writer Name :- MUNSHI ABDUL HAMEED BIHARI }_*

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*_🌷JASHN-E-KHWAJA SULTAN UL HIND🌷_*

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*_🌹SEERAT -E- HAZRAT KHAWAJA MOINUDDIN HASAN CHISTI رحمةاللّٰه عليه…🌹_*

       *🍃Wiladat Ba Sa’Aadat🍃*

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🌸Aap Ki Walidah Majidah Hazrat Ummul Wara Se Riwayat Hai ke Jis Waqt Se Mera Noore Nazar *Moinuddin* Mere Shikam Me Aaya Mera Ghar Khair-o-Barkat Se Maamoor Nazar Aane Laga Jo Log Hamare Dushman The Mohabbat Se Pesh Aane Lage, Baaz Auqat Mujhe Behtareen Khwab Nazar Aate The..,

jis Waqt *خدا تعالی* Ne Aap Ke Jism Me Jaan Dali To Us Waqt Se Ye Maamool Ho Gaya tha ke Nisf Shab Se Le kar Subha Tak Mere Shikam se Tasbih Wa Tahleel Ki Awaaz Aati thi ,

Mai Us Mubarak Aawaz Me Sarshar Ho Jati thi ,

Jab *Aap* Paida Hue to Mera Sara Ghar Noor Se Maamoor ho gaya

 *_{ 📚BOOK NAME:-HIND UL WALI GHARIB NAWAZ , Page No : 7-8}_*

*_{ 🖌Writer Name :- MUNSHI ABDUL HAMEED BIHARI }_*

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*_🌷JASHN-E-KHWAJA SULTAN UL HIND🌷_*

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*_🌹SEERAT -E- HAZRAT KHAWAJA MOINUDDIN HASAN CHISTI رحمةاللّٰه عليه…🌹_*

    *🌿Nasab Naama Pedari🌿*

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*Aap Ka Nasab Naama Pedari Hasb Zeel Hai*

*1 :- Hazrat Khwaja Moinuddin Hasan.*

2 :-Bin Hazrat Khwaja Ghayasuddin

3 :- Bin Hazrat Khwaja Najmuddin Tahir

4 :- Bin Hazrat Khwaja Sayyed Ibrahim

5 :- Bin Hazrat Khwaja Sayyed Idrees

6 :- Bin Hazrat Imam Moosa Kazim

7 :- Bin Hazrat Imam Jaafar Sadiq

8 :- Bin Hazrat Imam Muhammad Baqar

9 :- Bin Hazrat Imam Zainul Aabedin

10 :- Bin Sayyedna Imam Husain

*11 :-Bin Ameerul Momineen Hazrat Ali Karamullah wajha*

*Khawaja Sahab رحمته الله عليهki Walidah Majidah Ka Nasab Naama Hasb Zeel Hai..*

1 :- Bibi Ummul Wara

2 :- Binte Hazrat Sayyed Dawood

3 :- Bin Hazrat Abdullah Hambali

4 :- Bin Hazrat Zahid

5 :- Bin Hazrat Muhammad Moris

6 :- Bin Hazrat Dawood

7 :- Bin Hazrat Moosa

8 :- Bin Hazrat Sayyed Abdullah Makhfi

9 :- Bin Hazrat Hasan Masna

10 :- Bin Sayyedna Imam Hasan

*11 :- Ameerul Momineen Sayyedna Hazrat Ali Karamullah Wajha*

 رحمته الله عليه

رضى الله عنه

       *Taaleem Wa Tarbiyat*

Ibtidai Taaleem Ghar Par Hui Aap Ke Walid Buzurgwar Ek Bade Aalim The *Khwaja Sahabرحمته الله عليه* Ne 9 Sal Ki Hi Umar Me Quran Majeed Hifz Kar Liya Aur Us Ke Bad Sanjar Ke Ek Maktab Me Dakhila Hua Aap Ne Yha Ibtidai Taur sebTafseer fiqa Aur Hadees Ki Taaleem Paayi Aur Thode Hi Arse me Aap Ne kafi Ilm hasil kar liya

 *_{ 📚BOOK NAME:-HIND UL WALI GHARIB NAWAZ , Page No : 08/09}_*

*_{ 🖌Writer Name :- MUNSHI ABDUL HAMEED BIHARI }_*


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*_🌷JASHN-E-KHWAJA SULTAN UL HIND🌷_*

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*_🌹SEERAT -E- HAZRAT KHAWAJA MOINUDDIN HASAN CHISTI رحمةاللّٰه عليه…🌹_*

*🌿Kharasan Ki Mukhtasar Taarikh🌿*

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*🌺Hazrat Khwaja Gharib Nawaz رحمته الله عليه* jis Zamane me Paida hue woh Bada hi PurAashoob Zamana tha beraham tatariyo ne har taraf Qatl wa Gharatgiri Aur Loot Ka Baazar Garam Kr rakha tha Aman wa Chain Kisi ko bhi Nahi tha Un Darindo ne Kharasan par Hamla kar diya aur Sultan-e-Sanjar ko Un se shikast ho gai Har Taraf Lasho Ke Ambar lag gae yahi Woh Ilaqa tha Jis Me Ek Taraf Tatariyo Ne Zulm barpa kar rakha tha Aur Dusri Taraf Aqaed Islam Ke Khilaf Sakht Karguzari Kar rhe the

Chunke Sultane Kharasan Ko Shikast Ho chuki thi Is Lie tatari Ilaqe ke log begair kisi rok tok ke Kharasn me Dakhil Ho gae Aur Mukhtaif Shahro Jaise Awash (Mashhad) Maqdam Aur Nishapur Ko Barbad Kar k dal diya Ladko Aur ladkiyo ko Ghulam Aur Laundi Banaya Aur Tamam Masjido ko tabah wa barbad kar diya Be Gunah logo ki lasho ke dher lag gae Aur bahut se bade bade Aalim begunah Shaheed kar dale gae Us Waqt *Khwaja Sahab رحمته الله عليه* ki umr sirf 13 Sal ki thi Aisi Khaufnak Khooreziya dekh kar Aap ka dil bechain ho gaya hosh Sambhala hi tha k ye khatarnak Waqeat Nazar se guzre

 *_{ 📚BOOK NAME:-HIND UL WALI GHARIB NAWAZ , Page No : 10 }_*

*_{ 🖌Writer Name :- MUNSHI ABDUL HAMEED BIHARI }_*

*_📄PART=0⃣6⃣_*

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*_🌷JASHN-E-KHWAJA SULTAN UL HIND🌷_*

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*_🌹SEERAT -E- HAZRAT KHAWAJA MOINUDDIN HASAN CHISTI رحمةاللّٰه عليه…🌹_*

*🌿Walid Buzurgwar ka Wisal🌿*

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*💐Khwaja Sahab رحمته الله عليه* ki Umr Abhi 14 Saal hi ki thi k Baap Ka Saaya Sir se Uth gaya, Aur Aap Yateem ho gae Walid ne Tarke me Ek Baag Aur Ek Panchakki Chhodi thi Jo Aap Ke Hisse me Aai Walid Majid ke inteqal ke Chand Hi Mahine Baad Walidah Majidah Bhi Is Jahan Fani Se Rukhsat Farma Gai Is Sadmae Jankah Se Paaw Tale Zameen Nikal Gai Aur Hamare *Khwaja Sahabرحمته الله عليه*Be Yaaro Madadgar Rah Gae Us Waqt Aapki Umr Sirf 15 Saal thi Us Kasini me Waldain Ka Saaya Sir Se Uthna Koi Mamooli Baat Nahi Lekin Aap Ne Sabr Kiya

Magar Duniya Se Dil Uchat Ho Gaya Aap Ne Faisla Kiya Ye Duniya Kuch Bhi Nahi Haqeeqi Aur Asl Rahat Insan ko Usi Waqt Mil Sakti Hai Jab k Woh Apne Khuda Ko Pahchan Le Magar Us Raah me Bhi Rehnuma or Rehadi Ki Zarurat Thi Zarya Moash Sirf Ek Baag Aur Ek Panchakki thi Jo Walid Majid Ke tarke Me mili thi Hamare *Khwaja Sahab رحمته الله عليه* Paudo ki Khud Dekh bhaal Karte Un Ko Paani Dete Aur Kaat Chhant Kartr Gharz k Har Mumkin Tarike Se Darakhto, Paudo, Beliyo Aur Baag Ki Nigrani Karte Aur Usi Zarye Se Apni Moash Hasil Karte Rahe 

 *_{ 📚BOOK NAME:-HIND UL WALI GHARIB NAWAZ , Page No : 11 }_*

*_{ 🖌Writer Name :- MUNSHI ABDUL HAMEED BIHARI }_*

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*_🌷JASHN-E-KHWAJA SULTAN UL HIND🌷_*

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*_🌹SEERAT -E- HAZRAT KHAWAJA MOINUDDIN HASAN CHISTI رحمةاللّٰه عليه…🌹_*

*🍃Zindagi Me Ek Naya Mod🍃*

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*🌷Khwaja Sahab رحمته الله عليه* Shuru Hi Se Darweshiyo, Sufiyo Aur Faqeero Ki Sohbat Ke Bahut Dildadah the Un Ka Adab Karte Aur Un Se Mohabbat Rakhte the Ek Roz Hasb Mamool Aap Apne Baag Me Darakhto Ko Pani De Rahe the k Usi Asna me Ek Majzoob Buzurg Kahi Se Phirte Phirate Us Baag Ki Taraf Aa nikle ye Buzurg *Shekh Ibrahim Qandozi رحمته الله عليه* the Nau umr Baghbaan *( Khwaja Sahabرحمته الله عليه )* ki Nigah Jo Un Khuda Shenas Majzoob Par Padi to Sab Kaam kaaj Chhod Kar Udhar Motawajja Hue Aage Badh Kar Khush Aamdeed Kaha Aur Aap ke Dast Mubarak ko Bosa De Kar Nihayat Ehtaram se Ek Sayadar Darakht ki Chhaw me La Kar Bithaya Aur to kou Saman To Waze ka us Waqt Maujood na tha Magar Un Dino Angooro Ka Mausam tha Aur Angoor Ke Khushnuma Lachhe Latak Rahe the *Khwaja Sahab رحمته الله عليه* Ne Angooro Ka Ek Khushzaiqa Aur Shirikhusha Tod Kar Un Majzoob ki Khidmat me Pesh Kiya Aur kamaal Adab se Dozanu Ho Kar Un ke Samne Baith Gae ALLAH Wale Majzoob Ko Aap ki Ye Ada Bahut Pasand Aai Aur Khushi Se Chand Angoor Nosh Farmae Buzurg Majzoob Ki GhadaShenas Nazro Ne Fauran Taad Liya Ke Ye Honhar Bachcha Raahe Haq Ka MatlaShi Hai

 *_{ 📚BOOK NAME:-HIND UL WALI GHARIB NAWAZ , Page No : 12}_*

*_{ 🖌Writer Name :- MUNSHI ABDUL HAMEED BIHARI }_*



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*_🌷JASHN-E-KHWAJA SULTAN UL HIND🌷_*

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*_🌹SEERAT -E- HAZRAT KHAWAJA MOINUDDIN HASAN CHISTI رحمةاللّٰه عليه…🌹_*

*🍃Zindagi Me Ek Naya Mod🍃*

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Chunanche Unhone Apni Jeb Se Khali Ka Ek Tukda Nikala Aur Us ko Apne Dandane Mubarak Se Chabakar    

*Khwaja Sahab رحمته الله عليه* Ke Dahan Mubarak Me Daal Diya Hamare

*Khwaja Sahab رحمته الله عليه* Chunke Shuru hi se Darwesho Ka Adab Aur Faqeero Se Mohabbat Rakhte the Is Liye

*Ibrahim Qandozi رحمته الله عليه* Ke Ataa kirdah Us Tukde ko Kha gae Phir Kya tha Aap Ka Dil Duniya se Uchat Ho gaya Aur Khudi ke tamam Parde hat gae..

Khali ka woh tukda Halaq se utarna tha k Aap Roohaniyat Ki Duniya Me Pahonch gae Joshe Hairat Qalb par Taari ho gaya Aankh Khuli k Khuli Rah gai Jab Aap Us Halate Faramoshi se Bahar Aae to Apne ko tanha paaya                                             

 *_{ 📚BOOK NAME:-HIND UL WALI GHARIB NAWAZ , Page No : 12-13}_*

*_{ 🖌Writer Name :- MUNSHI ABDUL HAMEED BIHARI }_*

 *🔄🔃Next Post continue……….*

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*_🌷JASHN-E-KHWAJA SULTAN UL HIND🌷_*

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*_🌹SEERAT -E- HAZRAT KHAWAJA MOINUDDIN HASAN CHISTI رحمةاللّٰه عليه…🌹_*

*💞Zindagi Me Ek Naya Mod..*

*💎Sheikh Ibrahim Qandozi رحمته الله عليه* jaise Aae the Waise hi jidhar Muh utha chal diye..

 *🌻Aap ki Nazro Ke samne phir raha tha Aur Aisa Na tha Jis Ko Faramosh Kiya ja sakta Woh bar bar* Us Ko Dekhne Ke Mutmain The Aap ne Har Mumkin Sabr Wa Tahammul se kaam liya

*🍂Magar phir bhi Dil Qabu me na raha Ishq ki Aag Bhadak uthi Aur jab Deewangi* Had se Badhne lagi to Aap ki Nazro me Duniya Aur Us Ki Daulat Haqeer Nazar Aane lagi

*🌱Chunancha Baag Aur Panchakki Ko Firaukht Kar k Aur jo kuch Naqad wa jins Paas Maujood Tha Raahe Khuda me Faqra-o-Masakeen* me Taqseem kar diya Aur Khud Thoda sa zaruri Tosha-e-Safar Bandh Kar Talashe Haq me Nikal pade..

 *_{ 📚BOOK NAME:-HIND UL WALI GHARIB NAWAZ , Page No : 12-13}_*

*_{ 🖌Writer Name :- MUNSHI ABDUL HAMEED BIHARI }_*


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*_🌷JASHN-E-KHWAJA SULTAN UL HIND🌷_*

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*_🌹SEERAT -E- HAZRAT KHAWAJA MOINUDDIN HASAN CHISTI رحمةاللّٰه عليه…🌹_*

*🌷Uloom Zahiri Ki Takmeel…*

💎Khuda Ki Yad Chunke Ilm ke bagair Namumkin hai Is lie Hamare *Khwaja Sahab رحمته الله عليه* Ne Sab se pahle ilm zahiri Hasil karne ki taraf tawajja farmai..

Ta ke Amal Me Nuks Aur Kharabi na rahe Aap ne Watan Azeez ko Khaira’bad Kha Aur Talaashe Ilm Me Nikal Pade

*🍂Chunke Tatariyo ne kharasan ke Aksar beshatar madaris Diniya ko niyast wa Nabood kar diya tha is lyie Hamare *Khwaja دحمته الله عليه* ko ilm ki pyas bujhane ke liye Door Daraz Ka Safar Karna pada Dushwar Guzar Rasto, Sahrao, Daryao, Pahado Aur Ghane janglo ko taey karte Aur Har Qism ke Masaib wa Takaleef Bardasht karte hue Aap barabar Safar karte rahe Yha tak k bukhara ke Mashhoor wa Ma’aroof Madarso me Pahonch kar

Aap ne Fiqa, Hadees, Tafseer Aur Dusre Aqli Uloom Ki Kitabe Padhi

 *_{ 📚BOOK NAME:-HIND UL WALI GHARIB NAWAZ , Page No : 14}_*

*_{ 🖌Writer Name :- MUNSHI ABDUL HAMEED BIHARI }_*

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*_🌷JASHN-E-KHWAJA SULTAN UL HIND🌷_*

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*_🌹SEERAT -E- HAZRAT KHAWAJA MOINUDDIN HASAN CHISTI رحمةاللّٰه عليه…🌹_*

*🌷Uloom Zahiri Ki Takmeel…*

Maulana *Hosaamuddin Bukhari رحمته الله عليه* Jaisi Mayanaaz Hastiyo Aur Dusre Ulmaa se Aap ne Ilm Hasil kiya

Aakhirkar Maulana *Hosaamuddin Bukhari رحمته الله عليه* ne Aap ko Dastaar Fazilat Ataa Farmaai Aur Ilm-E-Deen Se itna Maalamaal kar diya k Aap ka shumar Us Waqt ke Mashhoor Ulma Me Hone laga

phir bhi Ilm ki pyas Baqi rahi Aur Aap Maulana *Hosaamuddin Bukhari رحمته الله عليه* se Rukhsat Ho kar Samarqand chale gae..

Samarqand me bhi Deeni Ta’aleem Ke Ek Ek Madarse me Pahunch kar Mazeed Ilm Hasil Kiya…

 *_{ 📚BOOK NAME:-HIND UL WALI GHARIB NAWAZ , Page No :14 }_*

*_{ 🖌Writer Name :- MUNSHI ABDUL HAMEED BIHARI }_*

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*_🌷JASHN-E-KHWAJA SULTAN UL HIND🌷_*

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*_🌹SEERAT -E- HAZRAT KHAWAJA MOINUDDIN HASAN CHISTI رحمةاللّٰه عليه…🌹_*

*🌻Talaash-E-Haq…*

*🌱Sheikh Ibrahim Qandozi رحمته الله عليه* ne Jab se *Hazrat Khwaja Moinuddin Chishti رحمته الله عليه* ko Ishqe Ilahi ki jhalak dikhai thi Usi Waqt se Aap ka dil Beqarar tha Aur Ab Ta’aleem Ki Hawa ne Ishq ki Aag ko Aur bhadka diya..

*🌼chunancha ek din Samarqand ko khairabad kaha Aur Allah Ka Naam le ker Maghrib Ki Janib Rawana Ho gae Maghrib Ki Sarzameen bade bade Aarfane Haq ke Mazaraat se bhari padi* thi aur bade bade Khuda Rasidah Buzurg Us Sarzameen par Maujood the jha Qadam Qadam par Faiz Ke Darya jari the Samarqand se Ek Rasta Junoob ki Taraf Bilakh ko Jata hai

*🌷Aap Usi raste par Murshid Kamil Ki Talash me Chal pade Magar Us Tamam Safar Me Koi Kamil Buzurg na Mila Aur Aap Barabar chalte Rahe Jaise Koi Batini* Kashish Aap Ko Khinche Liye Jarahi ho.

 *_{ 📚BOOK NAME:-HIND UL WALI GHARIB NAWAZ , Page No :15 }_*

*_{ 🖌Writer Name :- MUNSHI ABDUL HAMEED BIHARI }_*

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*_🌷JASHN-E-KHWAJA SULTAN UL HIND🌷_*

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*_🌹SEERAT -E- HAZRAT KHAWAJA MOINUDDIN HASAN CHISTI رحمةاللّٰه عليه…🌹_*

*🥀Khwaja Sahab رحمته الله عليه Peer Kamil Ki Khidmat Me…*

_Abhi Nishapur se Kuch Hi Dur Chale The k Qasba Haroon Me Pahonch gae.._

*🏡Qasba Haroon Ek Chhota Sa Qasba tha lekin Shane Khudawandi to Dekho ke Us Chhote se Qasba par *ALLAH*Ki Rahmat Baras Rahi thi Yani Un Dino Waha *

*🍁Hazrat Khwaja Sheikh Usmani Harooni زحمته الله عليه* Jalwa Afroz the Aur Un ki Waja seTamam Qasba Khair-o-Barkat se Ma’amoor tha..

*💞Hazrat Sheikh Usman Harooni رحمته الله عليه* Mashaikh Kubaar me se The Aur Aap Ka Faiz Door Door tak Jari tha, Hajatmand Aur Talibane Haq Gauhare Muraad se Apni Jholiya bhar bhar kar Le Jate the

 *_{ 📚BOOK NAME:-HIND UL WALI GHARIB NAWAZ , Page No :15-16 }_*

*_{ 🖌Writer Name :- MUNSHI ABDUL HAMEED BIHARI }_*

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*_🌷JASHN-E-KHWAJA SULTAN UL HIND🌷_*

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*_🌹SEERAT -E- HAZRAT KHAWAJA MOINUDDIN HASAN CHISTI رحمةاللّٰه عليه…🌹_*

*🥀Khwaja Sahab رحمته الله عليه Peer Kamil Ki Khidmat Me…*

*💫Huzur Khwaja Ghareeb Nawaz رحمته الله عليه* Ka Jazba-E-Ishq Aakhirkar Aap ko Manzil Maqsood Par Le hi Aaya Yani Aap Qasba Haroon Me Dakhil Ho Gae Us Waqt Aap ki Khushi Ki Inteha Na Rahi Kyu k Aap ne Ab Chashma-E-Aabe Baqa Ko Pa Liya

*🌼Chu ke Hamare *Khwaja رحمته الله عليه* Door Se Safar Karte Hue Haroon Pahunche the Islie Aap Ka Rooe Mubarak GirdAaloodah Ho Gaya tha Aur Libas Ghubaar Me Ata(اٹا) Hua Tha Aap Beqarar Zarur the Magar Chehre Par Mataanat Aur Sanjidgi ke Aasaar Numaya the

*🥀Hazrat Khwaja Ghareeb Nawaz رحمته الله عليه* Ne *Hazrat Khwaja Sheikh Usman Harooni رحمته الله عليه* ke Daste Haq Parast Par Bait Ki Aur Peer Kamil Ne Aap Ko Apne Halqa-E-Araadat Me Dakhil Farma liya.

 *_{ 📚BOOK NAME:-HIND UL WALI GHARIB NAWAZ , Page No : 16 }_*

*_{ 🖌Writer Name :- MUNSHI ABDUL HAMEED BIHARI }_*


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*_🌷JASHN-E-KHWAJA SULTAN UL HIND🌷_*

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*_🌹SEERAT -E- HAZRAT KHAWAJA MOINUDDIN HASAN CHISTI رحمةاللّٰه عليه…🌹_*

*🥀Khwaja Sahab رحمته الله عليه Peer Kamil Ki Khidmat Me…*

*💞Hazrat Khwaja Ghareeb Nawaz رحمته الله عليه* Ke Mureed Hone Ka Waqea Khud Aap Ke Apne Alfaz Me Yha Pesh Kiya Jata Hai

Mai Ek Aisi Sohbat Me Jis me Jaleelul Qadr Buzurg Jama the Nihayat Adab se Hazir Huwa Aur Sir Niyaz Zameene Adab Par Jhuka diya

*Huzur Ne Hukm Farmaya:-*

“Do Raka’at Namaz Ada Karo.”

Mai ne Taameel Hukm Ki, Phir Hukm Huwa.

“Roo ba Qibla Baith Jao”

Mai Adab Se Roo ba Qibla baith Gaya.

Phir Irshad Farmaya “Surah Baqrah Ki Tilawat Karo” Mai Ne Adab Se Tilawat Ki Phir Hukm Huwa “60 Martaba *Subhan Allah* Padho.”

Maine Padha Phir HuzurWaala Ne Mera Hath Apne Hath Me liya Aur Aasman ki taraf Nigah Utha kar Dekha Aur Zabaan Mubarak Se Ye Irshad Farmaya.

“Mai Ne Tujhe Khuda tak Pahuncha diya.”

Un Tamam Jumla omor Ke baad *Hazrat Sheikh رحمته الله عليه* ne Ek khaas Qism ki tarki topi Mere Sir par rakhi Jo Kalah Chahar Tarki Kahlati hai Aur Choga Mubarak Mujhe Pahna Diya, Phir Farmaya:-

“Baith jao.”

Mai Fauran Baith Gaya, Ab Phir Hukm huwa.

“Hazaar Baar Surah Ikhlaas Padho.”

Jab Mai Us Se Huwa to Farmaya:-

Hamare Mashaikh ke yaha Sirf Ek Din Raat Ka Mujahidah Hai Is Lie Jao Aur Ek Din Raat Kamil Mujahid Karo.”

 *_{ 📚BOOK NAME:-HIND UL WALI GHARIB NAWAZ , Page No : 16-18 }_*

*_{ 🖌Writer Name :- MUNSHI ABDUL HAMEED BIHARI }_*

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*_🌷JASHN-E-KHWAJA SULTAN UL HIND🌷_*

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*_🌹SEERAT -E- HAZRAT KHAWAJA MOINUDDIN HASAN CHISTI رحمةاللّٰه عليه…🌹_*

*💝Khwaja Sahab رحمته الله عليه Peer Kamil Ki Khidmat Me💝*

Ye Hukm Sun kar Maine Ek Din Raat Puri Ibadat Ilahi Aur Namaz me Guzar di, Dusre Din Khidmat Me Hazir Ho Kar Qadam Bosi ki Daulat hasil ki aur Hukm ke Mutabiq Baith gaya.

Irshad Farmaya “Idhar Dekho” (Aasman Ki Taraf Isharah Kar ke) Maine Aasman Ki Taraf Nazar Uthai, Aap ne Daryaft Farmaya:-

Kahan tak dekhta hai?

Mai ne Arz kiya, Arsh Mualla tak.

Phir Irshad huwa “Niche Dekh”.

Mai ne Niche Dekha to phir Wahi Farmaya:-

“Kahan tak Dekhta hai”.

Maine Arz kiya “Tahatul Saraa tak”.

Phir Hukm Huwa:-

“Hazaar bar Surah Ikhlas Padho”.

Maine Hukm ki taameel ki to Hazrat Ne phir Irshad Farmaya:-

“Aasman ki taraf dekho

Mai ne Dekha Aur Arz Kiya, Hijab Azmat tak Saaf Nazar Aa Raha hai…

 *_{ 📚BOOK NAME:-HIND UL WALI GHARIB NAWAZ , Page No :19 }_*

*_{ 🖌Writer Name :- MUNSHI ABDUL HAMEED BIHARI }_*

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*_🌷JASHN-E-KHWAJA SULTAN UL HIND🌷_*

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*_🌹SEERAT -E- HAZRAT KHAWAJA MOINUDDIN HASAN CHISTI رحمةاللّٰه عليه…🌹_*

*🌸Khwaja Sahab رحمته الله عليه Peer Kamil Ki Khidmat Me…..*

*_Farmaya:-_*

_👁”Aankhein Band karo” Mai ne Aankhein Band Kar li._

Phir Hukm Diya. “Khol Do”.

Maine Aankhein Khol Di.

Uske baad Aap ne Apni Do Ungliya Mere Samne Ki Aur Poocha “Kya Dikhai Deta Hai”

*🥀Maine Arz Kiya ” Aththarah (18) Hazaar Aalim Meri Aankho Ke Samne Hai Jab Meri Zabaan Se Ye Jumla Ada Huwa to Aap Ne Irshad Farmaya.*

“Bas, Ab tera Kaam Pura ho gaya”

*🍓Baad Azaa Ek Int(Brick) Ki Taraf jo samne padi thi Isharah kar ke Farmaya, “Isko Utha”*

Maine Uthaya to Us ke Niche se kuch Deenaar nikle Jin ke Muta’alliq Hukm Huwa:

Inhe Le ja Aur Faqra-o-Masakeen me taqseem kar de”

Chunancha Mai ne Hukm Ki Taameel ki Aur Khidmat Ba Barkat Me Hazir Huwa, Irshad Huwa.

*”Chand Roz Hamari Sohbat Me Raho” Arz kiya, Hazir Hoon”*

 *_{ 📚BOOK NAME:-HIND UL WALI GHARIB NAWAZ , Page No : 20}_*

*_{ 🖌Writer Name :- MUNSHI ABDUL HAMEED BIHARI }_*

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*_🌷JASHN-E-KHWAJA SULTAN UL HIND🌷_*

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*_🌹SEERAT -E- HAZRAT KHAWAJA MOINUDDIN HASAN CHISTI رحمةاللّٰه عليه…🌹_*

*_🌺Khwaja Sahab رحمته الله عليه Bees (20) Saal tak Peero Mursheed Ki Khidmat Me…_*

*🕌Hazrat Khwaja Moinuddin Chishti رحمته الله عليه* ek Arsa se *Hazrat Khwaja Usman Harooni رحمته الله عليه* ke Motaqad(Mureed) the Ab Is Qadar Shedai Ho Gae k Har Waqt, Safar Ho Ya Hazar, Apne Peero Mursheed ki Khidmat Me Hazir Rahte, Peer Ka Bistar, Tosha, Pani Ka Mashkizah Aur Deegar Zaruri Saman Apne Sir Aur Kandho Par Rakh kar Humsafar Hote the.

*🌸Hazrat Khwaja Ghareeb Nawaz رحمته الله عليه Ne Bees Sal tak Apne Peero Mursheed Ki Khidmat Ba Barkat Me Rah Kar Riyazat wa Mujahidat kie Aur Usi Arsa me Ma’arfat wa Haqeeqat ki tamam Manzile* Tai Farma li Nez Faqeeri ke Ramooz wa Asraar Se Waqif Ho gae Aap ne Peero Murshid Se Jo Nasihat Aamiz Batein Suni Aur Hairat Angez Karamaat Ka Mushahidah Kiya Unme Se Chand Ka Zikr Zeel Me Khud *Khwaja Buzurg رحمته الله عليه ke Alfaz Me Pesh Kiya Jata Hai..

*1⃣ Ek Martaba Mai Apne Peero Murshid Hazrat Khwaja Usman Haarooni رحمته الله عليه* Ke Hamrah Sivistan Ke Safar Me tha, Ek Din Hum Sauma’a Me Pahonche Waha Ek Buzurg Rahte the Un Buzurg Ka Naam *Sadrudin Ahmad Sivistani* tha, Ye Bade Hi Mashgool Buzurg the Mai Kayi Din tak Un ki Khidmat me raha, Jo Aadmi Un ki Khidmat Me Haazir hota tha Mahroom Wapas Nahi Jata tha Aap Andar Se Koi Cheez La kar dete Aur Farmate k Mere haq me Dua karo ke Mai Imaan Salamat Le kar jau…

                                          *_{ 📚BOOK NAME:-HIND UL WALI GHARIB NAWAZ , Page No : 20-21 }_*

*_{ 🖌Writer Name :- MUNSHI ABDUL HAMEED BIHARI }_*

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*_🌷JASHN-E-KHWAJA SULTAN UL HIND🌷_*

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*_🌹SEERAT -E- HAZRAT KHAWAJA MOINUDDIN HASAN CHISTI رحمةاللّٰه عليه…🌹_*

*💖Khwaja Sahab رحمته الله عليه Bees (20) Saal Tak Peero Murshid Ki Khidmat Me*

Ye Buzurg Jis Waqt Qabr Ki Sakhti Aur Maut Ka Haal Sunte to Khaufe Khuda Se Baid Ki Manind Kanpne Lagte Aur Ankho Se Khoon Ke Aansu Jari Ho jate 7 – 7 Roz tak Motawatar Rote rahte Aur Is Qadar Rote k Dekhne Wale bhi rone lagte jab Mai Aap ki Khidmat Me Hazir huwa to Aap Usi Halata Me the Aur jab Aap ko Sukun Huwa To Meri taraf Motawajja ho kar farmaya- “Aey Azeez! Jis Ke Samne Maut Khadi ho Aur Jis ka Malekul Maut Hareef Ho Usko Sone Hasne Aur Khush Rahne Se kya Kaam? Aur Unhone phir farmaya:-

Agar Tumhe Un logo ka haal Maaloom ho jae jo Zere Zameen sote hai Aur Bichhoo bhari Kothri me band hai to Is tarah pighal jaoge jis tarah Namak Pani Me Ghul jata hai

Us k baad Farmane lage –

Aaj tees(30) Saal ke bad tumhe Ye Waqea Sunata hu k Basrah Ke Qabristan me Ek Qabr ke Qareeb Mere Sath Ek Aur Buzurg Baithe Hue the, Us Qabr ke Andar Murde Par Azaab Nazil Ho Raha tha, Chu k Woh Buzurg Sahab kashf the Un par Qabr ka Haal Raushan ho gaya ye dekh kar Zor se Naarah Maara Aur Zameen par gir pade Hamne Uthana chaha Magar Rooh Qafas Onsari Se Parwaaz Kar Chuki Thi Aur Dekhte Hi Dekhte Thodi der Me Un Ka Jism Namak Ke Manind Pighal kar Pani ho kar bah gaya “Jo Khauf Un Buzurg Me dekha woh Aaj tak kisi Me dekha Na Suna” Us ke bad Aap ne Hasb Maamool Mujhe Bhi Do Chhuware Ataa Farma kar Rukhsat kiya….

 *_{ 📚BOOK NAME:-HIND UL WALI GHARIB NAWAZ , Page No : 21-22 }_*

*_{ 🖌Writer Name :- MUNSHI ABDUL HAMEED BIHARI }_*


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*_🌹SEERAT -E- HAZRAT KHAWAJA MOINUDDIN HASAN CHISTI رحمةاللّٰه عليه…🌹_*

*_🌺Khwaja Sahab رحمته الله عليه Bees (20) Saal tak Peero Mursheed Ki Khidmat Me…_*

  Ek Roz *Hazrat Khwaja Usman Harooni رحمته الله عليه Ne Khwaja Gharib Nawaz رحمته الله عليه* Ki taraf Mokhatib Ho Kar Farmaya:

Kal Qayamat Ke Din Jitne _Ambiya, Auliya Aur Musalman Hai_’ Jo Koi Namaz Ki Zimmedariyo Se Salamati ke sath Sabuk Dosh Ho Gaya Woh Bach Gaya Aur Jis ne Namaz Ki Pabandi Nahi Ki, Use Dozakh Ki Aag Me Rahna Hoga.

*_Allah Ta’ala Quran Majeed Me Farmata hai :-_*

*فَوَیلٌ لِّلمُصَلِّينَ الَّذِينَ هُمـ عَن صَلٰوتِهِم سَاهُون*َ

*Tarjuma*:- Weel Hai Namaziyo Ke liye Jo Namaz me Susti Karte hai Is Ki Tafseer Yu Ki gai hai k Weel Dozakh me Ek Kuwa Hai Jis me Nihayat Dardnaak Azaab Rakha gaya Hai jo log Namaz Me Taakhir Karte hai Aur Waqt par Ada Nahi Karte Woh Azaab Unhi logo ke liye hai phir Aap ne Weel ki Tashreeh Is tarah Farmai:-

Weel 70 Hazaar baar Khudae Azzawajal se Arz Karta hai k ye Sakht Azaab Kis Giroh par Kiya jaega?

*Hukm Bari Ta’ala Hota hai k ye Azaab Un logo k liye Hai Jo Apni Namaze Waqt par Nahi Padhte….*

 *_{ 📚BOOK NAME:-HIND UL WALI GHARIB NAWAZ , Page No :22-23 }_*

*_{ 🖌Writer Name :- MUNSHI ABDUL HAMEED BIHARI }_*

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*_🌷JASHN-E-KHWAJA SULTAN UL HIND🌷_*

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*_🌹SEERAT -E- HAZRAT KHAWAJA MOINUDDIN HASAN CHISTI رحمةاللّٰه عليه…🌹_*

*_🌺Khwaja Sahab رحمته الله عليه Bees (20) Saal tak Peero Mursheed Ki Khidmat Me…_*

Ek Martaba Mai Aur Mere Peero Murshid Safar karte hue Daryae Dajla Ke Kinare Pahunche to Darya Tugyani par tha Mujhe fikr Huwa, Hazrat Ne Farmaya :-

“Ankhein band karo” thodi der baad jo Ankhein kholi to Mai Aur Hazrat Murshid Dajla k Us Par the Mai ne Arz kiya Ise kis tarah paar kiya”

Irshad huwa:- Panch Martaba Alhamdu Padh kar Darya Se paar utar aae”

Ek Martaba Mai Apne Peero Murshid *Hazrat Khwaja Usman Harooni رحمته الله عليه* Ke Hamrah Safar Me tha Raste Me *Khwaja Baha’addin رحمته الله عليه* Se Mulaqat Ho Gai UnKa Dastoor tha k jo shakhs Un ki Khidmat Me Hazir Hota Khali Hath Nahi Jata, Agar Koi Barhana (Nanga,Khula Huwa) Aa Jata to Aap Apne Kapde Utar Kar Dena Chahte Usi Waqt Farishte Umdah Libas Hazir Karte ham Chand Roz Un ki Sohbat me Rahe Jab ham Rukhsat Huwe to Aap Ne Nasihat Farmai :-

“Jo Kuch Tujhe Mile Use Apne Pas Na Rakhna Bal k Khuda ki Raah Me De dena Ta k Khuda ke Dosto Me Tumhara Shumar ho”

 *_{ 📚BOOK NAME:-HIND UL WALI GHARIB NAWAZ , Page No : 23-24}_*

*_{ 🖌Writer Name :- MUNSHI ABDUL HAMEED BIHARI }_*

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*_🌹SEERAT -E- HAZRAT KHAWAJA MOINUDDIN HASAN CHISTI رحمةاللّٰه عليه…🌹_*

*_🌺Khwaja Sahab رحمته الله عليه Bees (20) Saal tak Peero Mursheed Ki Khidmat Me…_*

Ek Martaba Darweshiyo ki Ek Majlis Me Apne Peero Murshid *Hazrat Khwaja Usman Harooni رحمته الله عليه* Ki Khidmat Me Hazir tha Itne Me Ek Zaeef ul umar Shakhs Aap Ki Khidmat Me Aaya, Us Ne Aap Ko Salaam kiya, Peero Murshid Ne Khade Ho kar Salaam ka jawab Diya Aur Use Bade tapaak Se bithaya Us Ne Arz Kiya, Mera Ladka 30 Saal hue Mujh se Juda hai, Pta Nahi Zindah Hai ya Nahi, Mai Uski Judai Se Shikasta Haal hu Aap Meri Imdad Farmaiye Us ki Wapsi Aur Sehat wa Salamti ke lie Fatiha Ikhlas Ki Isteda Hai Hazrat ne Jab Ye Baat Suni to MoraQabah me Sir Jhuka diya Aur Thodi Der Baad Sir Utha kar Hazreen se Mukhatib Ho kar Farmaya

” Us Peer Mard ( Badi Umr Wala Mard) Ke Ladke ki Baazyabi ke Liye Fatiha Ikhlas Padho” Chunancha Fatiha Ikhlas Padhi Gayi Uske Bad Aapne Us Budhe Se Farmaya

“Aap Jae Aur jis Waqt Aap Ka Ladka Mil Jae Usko Sath le kar Meri Mulaqat ko Aae

 *_{ 📚BOOK NAME:-HIND UL WALI GHARIB NAWAZ , Page No : 24}_*

*_{ 🖌Writer Name :- MUNSHI ABDUL HAMEED BIHARI }_*

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*_🌹SEERAT -E- HAZRAT KHAWAJA MOINUDDIN HASAN CHISTI رحمةاللّٰه عليه…🌹_*

*_🌺Khwaja Sahab رحمته الله عليه Bees (20) Saal tak Peero Mursheed Ki Khidmat Me…_*

Abhi Woh Peer Mard Raste Hi me tha k Ek Shakhs Ne Aa kar Khabar di k Aap ka Ladka Mil Gaya Ghar Pahunch kar Ladke ko Seene Se Lagaya Aur Ulte Paaw Ladke ko Sath le kar Huzur ki Khidmat me Hazir Huwa *Khwaja Usman Harooni رحمته الله عليه* Ne Us ladke se Daryaft Farmaya

“Miya kaha the “?

Us ne Arz kiya Samandar Me ek Kashti par tha Aur Kashti ke Malik ne Mujhe Zanjeero Se Bandh Rakha tha Aaj Ek Darwesh Aap ke Hamshakl Bal k Aap hi the Tashreef Farma hue Aur Zanjeero ko tod kar Meri Gardan Ko Zor Se Pakdi Aur Apne Aage Khada Kar ke Hukm Diya K Apne Paaw Mere Hath par Rakho Aur Ankhein band karo, thodi der bad Farmaya k Aankhein kholo,

Jis Waqt Maine Aankhein Kholi to Apne Aap ko Tanha Apne darwaze par khada Paya Itna kah kar Woh kuch Aur kahna chahta tha magar Aap ne Ishare se Khamosh Rahne ki Takeed Farmai Budhe Ne Ye Sun Kar Hazrat Ke Qadmo Par Sir Rakh diya Aur Baap bete Rukhsat hue…

 *_{ 📚BOOK NAME:-HIND UL WALI GHARIB NAWAZ , Page No : 24 – 25}_* *_{ 🖌Writer N

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*_🌹SEERAT -E- HAZRAT KHAWAJA MOINUDDIN HASAN CHISTI رحمةاللّٰه عليه…🌹_*

*_🌺Khwaja Sahab رحمته الله عليه Bees (20) Saal tak Peero Mursheed Ki Khidmat Me…_*

*Hazrat Khwaja Moinuddin Chishti رحمته الله عليه*Pure 20 Saal tak Apne Peero Murshid *Hazrat Khwaja Usman Harooni رحمته الله عليه* Ki Khidmat Ba Barkat Me Hazir Rahe Aur Jaan o Dil Se Peer Ke Har Hukm ki Taameel karte rahe Aap ki Is Jaan tod khidmat Ke Auz *Hazrat Sheikh Usman Harooni رحمته الله عليه* ne woh nemat Aur Daulat Ata Farmai jo Hado Hisab se Bahar hai

Chunancha Ma’arfat wa Haqeeqat ki tamam Manzile Tai karane ke baad Peer Kamil *Hazrat Sheikh Usman Harooniرحمته الله عليه* Ne Woh tamam Tabarrukat jo Unhone Buzurgane Azaam se Hasil ki thi Apne Honhaar Mureed *Hazrat Khwaja Ghareeb Nawaz رحمته الله عليه* Ko Ata farma kar Nasihat Farmai:-

Aey Moinuddin ! Khalqe Khuda Se Tam’a Na Rakhna Hargiz Aabadi Me Na thaharna Aur *Khwaja Ghareeb Nawaz رحمته الله عليه* Farmate hai k Uske bad Peero Murshid Ne Fatiha Padh kar Mere Sir Aur Ankho ko Bosa Diya Aur Farmaya :

“Tujh ko Khuda ke Supurd Kiya, Moinuddin Haq Ka Mahboob Hai Aur Mujh ko Us ki Mureedi par Bada Naaz Hai”

 *_{ 📚BOOK NAME:-HIND UL WALI GHARIB NAWAZ , Page No : 25}_*

*_{ 🖌Writer Name :- MUNSHI ABDUL HAMEED BIHARI }_*


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*_🌹SEERAT -E- HAZRAT KHAWAJA MOINUDDIN HASAN CHISTI رحمةاللّٰه عليه…🌹_*

*_🌸​Siyahat Aur Buzurgo Se Mulaqate​_*

​Khwaja Ghareeb Nawaz رحمته الله عليه​ Ne Peero Murshid ​Hazrat Khwaja Usman Harooni رحمته الله عليه​ Se Rukhsat Hasil kar k Baghdad Ka Rukh Kiya, Raste Me Mukhtalif Maqamat par Qayaam Farmate hue Kharqan Pahunche Kharqan Us zamane me Ek Chota Sa Qasba tha Magar Us ki Shohrat Ka Bais ​Sheikh Abul Hasan Kharqani رحمته الله عليه​ Ki Zaate Aqdas thi, chunancha ​Khwaja Sahab رحمته الله عليه​ ne Aap ki Zaat Babarkaat se Fayuz Batini Hasil Farmaya, Chand Roz Kharqan Me Qayam Farmane ke Bad Aap Waha Se Aage Badhe, Raste Me Jaha Kahi Koi Khuda Raseedah Buzurg Ka Mazar Mila Aap ne Qayaam Farmaya Aur Fayuz wa Barkaat Batini Hasil kiye.

Mazandaan ki Sarhad Ke Qareeb Istarabad Ek Mashhoor Aur Umdah Shahar tha jis Waqt Aap Waha Pahunche , ​Sheikh Nasiruddin رحمته الله عليه​ Waha Jalwah Afroz the, Woh Ek Buland Paaya Buzurg Aur Aarif Ballah The Un ka Silsila Sirf Do Wasto se ​Hazrat Shiekh Bayazeed Bastamai رحمته الله عليه​ Se Milta tha ​Hazrat Khwaja Ghareeb Nawaz رحمته الله عليه​ Muddat tak Un ki Sohbat Me rah kar Noor Irfaa Hasil karte rahe baad Azaa Aap waha se Rukhsat ho kar Isfahan Me Raunaq Afroz Hue Us Waqt Isfahan Duniya ke Khoobsurat Aur Mashhoor Shahro me Shumar kiya jata tha Unhi dino Asfahan Me ​Sheikh Mahmood Isfahani رحمته الله عليه​ Jalwa Afroz the, Hamare ​Khwaja رحمته الله عليه​ ne Aap se Mulaqat ka Sharaf Hasil Farmaya, Ye Mulaqat bhi Ajib Purlutf thi Do ham Asr Murdane Haq Amne Samne Khade the Aur Har Do Janib Se Faiz Wa Anwaar ki Barish Ho Rahi thi..

 *​​{ 📚BOOK NAME:-HIND UL WALI GHARIB NAWAZ , Page No :26-27 }​​*

*_​​{ 🖌Writer Name :- MUNSHI ABDUL HAMEED BIHARI }​​_*

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*_🌷JASHN-E-KHWAJA SULTAN UL HIND🌷_*

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*_🌹SEERAT -E- HAZRAT KHAWAJA MOINUDDIN HASAN CHISTI رحمةاللّٰه عليه…🌹_*

*Siyahat Aur Buzurgo se Mulaqatein*

Qudrat ka karishma to dekhiye k Usi Zamane me *Hazrat Khwaja Kutubuddin Bakhtiyar Kaki رحمته الله عليه* Murshid ki talash me Safar karte hue Udhar Aa nikle Aur Isfahan Me Qayaam Kiya Aap Aksar *Sheikh Mahmood Isfahani رحمته الله عليه* ki khidmat me Hazir hote rahte the Chu k Aap Mausoof Se Bahut Aaniqad Rakhte the Is lie Aap Se Bait karna Chahte the Magar Qudrat ko Kuch Aur hi Manzoor tha Ek din Aap ki nazar *Hazrat Khwaja Moinuddin Chishti رحمته الله عليه* Ke Rooe Aqdas Par pad gai Jis me Noor Ki Shiayi Namoodar ho Rahi thi Bas Kya tha, Aap *Hazrat Khwaja Buzurg رحمته الله عليه* Ke Girwidah Ho gae Aur Ek Roz Mauq’a Pa kar *Huzoor Khwaja Ghareeb Nawaz رحمته الله عليه* Ki Khidmat babarkat me Hazir Hue , Mudda’a Arz Kiya Aur Aap Ke daste Haq Parast Par Bai’at Kar ke Halqa-e-Aradat Me Shamil ho gae.

Baad Azaa *Hazrat Khwaja Ghareeb Nawaz رحمته الله عليه* Isfahan Se Kooch Farma Kar Hamdaan Pahunche Waha Us Waqt Ke sab se Bade Aur Zabardast Abid-o-Zahid *Hazrat Sheikh Yusuf Hamdani رحمته الله عليه* Se Mulaqat Ka sharaf Hasil kar ke Iktesab Faiz kiya Hamdan Se Aap Rawana Ho Kar Tabrez me Raunaq Afroz hue, Un Dino Tabrez me *Hazrat Sheikh Abu Saeed Tabrezi رحمته الله عليه* Ka bada Shohra tha, Chunancha *Huzoor Khwaja Ghareeb Nawazرحمته الله عليه* Kuch Arsa tak Waha Rah kar Un ki Paak Baaz Sohbat Se lutf Andoz Hote rahe Baad Azaa Aap Baghdad Tashreef Le gae

 *_{ 📚BOOK NAME:-HIND UL WALI GHARIB NAWAZ , Page No :27-28 }_*

*_{ 🖌Writer Name :- MUNSHI ABDUL HAMEED BIHARI }_*

*_📄PART=2⃣7⃣_*

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*_🌷JASHN-E-KHWAJA SULTAN UL HIND🌷_*

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*_🌹SEERAT -E- HAZRAT KHAWAJA MOINUDDIN HASAN CHISTI رحمةاللّٰه عليه…🌹_*

*🌸Khwaja Sahab رحمته الله عليه Baghdaad Me🌸*

Hamdaan se Rawana Ho kar *Hazrat Khwaja Ghareeb Nawaz رحمته الله عليه* ne Baghdaad Me Qayaam Farmaya Baghdaad Us Zamane Me Ilm-o-fun ka Markaz tha, Bade Bade Jaleel ul Qadr Aur Buland Martaba Ulmaa, Fazla, Sufiya, Silha, Attaqiya Aur Auliyae Allah Waha Maujood the Aur Un ki Mehfile Shaeqeen Uloom Zahiri Wa Batini se bhari rahti thi *Khwaja Ghareeb Nawazرحمته الله عليه* bhi Un Ki Ek Mehfil Me Pahunche Aur Faiz yaab hue, Baghdaad Pahunch kar *Huzoor Khwaja Ghareeb Nawazرحمته الله عليه* ko ye Maaloom hua k Us Zamane k Be misl Faqiya *Sheikh Abu Najeeb Soharwardi رحمته الله عليه* Aur Janab Peerane Peer Dastgeer *Sayyed Abdul Qadir Jilani رحمته الله عليه* inteqal Farma Chuke the *Khwaja Sahab رحمته الله عليه* Un Buzurgo ke Mazaar Pur Anwaar Par Hazir Hue Aur Aetqaaf Farmaya Alawa Azee Aap ne Deegar Buzurgane Azaam Ke Roohani Mazaraat par bhi Hazir ho kar Fayuz-O-Barkaat Batini Hasil kiye

Baghdaad Shareef me Aap ne *Hazrat Sheikh Uhaduddeen Karmani رحمته الله عليه* Se Bhi Mulaqat farmai Jo Un Dino Baghdaad Me Tashrif Farma the Aur Manazil Irfaan ke Marahal taiy Kar Rahe the, Dono Buzurgo Ne Ek Dusre Se Faiz Hasil kiya…..

 *_{ 📚BOOK NAME:-HIND UL WALI GHARIB NAWAZ , Page No : 28-29 }_*

*_{ 🖌Writer Name :- MUNSHI ABDUL HAMEED BIHARI }_*

*_📄PART=2⃣8⃣_*

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*_🌷JASHN-E-KHWAJA SULTAN UL HIND🌷_*

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*_🌹SEERAT -E- HAZRAT KHAWAJA MOINUDDIN HASAN CHISTI رحمةاللّٰه عليه…🌹_*

*🥀Khwaja Sahab رحمته الله عليه ALLAH Ke Darbar Me*

*💐Hazrat Khwaja Ghareeb Nawaz رحمته الله عليه* 583 Hijri Me Makka Moazzama Pahunche Aur Khanae Kaaba ki Ziyarat se Mosharraf Hue, Aksar Tawaafe Kaaba Karte Aur Ibadat Me Mashgool Rahte, Aap ne Waha Be Shumar Sa’adate Aur Barkate Hasil ki Ek Din Ka Waqea hai k *Hazrat Khwaja Ghareeb Nawazرحمته الله عليه* Khanae Kaaba Me Ibadat Me Mashgool the, Ghaib Se Aawaz Aai..

“☝Aey Moinuddin Mai Tujh Se Razi Hu, tujhe Bakhsh diya, Jo kuch tera dil chahe Mang le”

*Khwaja Ghareeb Nawaz رحمته الله عليه* Ye Sun kar Bahut khush hue Aur bekhud ho kar Sajde me Gir pade, Aap ne Bargah Izdi Me Niyahayat Aajizi wa Ankasari Se Arz Kiya

“Khudawand! Jo Mere Silsile Me Mureed Ho Un Ko Bakhshish de” Usi Waqt Nida Aai

*”Aey Moinuddin ! Teri Dua Maqbool hai Aur Qayamat tak Tere Silsile Me jo Dakhil hoga Use Bakhsh Doonga”*

 *_{ 📚BOOK NAME:-HIND UL WALI GHARIB NAWAZ , Page No : 29 }_*

*_{ 🖌Writer Name :- MUNSHI ABDUL HAMEED BIHARI }_*

*_📄PART=2⃣9⃣_*

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*_🌷JASHN-E-KHWAJA SULTAN UL HIND🌷_*

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*_🌹SEERAT -E- HAZRAT KHAWAJA MOINUDDIN HASAN CHISTI رحمةاللّٰه عليه…🌹_*

*🌷Khwaja Sahab رحمته الله عليه Rasoolallah صلى الله عليه وسلم Ke Darbar Me…🌷*

💐Makka Moazzama Se Rawana Ho kar *Hazrat Khwaja Ghareeb Nawaz رحمته الله عليه* Madeena Munawwara Aae Aur Bakamaal Ajzo(عجز) Niyaz Darbare Risalat Ma’aab Me Hazri Di Rozana Masjide Nabwi Sal’am Me Namaz Panjagana Adaa karte Aue beshatar Auqat Rauzae Aqdas ke Qareeb Hazir Rah kar Durood-O-Salam Pesh Karte rahte , Ek Roz Subha ke waqt Namaze Fajr Se Farig Hone k bad Tamam Masjide Nabwi Sal’am Ke Namazi Rauzae Aqdas ke Qareeb wajwar me Salaat-o-Salam padh kar Adab-o-Ehtaram se Rukhsat Hote ja rahe the k Yakayak Nida Aai *”Moinuddin ko Bulao”* Sheikhur Rauza Ne Mehrabe Masjid Me Khade Ho kar Aawaz di *”Moinuddin Hazir ho”*

*🌸Us Majma Me Jis Qadar Moinuddin Naam ke Afrad Maujood the, Sheikhur Rauza Ki Aawaz Par Labbaik Labbaik kahte hue Hazir Ho gae Ab Sheikhur Rauza Hairan Hai k Kis Moinuddin Ko Sarkar Ne talab Farmaya Hai Chunancha Daryaft Karne par *Huzoor صلى الله عليه وسلم* Ne Farmaya:-

“Moinuddin Chishti ko Hazir karo”

 *_{ 📚BOOK NAME:-HIND UL WALI GHARIB NAWAZ , Page No :30 }_*

*_{ 🖌Writer Name :- MUNSHI ABDUL HAMEED BIHARI }_*

*_📄PART=3⃣0⃣_*

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*_🌷JASHN-E-KHWAJA SULTAN UL HIND🌷_*

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*_🌹SEERAT -E- HAZRAT KHAWAJA MOINUDDIN HASAN CHISTI رحمةاللّٰه عليه…🌹_*

*💖Khwaja Sahabرحمته الله عليه Rasoolallah صلى الله عليه وسلم Ke Darbar Me..*

*🌼Khwaja Moinuddin Chishti رحمته الله عليه* Labbaik Labbaik kahte hue Sheikhur Rauza Ke Qareeb Pahonch Gae Sheikhur Rauza Ne Aap ko Rauzae Aqdas tak Pahuchaya Aur Arz Kiya:-

*_”Ya Rasoolallah! Moinuddin Chishti Hazir Hai”_*

*_🕌Rauzae Aqdas Ka Darwaza Khud Ba Khud Khul Gaya Aur Irshade Nabwi صلى الله عليه وسلم Hua “Aey Qutbul Mashaekh Andar Aao”_*

*Huzoor Khwaja Gharib Nawaz رحمته الله عليه* Aalamo Jadani me Rauzae Aqdas Ke Andar Dakhil hue Aur Tajalliyate Nabwi Sal’am Se Bekhudo Sar shaar Ho gae, Jab Tamaniyate Qalb Hasil Hui Hukm Hua

“Aey Moinuddin ! Tu Hamare Deen Ka Moin hai, Ham ne Wilayate Hind Tujhe Ataa ki Hindustan Ja Aur Ajmer Me Qayaam kar, Wahi Se Tableeghe Islam Karna, Khuda tujhe Barkat de ga

*Khwaja Gharib Nawaz رحمته الله عليه* Basad Adabo Ehtaram Rauzae Aqdas Se Bahar Nikle Aap par ek Khas Kaifiyat Taari thi jab Wajdani Kaifiyat Wa Sarwar Ne Qalb Ko Sukun Bakhsha to Farmane Risalat Yaad Aya Magar Hairan the k Hindustan Kidhar hai Aur Ajmer kaha hai? Isi Fikro Taraddud me the k Sham hui Or Sooraj Ghuroob Hua, Baad Namaze Ishaa Ankh lagi Aur Aap So gae Aalame Khwab Me tamam Hindustan ka Naksha Aur Ajmer ka Manzar Aap ke Samne tha, Jab Nind se Bedar hue to Sajdah-e-Shukr Ada kiya Aur Rauzae Athar Par Hazir ho kar Tohfa Darood-O-Salam pesh kar ke Hindustan ki Janib Rawana Hue..

 *_{ 📚BOOK NAME:-HIND UL WALI GHARIB NAWAZ , Page No : 30-31 }_*

*_{ 🖌Writer Name :- MUNSHI ABDUL HAMEED BIHARI }_*


𝗥𝗮𝘇𝗮 𝗪𝗮𝗵𝗶𝗱𝗶 𝗣𝗮𝗴𝗲
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MERAJ UN NABI ﷺ.

*सुन्नियत का काम करेंगे!*📚 *मसलक ए आला हजरत को आम करेंगे!



*📑​पोस्ट➪​0⃣1⃣*

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      ​​ _*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨​​*_


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*​🌷 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ​*

*_🌷प्यारे आक़ा का अज़ीम मोजिज़ा🌷_*

_“`💎👉🏽बिअसते नबवी के 12वे साल जब कि *प्यारे आक़ा ﷺ* की उम्र मुबारक 51 साल हो चुकी थी, *अल्लाह ने अपने महबूब ﷺ* को मेराज का अज़ीम मोजिज़ा अता फ़रमाया और आप को रात के एक हिस्से में न सिर्फ मस्जिदे हराम से मस्जिदे अक़्सा की बल्कि सातो आसमानों की भी सैर कराई, इलावा अजीं *अल्लाह ने हबिबे मुकर्रम ﷺ* को अपने अनवारो तजल्लियात के मुशाहदात कराए और अपने दीदार व हम कलामी से भी सरफ़राज़ फ़रमाया।_“`

*_👉🏽मेराज शरीफ का ये वाक़ीआ रजबुल मुरज्जब की 27 तारीख को पेश आया।_*

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 *_💔शक़्के सद्र💔_*

*_““💖👉🏽शबे मेराज हज़रते जिब्राइल अलैहिस्सलाम ने नबीये पाक ﷺ के सिनए पुर सकीना को शक़ फ़रमाया। आप के कल्बे अतहर को बाहर निकाला और ज़मज़म शरीफ से भरे हुवे सोने के एक थाल में रख कर धोया। फिर हिक्मत, ईमान और नूरे नबुव्वत उसमे भरा और सिनए मुबारक में उसे रख कर सुई से सी दिया।_*“`

*🍃👉🏽उलमए किराम फरमाते है कि रसूले करीम की उम्र मुबारक में 4 मर्तबा शक़्के सद्र हुवा और मेराज की रात को पेश आने वाला इन में से चौथा था।*

_1⃣👉🏽पहली मर्तबा आप की विलादते बा सआदत के वक़्त_

_2⃣👉🏽दूसरी बार जब आप की उम्र मुबारक 10 बरस थी_

_3⃣👉🏽तीसरी बार गारे हिरा में क़ुरआने मजीद की पहली वही के मौके पर।_

*_📖हवाला_*

*_📘मेराज के वाक़ीआत, स. 3-4_*


*📑​पोस्ट➪​0⃣2⃣*

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      ​​ _*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨​​*_


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*​🌷 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ​*

*_👑मेराज के दूल्हा की सुवारी👑_*

*👉🏽हज़रते अनस رضي الله تعالي عنه से मरवी है कि हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया :*

_👉🏽मेरे पास बुराक़ (जिसका नाम जारुद था) लाया गया, जो ग़धे से बड़ा और खच्चर से छोटा, इंतिहाई सफेद रंग का लंबे क़द वाला चौपाया था, उस का क़दम नज़र की इन्तिहा पर पड़ता था, में उस पर सुवार हो कर बैतूल मक़दस तक पंहुचा और जिस जगह अम्बियाए किराम अलैहिमुस्सलाम अपनी सुवारियो को बांधते थे, वहा में ने उस को बांध दिया, फिर में मस्जिदे अक़्सा में दाखिल हुवा और उस में दो रकअत नमाज़ अदा की।_

*_🖊हवाला_*

*_📚मेराज के वाक़ीआत, स. 4-5_*

*📑​पोस्ट➪​0⃣3⃣*

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      ​​ _*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨​​*_


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*​🌷 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ​*

*_🌹अम्बियाए किराम की इमामत🌹_*

*♻Part~01*

_👉🏽इस नमाज़ में *आप ﷺ तमाम अम्बियाए किराम अलैहिमुस्सलाम के इमाम थे।* क्यू की प्यारे आक़ा की शाने आली के इज़हार के लिये बैतूल मक़दस में तमाम अम्बियाए किराम को जमा किया गया था जब आप यहाँ तशरीफ़ लाए तो इन सब हज़रात ने आप को देख कर खुश आमदीद कहा और नमाज़ के वक़्त सब ने आप को इमामत के लिये आगे किया, फिर जिब्राइल ने दस्ते मुबारक पकड़ कर आगे बढ़ा दिया और आप ने तमाम अम्बियाए किराम की इमामत फ़रमाई।_

*👉🏽हज़रते अल्लामा बुसैरि रहमतुल्लाह अलैह फरमाते है :*

_बैतूल मक़दस में तमाम अम्बिया व रसूल ने आप को आगे किया, जेसे मखदूम अपने खादिमो के आगे होता है।_

_☝🏽सुब्हान अल्लाह क्या खूब नमाज़ है कि *तमाम अम्बिया व रसूल मुक्तदि, हमारे आक़ा ﷺ* इमाम और पहला किब्ला जाए नमाज़ है, यक़ीनन कायनात में ऐसी नमाज़ पहले कभी नहीं हुई, फलक ने ऐसा नज़ारा कभी नहीं देखा। बहर हाल आज शबे आसरा के दूल्हा के अव्वल और आखिर होने का उक़दा भी खुल गया, इस के राज़ से भी पर्दा उठ गया और माना रोज़े रोशन की तरह वाज़ेह हो गए, क्यू की आज आप जो कि सब से आखरी रसूल है, पहले के अम्बिया और रसूलो की इमामत फ़रमा रहे है।_

 *इसी राज़ को बयान करते हुए आला हज़रत फरमाते है :*

_नमाज़े अक़्सा में था येही सिर्र, यहाँ हो मानए अव्वल आखिर_

_कि दस्त बस्ता है पीछे हाज़िर, जो सल्तनत आगे कर गए थे_

*✔शेर की वजाहत इन्शा अल्लाह कल की पोस्ट में*

*_🖊हवाला_* *_📚मेराज के वाक़ीआत, स. 5-6_*


*📑​पोस्ट➪​0⃣4⃣*

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      ​​ _*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨​​*_


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*​🌷 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ​*

*_🌹अम्बियाए किराम की इमामत🌹_*

*♻Part~02*

*👉🏽आला हज़रते के शेर की वज़ाहत :*

_👉🏽शबे मेराज, मस्जिदे अक़्सा में *सय्यिदे अम्बिया ﷺ* ने सारे नबियो की इमामत फ़रमाई और उन को नमाज़ पढ़ाई, इस में राज़ ये था कि अव्वल आखिर का फ़र्क़ वाजेह हो जाए, ये वाज़ेह हो जाए कि सब नबियो के आखिर में तशरीफ़ लाने वाले नबी किसी नबी से शानो अज़मत में कम नहीं बल्कि शानो अज़मत में सब से बढ़ कर है,_

_इसकी दलील ये है कि वो सारे नबी जो पहले अपनी नबुव्वतो का एलान कर चुके वो सारे के सारे हाथ बांध कर मक्के मदीने के ताजवर के पीछे खड़े है।_

_👉🏽नमाज़ के बाद *हुज़ूर ﷺ* ने वहा मौजूद अम्बियाए किराम अलैहिमुस्सलाम से मुलाक़ात फ़रमाई तो सब ने अल्लाह की तारीफ़ व सना बयान की। चुनान्चे_

*👉🏽हज़रते इब्राहिम अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया :*

_☝🏽तमाम खुबिया *अल्लाह عزوجل* के लिये जिसने मुझे खलील किया और मुझे मुल्के अज़ीम इनायत फरमाया नीज़ अपना फ़रमा बरदार और लोगो का इमाम बनाया कि मेरी इक़्तिदा की जाए और मुझे आग से बचाया और इसे मेरे लिये ठंडा और सलामती वाला कर दिया।_

*_🖊हवाला_*

*_📚मेराज के वाक़ीआत, स. 6-7_*

*📑​पोस्ट➪​0⃣5⃣*

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      ​​ _*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨​​*_


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*​🌷 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ​*

*_🌹अम्बियाए किराम की इमामत🌹_*

*♻Part~03*

*👉🏽इसके बाद हज़रते मूसा अलैहिस्सलाम खड़े हुवे और अपने रब की तारीफ़ फ़रमाई :*

_☝🏽तमाम खुबिया अल्लाह के लिये है जिस ने मुझे अपना कलीम बनाया और मेरे हाथो फिरऔन को हलाज किया और बनी इसराइल को नजात दी और मेरी उम्मत (के एक गुरौह) को ऐसी क़ौम बनाया कि वो हक़ की राह बताते है और हक़ के साथ इन्साफ करते है।_

*👉🏽फिर हज़रते दाऊद अलैहिस्सलाम ने अल्लाह की तारीफ़ बयान करते हुवे फ़रमाया :*

_☝🏽तमाम खुबिया अल्लाह के लिये है जिस ने मुझे बहुत बड़ी बादशाहत दी और मुझे ज़बूर का इल्म दिया और मेरे हाथ में लोहा नर्म किया और मेरे लिये पहाड़ो और परिन्दों को मुसख्खर किया जो मेरे साथ अल्लाह की पाकी बयान करते है और मुझे हिक्मत और क़ौले फैसल (फैसला करने वाला) अता फरमाया।_

*_✒हवाला_*

*_📚मेराज के वाक़ीआत, स.7_*

*📑​पोस्ट➪​0⃣6⃣*

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      ​​ _*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨​​*_


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*​🌷 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ​*

*_🌹अम्बियाए किराम की इमामत🌹_*

*♻Part~04*

*👉🏽फिर हज़रते सुलेमान अलैहिस्सलाम ने अल्लाह की तारीफ़ बयान करते हुवे फरमाया :*

_☝🏽तमाम खुबिया अल्लाह के लिये है जिस ने मेरे लिये हवाओ को मुसख्खर किया और जिन्नात को मेरा ताबेअ बना दिया, जो मेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ उचे उचे महल्लात और तस्वीरें और बड़े हौज़ो के बराबर लगन (तशत) और लंगर दार देगे बनाते है।_

_👉🏽इसी तरह मुझे परिन्दों की बोली सिखाई और अपने फ़ज़्ल से मुझे हर चीज़ अता की और अपने बहुत से ईमान वाले बन्दों पर फ़ज़ीलत बख्शी और मुझे ऐसी सल्तनत दी जो मेरे बाद किसी को लाइक न हो और मेरी बादशाहत को ऐसा कर दिया कि इस का कोई हिसाब नहीं।_

*⭕याद रहे हज़रते सुलेमान अलैहिस्सलाम की शरीअत में तस्वीर हराम न थी।*

*_🖊हवाला_*

*_📚मेराज के वाक़ीआत, स. 7-8_*

*📑​पोस्ट➪​0⃣7⃣*

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      ​​ _*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨​​*_


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*​🌷 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ​*

*_🌹अम्बियाए किराम की इमामत🌹_*

*♻Part~05*

*👉🏽इसके बाद हज़रते ईसा अलैहिस्सलाम ने अल्लाह तआला की तारीफ़ बयान करते हुवे फरमाया :*

_☝🏽तमाम खुबिया अल्लाह के लिये है, जिसने मुझे अपना कलिमा क़रार दिया और इस बात में मुझे भी आदम अलैहिस्सलाम की तरह किया कि उन्हें मिटटी से बनाया और फ़रमाया “कुन” (होजा) तो वो हो गए_

_👉🏽और मुझे किताब व हिक्मत और तौरेत व इंजील का एल्म अता फरमाया_

_👉🏽और मुझे ये कमाल बख्शा कि में मिटटी से परन्द की सी सूरत बनाता हु, फिर उस में फुक मारता हु तो वो अल्लाह के हुक्म से फौरन परन्द हो जाती है_

_👉🏽और ये कमाल भी दिया कि में शिफ़ा देता हु मादर ज़ाद अंधे और सपेद दाग वाले को और मुर्दे जिलाता हु, अल्लाह के हुक्म से_

_और मुझे (बिगैर मौत के आस्मान पर) उठा लिया और मुझे पाक किया (काफ़िरो से) और मुझे और मेरी माँ को शैतान मर्दुद के शर से पनाह अता फ़रमाई,_

_👉🏽लिहाज़ा हमारे खिलाफ शैतान के लिये कोई रास्ता नहीं।_

*_🖊हवाला_*

*_📚मेराज के वाक़ीआत, स. 8_*


*📑​पोस्ट➪​0⃣8⃣*

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      ​​ _*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨​​*_


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*​🌷 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ​*

*_🌹अम्बियाए किराम की इमामत🌹_*

*♻Part~06*

_👉🏽जब सब अम्बियाए किराम अलैहिमुस्सलाम अल्लाह की हम्दो सना और उस की वो नेमते बयान कर चुके जो उन्हें अता हुई थी, *तो नबिय्ये आखिरउज़्ज़मा खड़े हुवे और अल्लाह की हम्दो सना बयान करते हुवे इरशाद फ़रमाया :*_

_👉🏽तमाम खुबिया अल्लाह के लिए है, जिस ने मुझे सारे जहान के लिये रहमत बना कर भेजा और मुझे खुश खबरी सुनाने वाला और डर सुनाने वाला बना कर भेजा और मुझ और कुरआन नाज़िल किया, जिस में हर चीज़ का रोशन बयान है_

_👉🏽और मेरी उम्मत को तमाम उम्मतों से अफज़ल बनाया, मेरी उम्मत ही सब से आखिरी उम्मत है और (जन्नत में दाखिल होने वाली उम्मतों में) ये सबसे पहली उम्मत होगी_

_👉🏽और अल्लाह ने हिदायत व मारिफ़त और इल्मो हिक़मत के लिये मेरा सीना कुशादा किया और उम्मत के हक़ में मेरी शफ़ाअत क़बूल कर के मेरा बोझ उतार दिया और मेरे लिये मेरा ज़िक्र बुलंद कर दिया और मुझे आखरी नबी बना कर भेजा।_

_👉🏽 *नबिय्ये करीम ﷺ* की गुफ्तगू मुकम्मल होने के बाद *हज़रते इब्राहिम अलैहिस्सलाम* ने खड़े हो कर इरशाद फरमाया कि ये वो अज़ीमुश्शान अवसाफ् व कमालात है, जिन की वजह से *👉🏽खातमुन्नबीय्यिन का मर्तबा हम सब से अफज़ल व आला है।*_

*_🖊हवाला_*

*_📚मेराज के वाक़ीआत, स. 8-9_*

*📑​पोस्ट➪​0⃣9⃣*

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      ​​ _*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨​​*_


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*​🌷 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ​*

*_🌹अम्बियाए किराम की इमामत🌹_*

*♻Part~07*

_👉🏽 अम्बियाए किराम अलैहिमुस्सलाम से मुलाक़ात के बाद जब *हुज़ूरे अकरम ﷺ* बैतूल मक़दस से आगे आसमानों की तरफ रवाना हुवे तो आप की बारगाह में शराब और दूध का बर्तन पेश किया गया। चुनान्चे *दो जहां के आक़ा ने इरशाद फरमाया :*_

_👉🏽जिब्राइल मेरे पास एक बर्तन में शराब और एक बर्तन में दूध ले कर आए, मेने दूध ले लिया। इस पर हज़रते जिब्राइल ने कहा_

_☝🏽तमाम तारीफे अल्लाह के लिये जिसने फितरत की जानिब आओ की रहनुमाई फ़रमाई, आगत आप शराब का प्याला क़बूल फरमाते तो आप की उम्मत गुमराह हो जाती।_

_*🌴नबिय्ये करीम ﷺ* फरमाते है कि फिर मुझे आस्मान की तरफ ले जाया गया। जिब्राइल ने आसमान का दरवाज़ा खट खटाया। पूछा गया कि आल कौन है ? उन्होंने कहा : में जिब्राइल हु, पूछा गया : आप के साथ कौन है ? उन्होंने कहा : ये *हज़रत मुहम्मद ﷺ* है, पूछा गया : क्या इन्हें बुलाया गया है ? उन्होंने कहा : हा इन्हें बुलाया गया है।_

_*🌴हुज़ूर ﷺ* ने फ़रमाया फिर हमारे लिए दरवाज़ा खोल दिया गया, वहा हज़रते आदम अलैहिस्सलाम से मेरी मुलाक़ात हुई, उन्होंने मुझे मरहबा कहा और दुआ दी।_

*_🖊हवाला_*

*_📚मेराज के वाक़ीआत, स. 10-11_*

*📑​पोस्ट➪​1⃣0⃣*

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      ​​ _*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨​​*_


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*​🌷 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ​*

*_🌹फ़िक्रे औलाद में गिर्या व ज़ारी🌹_*

_*🌴हुज़ूर ﷺ* ने *हज़रते आदम अलैहिस्सलाम* के दाए बाए कुछ लोगो को मुलाहज़ा फरमाया, जब आप अपनी दाई जानिब देखते तो हस पड़ते है और जब बाई जानिब देखते तो रो पड़ते है।_

_👉🏽हज़रते जिब्राइल ने अर्ज़ किया : इन के दाई और बाई जानिब जो ये सूरते है ये इनकी औलाद है, दाई जानिब वाली जन्नती है और बाई जानिब वाले जहन्नमी है।_

_👉🏽फरमाया फिर मुझे दूसरे आसमान पर ले जाया गया, जिब्राइल ने दरवाज़ा खट खटाया, पूछा गया आप कौन है ? *कहा: ये हज़रत मुहम्मद ﷺ है,* पूछा : क्या इन्हें बुलाया गया है ? कहा : हा इन्हें बुलाया गया है,_

_*👉🏽हुज़ूर ﷺ* ने फ़रमाया फिर हमारे लिये दरवाज़ा खोल गया और वहा दो खालाज़ाद भाइयो “हज़रते ईसा बिन मरयम और हज़रते याहया बिन ज़करिय्या अलैहिस्सलाम ” से मेरी मुलाक़ात हुई, उन दोनों ने मुझे मरहबा कहा और दुआ दी।_

*_🖊हवाला_*

*_📚मेराज के वाक़ीआत, स.10_*


*📑​पोस्ट➪​1⃣1⃣*

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      ​​ _*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨​​*_


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*​🌷 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ​*

_👉🏽फिर हमें तीसरे आसमान पर ले जाया गया, वहा मेरी मुलाक़ात *हज़रते युसूफ अलैहिस्सलाम* से हुई जिन्हें हुस्न का आधा हिस्सा अता किया गया है। उन्हों ने मुझे मरहबा कहा और दुआ दी।_

_👉🏽फिर चौथे आसमान पर ले जाया गया, वहा मेरी मुलाक़ात *हज़रते इदरीस अलैहिस्सलाम *से हुई उन्हों ने मुझे मरहबा कहा और दुआ दी। अल्लाह ने हज़रते इदरीस के बारे में फ़रमाया हम ने इन का बुलंद मक़ाम अता फरमाया है।_

*_🖊हवाला_*

*_📚मेराज के वाक़ीआत, स. 11_*

*📑​पोस्ट➪​1⃣2⃣*

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      ​​ _*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨​​*_


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*​🌷 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ​*

_👉🏽फिर मुझे पाचवे आसमान की तरफ ले जाया गया, वहा मेरी मुलाक़ात *हारून अलैहिस्सलाम* से हुई उन्होंने मुझे मरहबा कहा और दुआ दी,_

_👉🏽फिर मुझे छटे आसमान पर ले जाया गया वहा मेरी मुलाक़ात *हज़रते मूसा अलैहिस्सलाम* से हुई, उन्होंने मुझे खुश आमदीद कहा, और दुआ दी।_

*📨बाकि अगली पोस्ट में…*

*_🖊हवाला_*

*_📚मेराज के वाक़ीआत, स. 11_*

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*📑​पोस्ट➪​1⃣3⃣*

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      ​​ _*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨​​*_


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*​🌷 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ​*

_👉🏽फिर मुझे सातवे वासमान पे ले जाया गया, वहा मेरी मुलाक़ात *हज़रते इब्राहिम* से हुई, जो बैतूल मामूर से टेक लगाए हुवे थे और उस बैतूल मामूर में हर रोज़ 70 हज़ार फिरिश्ते जाते और जो फिरिश्ता एक बार हो आए उसको दोबारा मौक़ा नहीं मिलता।_

*👉🏽हज़रते जिब्राइल अलैहिस्सलाम ने हज़रते इब्राहिम अलैहिस्सलाम के बारे में हुज़ूरे अक़दस ﷺ से अर्ज़ किया :* _ये आप के वालिद है, इन्हें सलाम कहिये आप ने सलाम कहा, उन्होंने सलाम का जवाब दिया,_

_फिर आप को खुश आमदीद करते हुवे कहा :सालेह बेटे और सालेह नबी को खुश आमदीद।_

_👉🏽सातवे आस्मां पर *हज़रते इब्राहिम अलैहिस्सलाम* से मुलाक़ात फरमाने के बाद आप *सिदरतुल मुन्तहा* के पास तशरीफ़ लाए। ये एक नूरानी बैरी का दरख्त है, जिस की जड़ छटे आसमान पर और शाखे सातवे आसमान के ऊपर है, इसके फल मक़ामे हिज़्र के मटकों की तरह बड़े बड़े और पत्ते हाथी के कानो की तरह है।_

*👉🏽हज़रते जिब्राइल ने अर्ज़ कीया :* ये *सिदरतुल मुन्तहा* है। _*प्यारे आक़ा ﷺ* ने यहाँ चार नहरे मुलाहज़ा फ़रमाई जो *सिद्रतुल मुन्तहा* की जड़ से निकलती थी, उनमे से दो तो ज़ाहिर थी और दो खुफया (पोशीदा)। आप ने *हज़रते जिब्राइल से दरयाफ़्त फरमाया* : _ऐ जिब्राइल ! ये नहरे केसी है ? अर्ज़ किया : खुफया नहरे तो जन्नत की है और ज़ाहिरी नहरे निल और फुरात है।_

*_🖊हवाला_*

*_📚मेराज के वाक़ीआत, स.12_*

*📑​पोस्ट➪​1⃣4⃣*

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      ​​ _*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨​​*_


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*​🌷 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ​*

*_🌈मक़ामे मुरतवा🌈_*

_👉🏽जब प्यारे *आक़ा ﷺ* सिद्रतुल मुन्तहा से आगे बढ़े तो हज़रते जिब्राइल अलैहिस्सलाम वही ठहर गए और आगे जाने से माजिरत ख्वाह हुवे।_

*👉🏽शैख़ अब्दुहक़ मुहद्दिसे दहलवी अलैरहमा* _फरमाते है कि बाज़ रिवायतों में आया है कि *हुज़ूर ﷺ* ने जिब्राइल से फ़रमाया_अगर तुम्हारी कोई हाजत है तो मुझसे अर्ज़ करो, में अल्लाह की बारगाह में पेश कर दूंगा।_

*👉🏽हज़रते जिब्राइल ने अर्ज़ किया :* _बारगाहे इलाही में मेरी ये तमन्ना बयान कर दीजियेगा कि वो रोज़े क़यामत मेरे बाज़ुओं को और भी ज़्यादा कुशादा फ़रमा दे ताकि में आप की उम्मत को अपने बाज़ुओं के ज़रिए पुल सिरात से गुज़ार सकु।_

*👉🏽आला हज़रत अलैरहमा फरमाते है :*

_अहले सिरात रूहे अमीं को खबर न करे_

          _जाती है उम्मते नबवी फर्श पर करे_

*👉🏽एक दूसरे मक़ाम पर इस से भी बढ़ कर फ़रमाया :*

_पुल से उतारो राह गुज़र को खबर न हो_

          _जिब्राइल पर बिछाए तो पर को खबर न हो_

_👉🏽फिर आप तनहा आगे बढ़े और बुलंदी की तरफ सफर फरमाते हुवे एक मक़ाम पर तशरीफ़ लाए, जिसे *मुस्तवा* कहा जाता है यहाँ आप ने कलमो की चर-चराहट समाअत फ़रमाई। ये वो क़लम थे जिन से फिरिश्ते रोज़ाना के अहकामे इलाहिय्या लिखते है और लोहे महफूज़ से एक साल के वाक़ीआत अलग अलग सहिफो में नक़ल करते है और फिर ये सहिफे शाबान की *15वी शब्* मुतअल्लिक़ हुक्काम फिरिश्तो के हवाले कर दिये जाते है।_

*_🖊हवाला_*

*_📚मेराज के वाक़ीआत, स. 13_*


*📑​पोस्ट➪​1⃣5⃣*

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      ​​ _*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨​​*_


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*​🌷 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ​*

*_🌈अर्शे ऊला से भी ऊपर🌈_*

*🌀हिस्सा~01*

_👉🏽फिर मुस्तवा से आगे बढ़े तो अर्श आया, आप इससे भी ऊपर तशरीफ़ लाए और फिर वहा पहुचे जहा खुदा “कहा” और “कब” भी खत्म हो चुके थे, क्यू कि ये अलफ़ाज़ जगह और ज़माने के लिये बोले जाते है और जहा हमारे *हुज़ूर ﷺ* रौनक अफ़रोज़ हुवे वहा जगह थी न ज़माना। इसी वजह से उसे “ला मकां” कहा जाता है।_

_👉🏽मीठे और प्यारे इस्लामी भाइयो ! यहाँ अल्लाह ने अपने *महबूब ﷺ* क़ो क़ुर्बे ख़ास अता फरमाया कि न किसी को मिला न मिले। चुनान्चे *पारह 27 सुरतुन्नज्म की आयत 8-10 में इरशादे खुदावन्दि है :*_

_☝🏾फिर वो जलवा नज़्दीक हुवा फिर खूब उतर आया तो उस जलवे और उस महबूब में दो हाथ का फ़ासिला रहा बल्कि इस से भी कम। अब वही फ़रमाई अपने बन्दे को जो वही फ़रमाई।_

*_🖊हवाला_*

*_📚मेराज के वाक़ीआत, स.15_*

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*📑​पोस्ट➪​1⃣6⃣*

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      ​​ _*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨​​*_


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*​🌷 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ​*

*_🌈अर्शे ऊला से भी ऊपर🌈_*

*♻हिस्सा~02*

*👉🏽सूरए नज्म की आयत 17 में इरशाद होता है*

_☝🏽आँख न किसी तरफ फिरि न हद से बढ़ी_

_*👉🏽हज़रते इमाम जाफर सादिक़ رضي الله تعالي عنه* ने फ़रमाया कि अल्लाह ने अपने बन्दे को वही फ़रमाई जो वही फ़रमाई ये वही बे वासिता थी कि अल्लाह और अल्लाह और उसके *हबीब ﷺ* के दरमियान कोई वासिता न था और ये *खुदा और रसूल ﷺ* के दरमियान के असरार है जिन पर उन के सिवा किसी को इत्तिला नहीं।_

_👉🏽(राज़ की बातो के इलावा) अल्लाह ने अपने महबूब से इरशाद फ़रमाया कि जिब्राइल की वो हाजत जिस के बारे में तुम से अर्ज़ किया था वो क्या है ? आप ने अर्ज़ किया : ऐ अल्लाह तू उसे खूब जानता है। अल्लाह ने फरमाया : ऐ महबूब ! मेने उस की हाजत क़बूल फ़रमाई लेकिन उन लोगो के हक़ में जो तुम से महब्बत करते, तुम्हे दोस्त रखते और तुम्हारी सोहबत में रहते है।_

*_📕मदारेजुन्नुबुव्वत 1/169_*

*📑​पोस्ट➪​1⃣7⃣*

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      ​​ _*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨​​*_


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*​🌷 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ​*

*_🌈अर्शे ऊला से भी ऊपर🌈_*

*♻हिस्सा~03*

*🌴हुज़ुरे अकरम ﷺ ने फ़रमाया कि* : _अल्लाह ने मुझ पर एक दिन और रात में 50 नमाज़े फ़र्ज़ की, जब में हज़रते मूसा अलैहिस्सलाम के पास पंहुचा तो उन्होंने कहा : आप के रब ने आप की उम्मत पर क्या फ़र्ज़ किया है ? मेने कहा 50 नमाज़े फ़र्ज़ फ़रमाई है।_

*👉🏽हज़रते मूसा ने कहा* : _अपने रब के पास जा कर कमी का सुवाल कीजिये, क्यूकी आप की उम्मत 50 नमाज़े न पढ़ सकेगी, में बनी इसराइल को आज़मा चूका हु।_

*🌴आक़ा ﷺ ने फ़रमाया* : _में अपने रब के पास लौट कर गया और अर्ज़ की : ऐ मेरे रब मेरी उम्मत पर कुछ कमी फ़रमा, अल्लाह ने 5 नमाज़े कम करदी,_

_👉🏽में मूसा के पास पंहुचा और कहा की 5 नमाज़े कम कर दी है।_

_मूसा ने कहा आप की उम्मत इतनी नमाज़े भी न पढ़ सकेगी जाइये और जा कर मज़ीद कमी का सुवाल कीजिये,_

*📨बाक़ी कल की पोस्ट में..इन्शा अल्लाह..*

*_🖊हवाला_*

*_📚मेराज के वाक़ीआत, स.16_*

*📑​पोस्ट➪​1⃣8⃣*

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      ​​ _*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨​​*_


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*​🌷 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ​*

*_🌈अर्शे ऊला से भी ऊपर🌈_*

*♻हिस्सा~04*

*🌴हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया हज़रते मूसा अलैहिस्सलाम* _के पास से अल्लाह की बारगाह में जाने आने का सिलसिला जारी रहा (यानी अल्लाह की बारगाह से हर बार नमाज़ों में कुछ कमी हो जाती मगर इस के बा वुजूद हज़रते मूसा मज़ीद कमी करवाने के लिये मुझे दोबारा अल्लाह की बारगाह में भेजते रहे) हत्ता कि जब सिर्फ 5 नमाज़े रह गई_

*☝🏽अल्लाह ने फ़रमाया* :

_ऐ मुहम्मद दिन और रात की ये 5 नमाज़े है और इन में से हर नमाज़ का 10 गुना अज्र मिलेगा लिहाज़ा (अज्रो षवाब के एतबार से) ये 50 नमाज़े हो जाएगी,_

_👉🏽और (मज़ीद फजलो करम ये है कि) जो शख्स नेक काम की निय्यत करे फिर वो नेक काम न कर पाए तो उसके लिये (सिर्फ अच्छी निय्यत की वजह से) एक नेकी लिख दी जाएगी और अगर वो उस नेकी को कर गुज़रे तो 10 नेकिया लिखी जाएगी_

_👉🏽और जो शख्स बुरे काम का क़स्द करे और वो बुरा काम न करे तो उस के नामए आमाल में (बुरी निय्यत के ज़ुर्म में) कोई गुनाह नहीं लिखा जाएगा। अलबत्ता अगर वो बुरा काम कर लेगा तो अब उस की एक बुराई लिखी जाएगी।_

*_🖊हवाला_*

*_📚मेराज के वाक़ीआत, स.17_*

*📑​पोस्ट➪​1⃣9⃣*

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      ​​ _*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨​​*_


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*_🌈अर्शे ऊला से भी ऊपर🌈_*

*♻हिस्सा~05*

*🌴हुज़ूर ﷺ* _ने फ़रमाया इसके बाद में हज़रते मूसा अलैहिस्सलाम के पास पंहुचा और उन को इन अहकाम की खबर दी तो उन्होंने अब की बार भी येही कहा कि अपने रब के पास जा कर मजीद तख़फ़ीफ़ का सुवाल कीजिये, हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया : में ने हज़रते मूसा से कहा कि (नमाज़ों में कमी करवाने के लिये) में इतनी मर्तबा अपने रब की बारगाह में जा चूका हु कि अब (इस कम के लिये जाने में) मुझे हया आती है।_

_👉🏽कुरआन में 15वे पारे में सूरए इसराइल की पहली आयत में अल्लाह ने अपने महबूब ﷺ के इस सफ़रे मेराज के इब्तिदाई हिस्से का तज़किरा करते हुए फ़रमाया :_

_☝🏽पाकी है उसे जो रातो रात अपने बन्दे को ले गया मस्जिदे हराम से मस्जिदे अक़्सा तक।_

_👉🏽याद रहे कि *हमारे प्यारे आक़ा ﷺ* का सफ़रे मेराज मस्जिदे हराम से शुरू हो कर मस्जिदे अक़्सा पर खत्म नहीं हुवा था बल्कि कुरआनो हदिष से साबित है कि हुज़ूर ने मेराज शरीफ की रात न सिर्फ सातो अस्मानो की सैर फ़रमाई बल्कि इस से भी वराउल वरा (बहुत आगे) जहां तक अल्लाह ने चाहा तशरीफ़ ले गए।_

*_🖊हवाला_*

*_📚मेराज के वाक़ीआत, स. 18_*

*📑​पोस्ट➪​2⃣0⃣*

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      ​​ _*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨​​*_


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*​🌷 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ​*

*_🌈अर्शे ऊला से भी ऊपर🌈_*

*♻हिस्सा~06*

*👉🏽आला हज़रत अलैरहमा फरमाते है*: _जब हज़रते मूसा अलैहिस्सलाम को दौलते कलाम अता हुई, हमारे नबी ﷺ को वैसी ही शबे असरा मिली और क़ुर्बे खुदावन्दि की ज़्यादती और चश्मे सर से दीदारे इलाही। और भला कहा कोहे तुर जिस पर हज़रते मूसा से मुनाजात हुई और कहा अर्श से भी ऊपर जहा हमारे नबी ﷺ से कलाम हुवा।_

_👉🏽मजीद फरमाते है कि नबी ﷺ ने अपने जिसमे पाक के साथ बेदारी में मेराज की रात आसमानों पर तरक़्क़ी फ़रमाई, फिर सिद्रतुल मुन्तहा, फिर मक़ामे मुस्तवा, फिर अर्श व रफ-रफ व दीदारे इलाही तक।_

*_📒फतावा रज़विय्या, 30/646_*

_👉🏽अलबत्ता आयते मुबारका में जिस हिस्सए मेराज का बयान किया गया सिर्फ वोही हिस्सा भी ब ज़ाते खुद निहायत ही हैरत अंगेज़ मोजिज़ा है, क्यू की मस्जिदे हराम और मस्जिदे अक़्सा के दरमियान अच्छा खासा फ़ासिला था, लिहाज़ा किसी आम शख्स का मस्जिदे अक़्सा तक जाना और फिर रातो रत वापस भी आ जाना तो बहुत दूर की बात है एक रात में सिर्फ यक तरफा फ़ासिला तै करना भी मुम्किन न था।_

_👉🏽जैसा कि साहिबे रुहुल बयान हज़रते अल्लामा इस्माइल हक़्क़ी अलैरहमा फरमाते है : अक़्सा तक का ज़िक्र इस वजह से किया गया कि उस ज़माने में मस्जिदे अक़्सा से दूर कोई और मस्जिद न थी, मक्कए मुकर्रमा से सब से ज़्यादा दूर येही मस्जिद थी, मस्जिदे हराम व मस्जिदे अक़्सा के दरमियान एक महीने से भी ज़्यादा मसाफत का फ़ासिला था।_

*📔रुहुम बयान, पारा,15*

*_🖊हवाला_*

*_📚मेराज के वाक़ीआत, स. 19_*

*📑​पोस्ट➪​2⃣1⃣*

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      ​​ _*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨​​*_


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*​🌷 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ​*

*_🌹जिब्राइले अमिन के नज़्दीक सिद्दीक़🌹_*

*👉��हज़रते अबू हुरैरा رضي الله تعالي عنه से रिवायत है कि जब अल्लाह के महबूब ﷺ ने मेराज की रात जिब्राइल से इरशाद फ़रमाया :*

_👉🏽ऐ जिब्राइल ! मेरी क़ौम मुझ पर तोहमत लगाएगी और वो मेरी तस्दीक़ नहीं करेगी।_

*👉🏽जिब्राइल ने अर्ज़ की :* _अगर आप की क़ौम आप पर तोहमत लगाएगी तो क्या हुआ ? अबू बक्र तो आप की तस्दीक़ करेंगे क्यूकी वो तो सिद्दीक़ है !_

_👉🏽चुनान्चे ऐसा ही हुवा कि जब शबे मेराज की सुबह हतिमे काबा के पास खड़े हो कर हमारे आक़ा ﷺ ने लोगो के सामने इस सुहानीइराज का ज़िक्र किया तो अहले ईमान का ईमान तो और मजबूत हो गया मगर मुनाफ़िक़ीन व मुशरिकीन के तो गोया पाउ तले से ज़मीन निकल गई कि एक रात में इतना तवील सफर कैसे तै कर लिया।_

*👉🏽चुनान्चे मुशरिकीन दौड़ते हुवे हज़रते सिद्दिक رضي الله تعالي عنه के पास पहुचे..*

*_📨बाक़ी कल की पोस्ट में..इन्शा अल्लाह_*

*_🖊हवाला_*

*_📚मेराज के वाक़ीआत, 19_*

*📑​पोस्ट➪​2⃣2⃣*

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      ​​ _*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨​​*_


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*​🌷 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ​*

*👉🏽मुशरिकीन अबू बक्र सिद्दीक़ رضي الله تعالي عنه* _के पास पहुचे और कहने लगे क्या आप इस बात की तस्दीक़ कर सकते है जो आप के दोस्त ने कही है कि उन्हों ने रातो रात मस्जिदे हराम से मस्जिदे अक़्सा की सैर की ?_

*👉🏽आप ने फ़रमाया : क्या आप ﷺ ने वाक़ई ये बयान फ़रमाया है ?*

_लोगो ने कहा जी हा।_

_*👉🏽आप ने ये इरशाद फ़रमाया : अगर आप ﷺ* ने ये इरशाद फ़रमाया है तो यक़ीनन सच फ़रमाया है।_

_लोगो ने कहा क्या आप इस हैरान कुन बात की भी तस्दीक़ करते है कि वो आज रात बैतूल मक़सद गए और सुबह होने से पहले वापस भी आ गए ?_

_*👉🏽आप ने फ़रमाया : जी हा ! में तो हुज़ूर ﷺ* की आसमानी खबरों की भी सुबहो शाम तस्दीक़ करता हु। यक़ीनन वो तो इससे भी ज़्यादा हैरान कुन और तअज्जुब वाली बाते होती है।_

*👉🏽पस इस वाकिए के बाद आप सिद्दीक़ मशहूर हो गए।*

_📨बाक़ी कल की पोस्ट में..इन्शा अल्लाह_

*_🖊हवाला_*

*_📚मेराज के वाक़ीआत, स. 20_*

*📑​पोस्ट➪​2⃣3⃣*

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      ​​ _*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨​​*_


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*​🌷 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ​*

_👉🏽बाज़ बद बातिन लोगो ने आप के इस अज़ीम मोजिज़े को झुटलाने के लिये तरह तरह के सुवालात करना शुरू कर दिये। जैसा कि,_

_👉🏽हदीशे पाक में है अल्लाह के महबूब ﷺ ने इरशाद फ़रमाया : कुरैश मुझसे मेरे सफ़रे मेराज के मुतअल्लिक़ सुवालात कर रहे थे। तो उन्होंने मुझ से बैतूल मक़दस की ऐसी चीज़ों के मुतअल्लिक़ सुवालात किये, जिन्हें (गैर ज़रूरी होने की वजह से) मेने याद न रखा था। मुझे इस बात से इस क़दर गम हुवा कि इससे पहले में कभी इतना गमगीन न हुवा था, तो अल्लाह ने बैतूल मक़दस को मेरी खातिर उठा लिया और में उसे देखने लगा, लिहाज़ा कुरैश मुझसे जिस जिस चीज़ के बारे में पूछते गए, में उन्हें बताता गया।_

*📨बाक़ी कल की पोस्ट में..इन्शा अल्लाह*

*_🖊हवाला_*

*_📚मेराज के वाक़ीआत, 21_*

*📑​पोस्ट➪​2⃣4⃣*

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      ​​ _*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨​​*_


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*​🌷 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ​*

_👉🏽मुफ़्ती अहमद यार खान मुशरिकीन मक्का के उन सुवालात के बारे में फरमाते है : वो सुवालात भी फ़ुज़ूल थे। मसलन ये कि बैतूल मक़दस में सुतून कितने है ? सीढिया कितनी है ? ज़ाहिर है की ये चीज़े तो बार बार देखने पर भी याद नहीं रहती तो एक बार देखने पर याद कैसे रहती ?_

_👉🏽कुफ़्फ़ार ने कहा की अर्श व कुरसी की बाते जो आप बयान कर रहे है, उनकी तो हम को खबर नहीं, बैतूल मक़दस हमने देखा हुवा है, वहा की निशानिया आप हम को बताए,_

_👉🏽इसी लिए रब ने इस मेराज के दो हिस्से किये (एक मस्जिदे हराम) बैतूल मक़दस तक, फिर दूसरा वहा से अर्श के आगे तक, ताकि लोग इस पहले हिस्सए मेराज को बहुत दलाइल से मालुम कर ले। (लिहाज़ा जब बैतूल मक़दस की कैफिय्यत पुछि गई तो) नबी को कुछ तरद्दुद हुवा, क्यू की अगर्चे आप बैतूल मक़दस में दाखिल हुवे थे लेकिन आप ने इस की केफिय्यत के मुतालिक़ गहरी नज़र नहीं फ़रमाई थी, मजीद बर आ वो रात भी तारिक थी।_

_👉🏽अल्लाह ने हज़रते जिब्राइल अलैहिस्सलाम को हुक्म फ़रमाया तो उन्होंने अपने परो पर बैतूल मक़दस को उठा लिया और मक्कए मुकर्रमा में हज़रते अक़ील رضي الله تعالي عنه के घर के पास रख दिया, आप ﷺ उसे देखते जाते और उन के सुवालो के जवाबात देते जाते।_

_👉🏽याद रहे कि बैतूल मक़दस को उठा कर आप की खिदमत में हाज़िर किया जाना आप ﷺ का मोजिज़ा है, जिस तरह बिल्किस का तख्त (उठा कर दरबार में हाज़िर किया जाना) हज़रते सुलेमान अलैहिस्सलाम का मोजिज़ा है।_

*📨बाक़ी कल की पोस्ट में..इन्शा अल्लाह*

*_🖊हवाला_*

*_📚मेराज जे वाक़ीआत, स.21_*


*📑​पोस्ट➪​2⃣5⃣*

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      ​​ _*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨​​*_


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*​🌷 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ​*

_👉🏽बहर हाल प्यारे आक़ा ﷺ ने जब बैतूल मक़दस के बारे में मुशरिकीने मक्का की तरफ से पूछे गए तमाम सुवालात के जवाबात अता फ़रमा दिये तो चुकि वो तो हुज़ूर ﷺ के इस अज़ीम मोजिज़े पर ईमान लाने के बजाए इसे अक़्ल की कसोटी पर परख रहे थे बल्कि अपने बुग्ज़ो इनाद की जगह से इस अज़ीमुश्शान मोजिज़े को झुटा साबित करने पर कमरबस्ता थे,_

_👉🏽लिहाज़ा बैतूल मक़्दस की निशानिया पूछने और इस पर मुह की खाने के बा वुजूद भी अपनी हटधर्मी से बाज़ न आए और इम्तिहान की गरज़ से उस क़ाफ़िले के बारे में सुवाल करने लगे जो मक्कए मुकर्रमा से तिजारत की गरज़ से शाम की जानिब गया था।_

_👉🏽चुनान्चे आप ने उन्हें बताया कि वो क़ाफ़िला मक्का शरीफ और शाम के दरमियान फुला जगह पर मिला था, उसमे इतनी तादाद में पैदल आदमी है और इतने ऊंट है।_

_उन्होंने फिर आप से सुवाल किया कि वो शाम से वापसी पर किस दिन मक्कए मुकर्रमा में दाखिल होगा, तो आप ने फ़रमाया की बुध के दिन इस माह की फुला तारीख को, उसके आगे आगे एक खाकिस्तरी रंग का ऊंट होगा जिस के पालयन् के निचे का टाट सियाह होगा और उस पर दो बोरे लदे होंगे,_

*_🌴हुज़ूर ﷺ ने जिस तरह फ़रमाया था बिएनीही उसी तरह हुवा, आप के मोजिज़ात के ज़ुहुर पर मुशरिकीन शर्मिन्दा हो गए लेकिन ईमान न लाए।_*

*_🖊हवाला_*

*_📚मेराज के वाक़ीआत, स.22_*

*📑​पोस्ट➪​2⃣6⃣*

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      ​​ _*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨​​*_


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*​🌷 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ​*

*_❗शबे मेराज के मुशाहदात❗_*

*♻हिस्सा~01*

_👉🏽शबे मेराज, मुस्तफा ﷺ ने करोड़ो अज़ाइबात मुलाहज़ा फरमाए, जन्नत में तशरीफ़ ले गए, अपने उम्मतियो के जन्नती महल्लात वग़ैरा देखे, जहन्नम को देखा और झन्नमियो के दर्दनाक अज़ाबात भी देखे, फिर इनमे से कुछ अपनी उम्मत की तरगिब् और तरहिब के लिये बयान फ़रमा दिया ताकि उम्मती जहन्नमियो के दर्दनाक अज़ाबात सुन कर एक और अच्छे आमाल के ज़रिए जहन्नम से बचने की तदाबिर करे और जन्नत की न खत्म होने वाली नेमतों का सुन कर उम्मती उन नेमतों को पाने के लिये कोशिश करे।_

_*🌴हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया :* में ने शबे मेराज जन्नत के दरवाज़े पर लिखा हुवा देखा “सदके का षवाब 10 गुना और क़र्ज़ का षवाब 18 गुना है” मोतियो से बने हुवे गुम्बद नुमा आलिशान ख़ैमे मुलाहज़ा फरमाए जो कि आप की उम्मत के इमाम और मुअज़्ज़िनिन के लिये है, चन्द बुलन्दो वाला महल्लात देखे जो कि गुस्सा पिने वालो और मुआफ़ करने वालो के लिये है, रेशम के पर्दो से सजा हुवा एक महल देखा जो हज़रते अबू बक्र सिद्दीक़ رضي الله تعالي عنه के लिये है, जन्नत की सैर के दौरान हज़रते बिलाल हबशी के क़दमो की आहट सुनी, इस रात जन्नती हूरो ने बारगाहे रिसालत में सलाम पेश किया, एक ऐसे शख्स के पास से गुज़र हुवा जो अर्श के नूर से छुपा हुवा था, ये वो खुश नसीब था कि दुन्या में जिस की ज़बान अल्लाह के ज़िक्र से तर रहती थी, इस का दिल मस्जिद में लगा रहता था, ये कभी अपने वालिदैन को बुरा कहे जाने या उन की बे इज़्ज़ती किये जाने का सबब न बना।_

*📨बाक़ी कल की पोस्ट में..इन्शा अल्लाह*

*_🖊हवाला_*

*_📚मेराज के वाक़ीआत, स. 23_*

*📑​पोस्ट➪​2⃣7⃣*

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      ​​ _*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨​​*_


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*​🌷 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ​*

*_✅शबे मेराज के मुशाहदात_*

*हिस्सा~02*

_👉🏽नबी ﷺ ने शबे मेराज जो सज़ा के इंतिहाइदर्दनाक अज़ाबात देखे उन में ये भी देखा कि किछ लोगो के जड़बे खोले जा रहे थे, उन का गोश्त काट कर खून के साथ ही उन्ही के मुह में धकेला जा रहा था, ये वो बद नसीब थे जो लोगो की ग़ीबते करते थे, लोगो के एब तलाशते थे,_

_👉🏽कुछ ऐसे मर्द और औरत के क़रीब से आप का गुज़र हुवा जो अपनी छातियो के साथ लटका दिये गए थे, यव एओ बद नसीब थे, जो मुह पर ऐब लगाते थे और पीठ पीछे बुराई करते थे,_

_👉🏽कुछ ऐसे लोगो को भी देखा जिन के पेट मकानों की तरह बड़े बड़े थे और उन के पेट के अन्दर साँप बाहर से नज़र आ रहे थे, ये बद नसीब सूदखोर थे,_

_👉🏽कुछ ऐसे लोगो को भी देखा के सर पथ्थरो से कुचले जा रहे थे वो बद नसीब जिन के सर नमाज़ से बोझल हो जाते थे,_

_👉🏽उम्मत के ख़ुत्बा और कहे पर अमल न करने वालो और क़ुरआन पढ़ कर उस पर अमल न करने वालो को देखा की उन के होट आग की केचियो से मुसलसल काटे जा रहे थे,_

_👉🏽कुछ लोगो को आग की शाखों के साथ लटका हुवा देखा, ये वो बद नसीब थे जो दुन्या में वालिदैन को गालिया देते थे,_

_👉🏽बदकारी करने वाली और फिर अवलाद को क़त्ल करने वाली औरतो को इस हाल में देखा कि उन्हें छातियो और पाउ से लटका दिया गया था।_

_👉🏽यतिमो का माल खाने वालो को इस हाल में देखा कि उनके होट पकड़ कर आग के बड़े बड़े पथ्थर उन के मुह में डाले जा रहे थे और ये पथ्थर उनके निचे से निकल रहे थे_

_👉🏽ज़कात अदा न करने वालो को इस हाल में देखा कि वो चोपायो की तरह जहन्नम के ज़हरीले पौदे और जहन्नम के गर्मा गर्म पथ्थर निगल रहे थे।_

*_🖊हवाला_*

*_📚मेराज के वाक़ीआत, स.24_*

*📑​पोस्ट➪​2⃣8⃣*

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      ​​ _*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨​​*_


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*​🌷 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ​*

*_✔कर ले तौबा…! ! !_*

_👉🏽मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! कल की पोस्ट में जो अज़ाबात बयान हुए ज़रा गौर कीजिये उन पर और फिर अपनी नातुवानी व कमज़ोरी को देखिये, आह ! हमारी कमज़ोरी का हाल तो ये है कि हल्का सा सर दर्द या बुखार तड़पा कर रख देता है तो फिर आख़िरत के ये दर्दनाक अज़ाब क्यू कर बर्दाश्त किये जा सकते है,_

_👉🏽इस लिये अभी वक़्त है डर जाइये और जो फ़र्ज़ होने के बा वुजूद ज़कात अदा नही करते फौरन से पेशतर इससे तौबा करे और जितने सालो की ज़कात बाक़ी है, हिसाब कर के जल्द अज़ जल्द अदा करदे वरना अगर ये मौका हाथ से निकल गया और तौबा से पहले ही मौत ने आ लिया तो फिर मौक़ा नहीं मिलेगा।_

*_🖊हवाला_* *_📚मेराज के वाक़ीआत, स.25_


𝗥𝗮𝘇𝗮 𝗪𝗮𝗵𝗶𝗱𝗶 𝗣𝗮𝗴𝗲
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